इंदिरा आवास योजना 2005-2013 और 2014-20 का — भाई— चारा — शैलेश कुमार

इंदिरा आवास योजना 2005-2013 और  2014-20 का — भाई— चारा — शैलेश कुमार

इंदिरा आवास योजना 2005-2013
*************************

कुल पंचायत — 8471, कुल मुखिया — 8471.

माना की प्रति पंचायत 200 आवास आवंटित किया गया।

200 * 8471= 1694200 घर।

1694200 घर * 30000= 5082600,0000/- रूपए आवंटित।

9 वर्षों  *  5082600,0000 = 457,434 00,0000 /- सरकार ने रूपए दिए।
***********************************************************
** भाई + चारा (भ्रष्टाचार) ** पंचायत से ब्लाक तक
**********************************************

** हिस्सेदारी 10,000/- **

कुल 9 वर्षों में  10000 * 200 (घर) = 20,00,000/-

 *** कुल पंचायत  और बंदर बांट ***

8471 * 20,00,000 = 169, 420, 00, 000/- रूपए।

**********************************************************************
मैंने तो सिर्फ औसत 30000 रूपए पर ही आकलन किया है जबकि कोइलख पंचायत और बेलाही पंचायत के महादलितों का  वीडियो न्यूज कवरींग में आवंटित 40000/- के बदले 30000/- रूपए ही दिया गया और 10000 रुपए भाई चारा मे गया।

ये माफिया शोर मचाया की मकान नहीं बनवाला और खा गया जिसके !
******************************
इंदिरा आवास योजना 2014 – 2020 तक
******************************

मोदी सरकार ने राशि बढ़ा कर 150000/- कर दिया ।

*** कुल पंचायत  8471***

न्यूनतम आवास आवंटन 200 घर । 8471 पंचायत * 200 घर = 1694200 घर ।

राशि —–1694200 * 150000/- = 25413000,00,00/-

6 वर्षों में * 25413000,00,00/ = 152478000,00,00/

**************************************
कुल हिस्सेदारी 30,000/-
******************
कुल घर  1694200 घर * 30,000/- = 508,260,00,000 रूपए।

6  वर्षों * 508,260,00,000 /- = 3049560,00,000/-
***********************************

नौकरीहारा——–

ऑफिस में डीलिंग कलर्क से बीडीओ तक।

मुखिया, आवास सलाहकार और इन लोगों के सहायक।

पूरे बिहार में बेरोजगारों को नीतीश कुमार जी इसी तरह रोजगार देते हैं ।




( 12 नवम्बर 2019 का रिकॉर्डिंग )

Related post

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…
जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

जलवायु परिवर्तन: IPBES का ‘नेक्सस असेसमेंट’: भारत के लिए एक सबक

लखनउ (निशांत सक्सेना) : वर्तमान में दुनिया जिन संकटों का सामना कर रही है—जैसे जैव विविधता का…
मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

मायोट में तीन-चौथाई से अधिक लोग फ्रांसीसी गरीबी रेखा से नीचे

पेरिस/मोरोनी, (रायटर) – एक वरिष्ठ स्थानीय फ्रांसीसी अधिकारी ने  कहा फ्रांसीसी हिंद महासागर के द्वीपसमूह मायोट…

Leave a Reply