• November 28, 2020

आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली बार वोटिंग –1 लाख रिफ्यूजी को वोटिंग का अधिकार

आर्टिकल 370 हटने  के बाद पहली बार  वोटिंग –1 लाख रिफ्यूजी को वोटिंग का अधिकार

जम्मू कश्मीर —- आर्टिकल 370 हटने और केंद्र शासित राज्य बनने के बाद यहां पहली बार वोटिंग हो रही है।

पहली बार करीब 1 लाख पाकिस्तानी रिफ्यूजी वोट डाल रहे


DDC, पंच और सरपंच चुनावों में पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के रिफ्यूजी को भी वोट करने का अधिकार दिया गया है। सात दशक में पहली बार ऐसा है कि जब ये रिफ्यूजी राज्‍य में पंचायत स्तरीय चुनाव में वोटिंग कर पाएंगे।

जानकारी के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में पश्चिमी पाकिस्तान से आए शरणार्थियों के 22 हजार से अधिक परिवार हैं।

संख्‍या 1.5 लाख से ज्यादा है। इनमें 1 लाख रिफ्यूजी को वोटिंग का अधिकार है।

आर्टिकल 370 लागू रहने तक ये रिफ्यूजी केवल लोकसभा चुनाव में ही वोट कर पाते थे। इन्हें विधानसभा, स्थानीय निकाय चुनाव और पंचायती चुनाव में वोट डालने का अधिकार नहीं था।

DDC के लिए 296 प्रत्याशी मैदान में

पहले चरण की वोटिंग जारी है। यह दोपहर 2 बजे तक होगी। इन 7 घंटों में जिला विकास परिषद (DDC) के 43 सीटों के लिए 296 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला वोटर्स करेंगे। इनमें 25 सीटें कश्मीर और 18 जम्मू की हैं। पंच और सरपंच के उपचुनाव के लिए कुल 1179 प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें 899 पंच और 280 प्रत्याशी सरपंच पद के लिए अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

16 वॉर्ड के चुनाव भी होंगे। इनमें श्रीनगर के 2 वॉर्ड के लिए 21 और पहलगाम के 9 वॉर्ड के लिए 31 प्रत्याशी मैदान में हैं। अनंतनाग जिले के 5 वॉर्ड चुनाव के लिए 10 प्रत्याशियों ने नामांकन किया है।

राज्य चुनाव आयोग ने पहले चरण की वोटिंग के लिए 2644 पोलिंग बूथ बनाए हैं। यहां 7 लाख 3 हजार 620 वोटर्स वोट करेंगे।

वोटिंग से जुड़ी अहम जानकारी

पोलिंग बूथ पर बैलट से वोटिंग ।

कोरोना मरीज, आइसोलेट किए गए, बुजुर्ग और शारीरिक रूप से बीमार लोग पोस्टल बैलट से वोट करेंगे।

सुरक्षा के लिहाज से पुलिस और पैरा मिलिट्री फोर्स की 165 कंपनियों को तैनात किया गया है।

कश्मीर के कुपवाड़ा में LOC से सटे कई इलाकों में मतदाता कम हैं। यहां हेलीकाप्टर से चुनावी सामग्री और स्टाफ भेजे गए हैं।

पहली बार प्रदेश की 6 पार्टियां में

जम्मू कश्मीर के इतिहास में यह पहली बार है, जब राज्य की 6 प्रमुख पार्टियां एकसाथ मिलकर चुनावी मैदान में हैं। आर्टिकल 370 हटने के बाद इन पार्टियों ने मिलकर गुपकार अलायंस बनाया है। इनमें डॉ. फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस, महबूबा मुफ्ती की अगुआई वाली पीडीपी के अलावा सज्जाद गनी लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट और माकपा की स्थानीय इकाई शामिल है। इनके सामने भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं। मौजूदा राजनीतिक समीकरण के अनुसार गुपकार अलायंस कश्मीर में मजबूत है, जबकि भाजपा की स्थिति जम्मू में काफी मजबूत है।

8 फेज में वोट?

पहला फेज : 28 नवंबर
दूसरा फेज : 01 दिसंबर
तीसरा फेज : 04 दिसंबर
चौथ फेज : 07 दिसंबर
पांचवां फेज : 10 दिसंबर
छठा फेज : 13 दिसंबर
सातवां फेज : 16 दिसंबर
आठवां फेज : 19 दिसंबर

नवंबर-दिसंबर 2018 में पंचायती चुनाव हुआ था। इनमें 33 हजार 592 पंच सीटों पर 22 हजार 214 प्रत्याशी और 4,290 सरपंच पदों पर 3,459 प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की थी। बाकी सीटें खाली रह गई थी, जहां अब उप चुनाव हो रहे हैं।

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