- November 25, 2015
आयुर्वेद चिकित्सा सनातन है – केदारनाथ शुक्ल
सीधी (विजयसिंह)- भारत में आयुर्वेद चिकित्सा सनातन है। वेदों में आयुर्वेद का पांचवा स्थान है। हमारे ऋषि- मुनियों ने जंगल में हजारों वर्ष की तपस्या और शोध के बाद जड़ी-बूटियों से आयुर्वेद का सृजन किया था।
सीधी से भाजपा के वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ल, जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के नवीन भवन के उद्घाटन उपरांत उपस्थित जन समुदाय व चिकित्सकों को सम्बोधित कर रहे थे। श्री शुक्ल ने कहा- आपके पास वही रोगी आते हैं जो वर्तमान की एलोपैथी चिकित्सा से निराश हो चुके होते हैं।
वह आपके पास पूरे विश्वास के साथ आते हैं कि उन्हें राहत मिलेगी।भारतीय चिकित्सा पद्धति के चिकित्सकों को भी अपनी पूरी योग्यता व तन्मयता से पीड़ित का उपचार कर ना चाहिये और अपनी पद्धति पर पूरा भरोसा रखना चाहिये।
श्री शुक्ल ने नगर के प्रसिद्ध वैद्य पं. अनुसुईया प्रसाद का पुण्य स्मरण करते हुये कहा कि वैद्यजी इसी मुहल्ले के रहवासी थे। वह मूलतःशिक्षक थे। वह स्वयं टी.बी. जैसे असाध्य रोग से पीड़ित थे, उन्होने आयुर्वेद की किताब पढ़कर स्वयं उपचार किया। आयुर्वेद के प्रति अगाध निष्ठा और विश्वास के बल पर वह अन्य का उपचार भी करने लगे। .
कालांतर में वह रीवा जाकर बस गये, किन्तु सप्ताह में दो – दिन के लिये सीधी आते रहे। उनके पास किसी तरह की डिग्री नहीं थी, किन्तु उनकी प्रसिद्धि व आयुर्वेद के प्रति-समर्पित सेवा का सम्मान करते हुये मध्यप्रदेश सरकार ने उन्हें मध्यप्रदेश आयुर्वेद परिषद्में नामित किया था।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे पूर्व आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डा. भूपेन्द्रसिंह चौहान ने जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में आ रही व्यवहारिक कठिनाईयों की ओर स्थाननीय विधायक का ध्यान आकृष्ट कराया।
आर.एम.ओ. डा. महेन्द्रसिंह परिहार ने प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुये आयुर्वेद चिकित्सालय की भूमिको अतिक्रमण से मुक्त कराते हुये बाऊण्ड्री वाल निर्मित कराने का आग्रह किया।जिसे विधायक श्री शुक्ल ने सहर्ष स्वीकार किया।कार्यक्रम का संचालन सेवा निवृत्त आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डा. केदारनाथ शर्मा ने किया।
इस अवसर पर भाजपा नेता एवं विधायक प्रतिनिधि विश्व बंधुधर द्विवेदी, पुनीत नारायण शुक्ला, गुरु दत्त शरण शुक्ल की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
विजयसिंह
स्वतंत्रपत्रकार
राज्य स्तरीय अधिमान्य
19, अर्जुन नगर