• December 28, 2015

आशासहयोगिनियों को मिलेगा एएनएम प्रशिक्षण में आरक्षण -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

आशासहयोगिनियों को मिलेगा एएनएम प्रशिक्षण में आरक्षण -चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

जयपुर – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने कहा है कि स्वस्थ प्रदेश के निर्माण में ग्रासरूट वर्कर के तौर पर आशासहयोगिनियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि आशासहयोगिनियों को दक्ष एवं सक्षम बनाकर स्वास्थ्य सेवाओं में नियोजित करने के उद्घेश्य से एएनएम प्रशिक्षण में 15 प्रतिशत सीटे आशासहयोगिनियों के लिए आरक्षित की जायेंगी। आशाओं की तत्कालीन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए आशा वेलफैयर फंड भी बनाया जायेगा।
श्री राठौड़ रविवार को मध्यांह् वैशाली नगर स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ऑडिटोरियम में आशासाफ्ट के गौरवमयी प्रथम वर्ष पूर्ण करने के अवसर पर आयोजित राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों पर श्रेष्ठ कार्य कर रही 254 आशाओं, 5 ब्लॉक हैल्थ सुपरवाईजर, 5 पीएचसी हैल्थ सुपरवाईजर, 5 जिला आशा समन्वयक एवं 5 जिला नोडल अधिकारियों सहित आशासाफ्ट के सफल क्रियान्वयन में राज्यस्तरीय अधिकारियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया।
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में कार्यरत 48 हजार आशासहयोगिनियां ग्रामीण परिवारों को संस्थागत प्रसव, टीकाकरण, परिवार कल्याण गतिविधियों के साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों से जोडऩे का महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं। उन्होंने बताया कि इन आशासहयोगिनियों को निर्धारित मापदंड़ों के अनुसार पारदर्शी तरीके से समय पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने के लिए एक वर्ष पूर्व आशासाफ्ट का शुभारंभ किया गया था। इस साफ्टवेयर के माध्यम से आशासहयोगिनियों को 26 प्रकार की स्वास्थ्य गतिविधियों का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विगत् वर्ष के दौरान प्रोत्साहन राशि के रूप में लगभग 46 हजार आशाओं को 86 करोड़ 44 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि का ऑनलाईन भुगतान उनके खातों में किया जा चुका है।
श्री राठौड़ ने बताया कि आशासाफ्ट के माध्यम से समय पर भुगतान करने के साथ ही विभिन्न स्वास्थ्य गतिविधियों में आशासहयोगिनियों द्वारा किये जा रहे कार्याें का प्रभावी मूल्यांकन भी किया जा रहा है। इस मूल्यांकन से प्रदेश में मातृ मृत्युदर एवं शिशु मृत्युदर को कम करने के साथ ही स्वस्थ प्रदेश के निर्माण में महत्वपूर्ण सहयोग मिल सकेगा। उन्होंने बताया कि खातों में सीधा भुगतान होने से आशाओं का अपने कार्य के प्रति लगाव बढ़ा है एवं इससे उनकी प्रतिमाह आमदनी में वृद्घि हुयी है।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष डॉ.दिगम्बर सिंह ने ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध करवायी जा रही स्वास्थ्य सेवाओं में आशासहयोगिनियों के योगदान की प्रशंषा की। उन्होंने कहा कि आशासाफ्ट के माध्यम से समय पर भुगतान होने से मेहनती एवं ईमानदार आशासहयोगिनियों का अच्छा कार्य करने की प्रेरणा मिल रही है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आशासहयोगिनियां प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने में महत्वपूर्ण सहयोग देंगी।
