• February 4, 2021

आमजन में पुलिस की सकारात्मक छवि का प्रसार करने की जरूरत – राज्यपाल

आमजन में पुलिस की सकारात्मक छवि का प्रसार करने की जरूरत  – राज्यपाल

जयपुर— राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा है कि पुलिस अपराधों की रोकथाम करने के साथ ही समाज हितकारी कार्यों में भी उल्लेखनीय भूमिका निभाती है। कोविड वैश्विक महामारी के दौर में पुलिस ने अपनी भूमिका बहुत अच्छे से निभाई है। उन्होंने आवश्यकता जताई कि ब्रिटिश काल से चली आ रही पुलिस की दमनकारी छवि को बदलते हुए इसकी सकारात्मक छवि आमजन में प्रस्तुत की जानी चाहिए।

राज्यपाल आज यहां राजभवन से सरदार पटेल पुलिस, सुरक्षा एवं दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय जोधपुर के स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत भी मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे। श्री मिश्र ने वर्तमान समय के अनुरूप पुलिसिंग रणनीतियों पर जोर देते हुए कहा कि अपराधों के स्वरूप लगातार बदलने तथा नई-नई प्रौद्योगिकी के विकास के कारण पुलिस से पहले की तुलना में उम्मीदें कई गुना बढ़ी हैं।

उन्होंने कहा कि डिजिटल मुद्राओं के चलन के कारण साइबर मनी लॉन्डि्रंग की नई चुनौती उभर कर सामने आई है। साइबर क्राइम में अपराधियों के बढ़ते रूझान, एन्कि्रप्टेड मैसेजिंग एप्स के इस्तेमाल और डार्क वेब में ड्रग्स की बिक्री को देखते हुए सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी से संबंधित नवीनतम तकनीक से पुलिस को आद्यतन किये जाने की आवश्यकता है, पुलिस विश्वविद्यालय को इस दिशा में पहल करनी चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि भारतीय संस्कृति से जुड़े जीवन मूल्यों की सीख पुलिस में जाने वालों को कैसे मिले, इसके लिए भी कार्य करने की जरूरत है। उन्होंने पुलिस विश्वविद्यालय को पुलिसिंग, सुरक्षा और आपराधिक न्याय के क्षेत्र में अध्ययन और अनुसंधान के साथ ही अकादमिक उत्कृष्टता के लिए कार्य करने का सुझाव दिया। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पुलिस विश्वविद्यालय संगठित अपराधों की रोकथाम, मानव व्यवहार प्रबंधन, आपदा प्रबंधन, अपराध मनोविज्ञान के क्षेत्र में विशेष पाठ्यक्रम विकसित करे।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस सेवा और सुरक्षा व्यवस्था के क्षेत्र में गहन शोध एवं अनुसंधान के लिए जोधपुर में सरदार पटेल पुलिस सुरक्षा एवं दाण्डिक न्याय विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था को लेकर वर्तमान में आ रही चुनौतियों तथा आंतरिक सुरक्षा जैसे विषयों में विशेषज्ञता हासिल करने की दिशा में यह विश्वविद्यालय अहम भूमिका निभाए।

श्री गहलोत ने कहा कि दुनिया में तेजी से बदलते हालात, साइबर अपराधों सहित सुरक्षा से संबंधित विभिन्न पक्षों में मजबूती हासिल करने के लिए ऎसे विश्वविद्यालयों का महत्व बढ़ जाता है। राज्य सरकार ने हाल ही में केन्द्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी और सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय के बीच साझेदारी की पेशकश की है। इसके माध्यम से जोधपुर में फोरेंसिक साइंस इंस्टीटयूट स्थापित हो सकेगा, जिससे फोरेंसिक विशेषज्ञ तैयार होंगे और पुलिस जांच का कार्य वैज्ञानिक तरीके से हो सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे महान नेताओं के लंबे संघर्ष के बाद देश आजाद हुआ और हमें एक मजबूत संविधान मिला। संविधान के सिद्धांतों के कारण ही 70 साल बाद भी हमारे देश में लोकतंत्र कायम रहा। तमाम विभिन्नताओं के बावजूद हमारा देश एक है, अखंड है। उन्होंने राज्यपाल श्री कलराज मिश्र द्वारा कार्यक्रमों में संविधान की प्रस्तावना तथा मूल कर्तव्यों के वाचन की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे संवैधानिक मूल्यों को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी और युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्यों को हर व्यक्ति आत्मसात करे।

श्री गहलोत ने देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने देशी रियासतों के एकीकरण में ऎतिहासिक भूमिका निभाई। साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा को चाक चौबंद करने और पुलिस प्रशासन को मजबूत बनाने के लिए ठोस कदम उठाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने विगत दो साल में कई नवाचारों के माध्यम से पुलिसिंग को पब्लिक फ्रेंडली बनाते हुए बेहतर कानून-व्यवस्था कायम की है। इन नवाचारों से प्रदेश में अपराधों के निस्तारण में काफी तेजी आई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान पहला राज्य है जहां फरियादी को न्याय दिलाने की सोच के साथ अनिवार्य एफआईआर रजिस्ट्रेशन की नीति लागू की गई है। थानों में स्वागत कक्ष बनाए गए हैं। महिला अपराधों की त्वरित तफ्तीश के लिए हर जिले में पुलिस उपाधीक्षक का पद सृजित किया है। इन सबसे आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय के आधारभूत ढांचे को मजबूत बनाने तथा शैक्षणिक उन्नयन के लिए पूरा सहयोग करेगी।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. आलोक त्रिपाठी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र से संबंधित विषयों के अनुसंधान तथा इस विषय में छात्रों, पेशेवरों और पुलिस अधिकारियों के शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए विश्वविद्यालय में आज से ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन यूएन स्टडीज‘ की स्थापना की जा रही है।

राज्यपाल ने इस अवसर पर ‘संयुक्त राष्ट्रः 1945 से 2020 एक सिंहावलोकन‘ पुस्तक और सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑन यूएन स्टडीज के न्यूज लेटर का विमोचन किया। कार्यक्रम के आरम्भ में राज्यपाल श्री मिश्र ने संविधान की उद्देश्यिका तथा मूल कत्र्तव्यों का वाचन करवाया।

सम्मेलन के दौरान प्रमुख शासन सचिव गृह श्री अभय कुमार, राज्यपाल के सचिव श्री सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी श्री गोविन्दराम जायसवाल सहित प्रशासनिक, पुलिस एवं विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकारी एवं शिक्षकगण ऑनलाइन उपस्थित थे।

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