- December 13, 2014
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना :दो समान किस्तों में बैंक/डाकघर खाते में 6,000/- रूपये
इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना को अक्टूबर, 2010 से देश के 53 प्रायोगिक जिलों में चलाया जा रहा है। अब अधिकांश राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में यह योजना स्थिर हो गई है। इस योजना में शामिल लाभार्थियों की संख्या 2010-11 में 259 से बढ़कर 2013-14 में 6 लाख के आसपास पहुंच गई है, जिससे पता चलता है कि गर्भवती एवं धात्री महिलाएं स्वास्थ्य एवं पोषण सेवाओं का लाभ उठा रही हैं। हालांकि, इंदिरा गांधी मातृत्व सहयोग योजना में संशोधन मंत्रालय में विचाराधीन है, महिलाओं की प्रसव-पूर्व एवं प्रसव पश्चात देखरेख से जुड़ी पोषण संबंधी समस्याओं पर विद्यमान योजना में पहले से ही ध्यान दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के प्रावधान के अनुसार मंत्रालय ने 05 जुलाई, 2013 से विद्यमान आईजीएमएसवाई में मातृत्व लाभ के लिए पात्रता को 4,000/- रूपये प्रति लाभार्थी से बढ़ाकर 6,000/- रूपये प्रति लाभार्थी कर दिया है।
एनएफएसए, 2013 के अनुसरण में आईजीएमएसवाई का संशोधन एवं विस्तार मंत्रालय में विचाराधीन है। एनएफएसए, 2013 के तहत परिभाषा के अनुसार पहले दो जीवित जन्म के लिए पात्र परिवारों की गर्भवती एवं धात्री माताओं को, उनकी आयु चाहे जो भी हो, संशोधित योजना के तहत लाभार्थी के रूप में शामिल करने का प्रस्ताव है।
तमिलनाडु एवं ओडिशा ने योजना के तहत मातृत्व लाभ के वितरण के लिए किस्तों की संख्या एवं उनके समय के बारे में समस्या की सूचना दी है, क्योंकि इन राज्य सरकारों द्वारा अपनी स्वयं की मातृत्व लाभ की योजनाएं चलाई जा रही हैं।
संशोधित आईजीएमएसवाई में मुख्य रूप से उन राज्यों को किस्तों की संख्या एवं उनके समय की दृष्टि से लचीलापन प्रदान करने का प्रस्ताव है, जो अपनी स्वयं की योजना चला रहे है तथा दो से अधिक किस्तों में मातृत्व लाभ प्रदान कर रहे हैं।