इस अवसर पर बेटी बचाओ अभियान की ब्रांड एम्बेसडर एवं विधायक श्रीमती दीया कुमारी ने अपने संदेश में श्रेष्ठ कार्य करने वाली आशासहयोगिनियों के सम्मान पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए आशाओं को बधाई दी। उन्होंने कहा गर्भवती महिलाओं के चिकित्सकीय देखरेख एवं शिशुओं टीकाकरण की दृष्टि से आशायें अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य कर रही हैं। उन्होंने अपने संदेश में आशाओं से बेटी बचाओ अभियान में सक्रिय सहभागिता निभाने का आव्हान किया।
मिशन निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्री नवीन जैन ने आशासाफ्ट के बारे में अपने प्रस्तुतीकरण में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बिना किसी अतिरिक्त धनराशि का व्यय किये नेशनल इन्फोरमेटिक सेंटर के सहयोग से इस साफ्टवेयर का निर्माण किया गया है। आशासाफ्ट के माध्यम से प्रदेश की 46 हजार ग्रामीण आशाओं को उन्हें प्रदान की जा रही प्रोत्साहन राशि का ऑनलाईन भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि आशासाफ्ट को राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इस साफ्टवेयर को इलेट्स दिल्ली, इलेट्स गोवा, नेशनल कॉफ्रेंस शिमला एवं मुम्बई में आयोजित स्कोच सम्मान समारोह में सम्मानित किया गया है। विभिन्न राज्यों द्वारा भी आशासाफ्ट को लागू करने में रूचि दिखायी जा रही है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश में आशा साफ्टवेयर को विकसित कर प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए मिशन निदेशक श्री नवीन जैन, निदेशक आरसीएच डॉ.वी.के.माथुर, निदेशक सीफू डॉ.एम.एल.जैन, निदेशक वित श्री रामस्वरूप सिंह, बैंक आफॅ बड़ौदा के महाप्रबंधक श्री नागेश श्रीवास्तव, यूएनएफपीए के श्री सुनील थोमस, परियोजना निदेशक डॉ.तरूण चौधरी, परियोजना अधिकारी आशा श्रीमती वीना प्रधान, डेमोग्राफर श्री आर.सी.रावत को स्मृति चिंह् प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने 5 सर्वश्रेष्ठ जिला आशा समन्वयकों-अजमेर श्री महेश बिहारी माथुर, जयपुर-द्वितीय के श्री देवेश्वर शर्मा, करौली के श्री आशुतोष पांडे, कोटा श्री महेन्द्र कुमार वर्मा, राजसमंद के श्री हरिशंकर शर्मा सहित पांच सर्वश्रेष्ठ जिला नोडल अधिकारी- अजमेर श्री सुखपाल,बारां के श्री अवनीश सक्सेना, श्रीगंगानगर के श्री कमल गुप्ता, हनुमानगढ़ के श्री सुरेश कुमार जांगिड एवं सीकर के श्री अजीज मोहम्मद सईद को भी स्मृति चिंह् प्रदान किये।
श्री राठौड़ ने सर्वश्रेष्ठ ब्लॉक हैल्थ सुपरवाईजर-नोखा बीकारनेर के डॉ.सुरेश स्वामी, बाड़ी धोलपुर की सरितादेवी, आमेठ राजसमंद के श्री जय उपाध्याय, निवाई टोंक के श्री राजेश गुर्जर, कूदन सीकर के श्री लोकेश कुमार एवं सर्वश्रेष्ठ पीएचसी हैल्थ सुपरवाईजर-शम्भूगढ भीलवाड़ा के श्री हंसराज मीणा, सुजानगढ़ चूरु के श्री अजयकुमार, बीछीवाडा डूंगरपुर के श्री अवदेश कुमार शर्मा, धनावाद झालावाड़ के श्री यशपाल शर्मा एवं बम्बोरी प्रतापगढ़ के श्री गोपाललाल मेघवाल को स्मृति चिंह् प्रदान किया। उन्होंने प्रदेश के सभी जिलों की सर्वश्रेष्ठ आशासहयोगिनियों, जिलेवार प्रत्येक ब्लॉक की सर्वश्रेष्ठ आशासहयोगिनियों को प्रशंषा पत्र, स्मृति चिंह् एवं साडिय़ां प्रदान कर सम्मानित किया। प्रदेश के विशेष आग्रह पर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रदेश की सभी आशासहयोगिनियों हेतु साडिय़ां उपलब्ध करवायी गयी हैं।

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