• September 3, 2015

”आशा उत्थान” : ‘सर्वश्रेष्ठ आशा अवार्ड’

”आशा उत्थान”  : ‘सर्वश्रेष्ठ आशा अवार्ड’

जयपुर – मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे द्वारा आशासहयोगिनियों के लिए विशेष प्रोत्साहन कार्यक्रम प्रांरभ करने के निर्देशों की अनुपालना में चिकित्सा विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के द्वारा विशिष्ट पहल कर ”आशा-उत्थान” कार्यक्रम शुरू किया गया है। आशा-उत्थान कार्यक्रम में आशा ज्योति, हैड आशा, सर्वश्रेष्ठ आशा अवार्ड एवं आशा दिवस कार्यक्रमों को समेकित रूप में तैयार कर क्रियान्वयन किया जायेगा।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने बताया कि समेकित अभिनव कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से प्रदेश में कार्यरत 47 हजार 653 आशासहयोगिनियों को प्रोत्साहित करने के साथ ही कौशल संवद्र्घन किया जायेगा।

मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने बताया कि ”आशा ज्योति” कार्यक्रम में एक हजार 20 कुशल आशाओं को नेशनल इन्सिटिट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग (एन.आई.ओ.एस) के माध्यम से सैकंडरी एवं सीनीयर सैकंडरी का अध्ययन खर्च एनएचएम मद से करने के प्रावधान किये जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सीनियर सैकंडरी उत्तीर्ण करने वाली आशाओं को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं में सुपरवाईजर के समान दर्जा दिया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि ”हैड आशा” के तहत् प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर कार्यरत लक्ष्य से अधिक उपलब्धियां अर्जित करने वाली आशासहयोगिनियों को हैड आशा नियुक्त के रूप में नियुक्त किया जायेगा। हैड आशा पीएचसी सुपरवाईजर के समान कार्याें का संचालन करेंगी। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दिये जाये जाने का प्रावधान किया जा रहा है।

मिशन निदेशक ने बताया कि ”सर्वश्रेष्ठ आशा अवार्ड” कार्यक्रम के माध्यम से जिले में सर्वश्रेष्ठ लक्ष्य अर्जित करने वाली आशाओं का चयन कर सर्वश्रेष्ठ तीन आशासहयोगिनियों को जिला स्तर पर पुरस्कृत कर सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि पुरस्कार स्वरूप चयनित तीन आशाओं को 5 हजार, 3 हजार एवं 2 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि पुरस्कार में दी जायेंगी।

उन्होंने बताया कि आशा-उत्थान कार्यक्रम के चौथा अभिनव कार्यक्रम ”आशा दिवस” का सीएचसी एवं पीएचसी स्तर पर आयोजन किये जायेंगे। उन्होंने बताया कि आशा दिवस आयोजनों में आशासहयोगिनियों के ज्ञान कौशल विकसित करने हेतु विभिन्न विभागीय गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के तकनीकी व सामाजिक जानकारियां दी जायेंगी।

श्री जैन ने बताया कि इन सभी अभिनव गतिविधियों हेतु वित्तीय वर्ष 2015-2016 में लगभग 40 लाख रुपये की राशि का सदुपयोग किया जायेगा।

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