- February 23, 2023
आशीर्वाद वाटर चैलेंज की कुल पुरस्कार राशि 2.5 करोड़ रुपये
दिल्ली, – द/नज सेंटर फॉर सोशल इनोवेशन (सीएसआई) और आशीर्वाद पाइप्स, भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय की साझेदारी में, आशीर्वाद वाटर चैलेंज के सात फाइनलिस्ट, जिन्हें 25 वाटर इनोवेटर्स में से चुना गया था, की घोषणा करते हुए गर्व महसूस कर रहे हैं। इन्हें 2022 में 140 आवेदकों में से छांटा गया था, जिनके इनोवेशंस में पानी की लिकेज और वितरण, अपशिष्ट पानी का शोधन, जल शोधन, पानी के वायुमंडलीय उत्पादन और यहां तक कि जल पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम करने के समाधान शामिल थे।
इनमें से कई समाधान में आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे गहन तकनीकी हस्तक्षेप का उपयोग किया जाता है और इसका लक्ष्य लागत प्रभावी होने के साथ ही पूरे देश में पानी की कमी वाले घरों तक इसका विस्तार किया जा सकता है।
फाइनलिस्ट में शामिल हैं – औम्सैट, i47 लैब्स, ओसस बायो, स्मार्टटेरा और सोलिनास।
आशीर्वाद वाटर चैलेंज की कुल पुरस्कार राशि 2.5 करोड़ रुपये है। इस चरण में सात फाइनलिस्ट में से पांच को माइलस्टोन अनुदान के रूप में 75 लाख रुपये का अनुदान दिया जाएगा। ये फाइनलिस्ट अब 1.75 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि के लिए प्रतिस्पर्धा करेंगे, जिसे विजेता समाधान और उपविजेता को दिया जाएगा।
द/नज प्राइज की डयरेक्टर कनिष्का चटर्जी ने कहा, ‘‘द/नज इंस्टीट्यूट के एक साहसिक विचार को सपोर्ट देने के लिए पानी से संबंधित विशाल पारिस्थितिकी तंत्र के सामने आने से हम प्रेरित और अभिभूत हैं। इस विचार का उद्देश्य भारत के प्रमुख वाटर-टेक स्टार्टअप्स को सामने लाना और उन्हें परवाज भरने में सक्षम बनाना है।’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘हमारे सलाहकार और महान विचारक जैसे कि प्रोफेसर असित के बिस्वास (विश्व के अग्रणी हाइड्रोलॉजिस्ट, ग्लासगो यूनिवर्सिटी), माधवन वीके (सीईओ, वॉटरएड); जूरी के सदस्यों; जल जीवन मिशन तथा विभिन्न अन्य भागीदारों ने इन स्टार्ट-अप्स के लिए उत्प्रेरक ध्यान और प्रयास प्रदान किए हैं ताकि वे अपने सॉल्यूशंस का विस्तार कर सकें और भारत की समस्या को दूर करने के लिए अपने दृष्टिकोण को परिष्कृत कर सकें।’’
आशीर्वाद पाइप्स के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपक मेहरोत्रा ने कहा, ‘‘जल सुरक्षा हमारे देश के लिए एक बड़ी चुनौती है और आशीर्वाद पाइप्स इसका स्थायी समाधान खोजने के लिए प्रतिबद्ध है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम आशीर्वाद वाटर चैलेंज के फाइनलिस्ट की घोषणा करने के लिए उत्साहित हैं और भारत के जल संकट को हल करने में उनकी वृद्धि का समर्थन करने के लिए तत्पर हैं। ये स्टार्ट-अप्स देश के नागरिकों के समक्ष आने वाली पानी की गंभीर चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं और कई अन्य लोगों को इन मुद्दों को उठाने के लिए प्रेरित करेंगे।’’
25 सेमीफाइनलिस्ट के पूल से फाइनलिस्ट्स का चयन दो राउंड में किया गया था। जल जीवन मिशन में प्रोफेसर चेयर, प्रोफेसर प्रदीप के तिवारी की अध्यक्षता में आईआईटी जोधपुर के स्वतंत्र मूल्यांकनकर्ताओं की एक टीम द्वारा सबसे पहले उनका मूल्यांकन किया गया था।
फाइनल चयन पांच जूरी सदस्यों – सुंदरराजन कृष्णन (कार्यकारी निदेशक, आईएनआरईएम फाउंडेशन), डॉ. सपना पोती (निदेशक – स्ट्रैटजिक अलायंस, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय), श्री योगेंद्र के सिंह (निदेशक, जल जीवन मिशन, पेयजल और स्वच्छता विभाग), माला सुब्रमण्यम (सीईओ, अर्घ्यम) और विश्वनाथ एस (जेनरेनमैन; सलाहकार, अर्घ्यम और ट्रस्टी, बायोम एन्वायरनमेंट ट्रस्ट) के नेतृत्व में किया गया। स्टार्टअप्स की स्कैलेबिलिटी और उसे दोहराने की क्षमता, आर्थिक व्यवहार्यता, सामाजिक परिणाम, व्यवसाय योजना और वित्त पोषण के संदर्भ में संगठनात्मक तत्परता, पर्यावरणीय प्रभाव और सस्टैनेबिलिटी, तथा लक्षित जल में गुणवत्ता सुधार जैसे मानदंडों के आधार पर जूरी ने फाइनलिस्ट्स का चयन किया।
फाइनलिस्ट्स अब जल प्रबंधन और क्षेत्र में समग्र प्रभाव के मापदंडों पर अपनी प्रगति को साबित करने की दिशा में काम करेंगे। वे बड़े पैमाने पर अपनी यात्रा में पहचानी गई सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान करेंगे, और एक रणनीतिक योजना या वास्तविक कार्रवाई के माध्यम से उनका समाधान करेंगे।
फाइनल चयन से पहले, 25 सेमी-फाइनलिस्ट्स ने छह महीने के लिए अपनी परियोजनाओं का परीक्षण किया, यूज़र-टेस्टिंग शुरू की, विभिन्न स्थानों पर अपने सॉल्यूशन की मौजूदगी का विस्तार किया और स्कैलेबिलिटी क्षमता तथा अपने इनोवेशंस के प्रभाव को समझा।
उनके पास आईएचई डेल्फ़्ट से मेंटॉरशिप प्राप्त करने और वाटरएड तथा आईएनआरईएम फाउंडेशन में इनोवेशन और प्रोग्राम टीमों के लिए अपनी टैक्नोलॉजीज को प्रस्तुत करने का भी अवसर था। उनमें से बारह ने श्री योगेंद्र कुमार सिंह, निदेशक, जल जीवन मिशन-VI, पेयजल और स्वच्छता विभाग से मुलाकात की और व्यक्तिगत प्रतिक्रिया प्राप्त की। उनमें से कई को निवेशकों तथा फाउंडेशंस से समान रूप से मान्यता, अनुदान और परामर्श के अवसर भी प्राप्त हुए। उदाहरण के लिए, सेमीफाइनलिस्ट्स में से एक सोलिनास ने शार्क टैंक इंडिया पर 90 लाख रुपये जुटाए और उर्ध्वम को TiE ग्लोबल द्वारा टीजीएस100 उभरते स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी गई।
Abhishek Verma
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