• July 19, 2017

आर्टिजन डेटा और कार्ड —उद्योग आयुक्त

आर्टिजन डेटा और कार्ड —उद्योग आयुक्त

जयपुर———उद्योग आयुक्त व सीएसआर सचिव श्री कुंजी लाल मीणा ने कहा है कि राज्य के आर्टिजनों का डेटा तैयार कर विभाग के हैण्डमेड पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के आर्टिजनों व उनके उत्पादों की विस्तृत जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध होने से उनके उत्पादों को देश-विदेश में बाजार उपलब्ध हो सकेगा।

श्री मीणा मंगलवार को उद्योग भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों से रुबरु हो रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के महानिदेशक हैण्डीक्राफ्ट के सहयोग से आर्टिजनों के आर्टिजन कार्ड तैयार करवाए जा रहे हैं।

प्रदेश में करीब 28 हजार आर्टिजनों के आर्टिजन कार्ड बन चुके हैं वहीं शेष आर्टिजनों के कार्ड केन्द्र सरकार के जयपुर, जोधपुर और उदयपुर कार्यालयों व जिला उद्योग केन्द्रों द्वारा समन्वय बनाते हुए शिविर लगाकर प्राथमिकता से बनवाएं जाएंगे। उन्होंने बताया कि कार्डधारी आर्टिजनों को राज्य में विभिन्न स्थानों पर आयोजित मेला प्रदर्शनियों के साथ ही देश-विदेश में आयोजित मेला प्रदर्शनियों में प्राथमिकता दी जाएगी वहीं अन्य सहयोग व सुविधाएं भी उपलब्ध होगी।

आयुक्त श्री मीणा ने कहा कि आर्टिजनों को बेहतर प्रशिक्षण, मार्गदर्शन और विपणन सहयोग उपलब्ध कराकर शिल्पकार से उद्यमी बना कर आर्टिजनों को आर्थिक विकास की मुख्य धारा में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सितंबर माह से जिलों में उद्योग मेलों के आयोजन का सिलसिला आंरभ होगा।

श्री मीणा ने कहा कि जिला स्तरीय टास्क फोर्स की बैठकें नियमित रुप से आयोजित कराकर प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना व भामाशाह योजना में प्राप्त आवेदनों पर आवश्यक कार्यवाही कर बैंकों से ऋण उपलब्ध कराएं।

उन्होंने दोनों योजनाआें में बैंकों से समन्वय बनाते हुए गतवर्ष के बैंकों में लंबित ऋण आवेदनों पर ऋण जारी कराने के निर्देश दिए। इसी तरह से जिला कलक्टर की अध्यक्षता में उद्योग सलाहकार समिति की बैठकें भी प्रतिमाह आयोजित कराना सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने जिलों में दस्तकारों के लिए प्रशिक्षण शिविरों के आयोजन के निर्देश दिए।

बैठक में औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीएसआर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने, सीएसआर गतिविधियों को विस्तारित करने और गतिविधियों को अपलोड कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही यूएएन पंजीयनों का भौतिक सत्यापन करने, न्यायालयों प्रकरणों के लाइट्स पर अपडेशन करने, न्यायालयों में बकाया जवाबदावे प्रस्तुत करने, पार्टनर फर्मों के पंजीयन, रिप्स प्रकरणों के निस्तारण सहित विभिन्न बकाया प्रकरणों के समयबद्ध निस्तारण के निर्देश दिए।

वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी जिला उद्योग केन्द्रों के महाप्रबंधकों व विभागीय अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

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