- February 7, 2017
आपसी सहमति000 भीख मंगवाने के आरोपी को पांच वर्ष का कठोर कारावास
प्रतापगढ़/07 फरवरी 2017-(सतीश साल्वी)– जिला मुख्यालय पर आज का दिन दुर्घटना में पीडि़त पक्षकारों को नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड से संबंधित 05 दुर्घटना दावों में 03 लाख 19 हजार रूपये की मुआवजा राशि हेतु सहमति प्रस्ताव तैयार होने का रहा।
दूर्घटना में पीडि़त पक्ष के दिलों को कुछ हद तक सुकुन मिले और अपनी पीड़ा के प्रतिफल स्वरूप बीमा कम्पनी ओर से दी जाने वाली मुआवजा राशि पाने के लिये मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण में लम्बित नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड के दावों के निस्तारण हेतु मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण- न्यायाधीश-राजेन्द्रसिंह की अध्यक्षता में प्रि-कॉउन्सिलींग का दौर चला।
राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रभावी एवं सफल आयोजन के अनुसरण
मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण न्यायाधीश-राजेन्द्रसिंह की अध्यक्षता
चले प्रि-कॉउन्सिलींग के दौर का ही नतीजा रहा जिसके चलते दूर्घटना में पीडि़त पक्षकार एवं विपक्षी नेशनल इंश्योरेन्स उप-प्रबन्धक-बी.सी.रेगर एवं बीमा कम्पनी प्रतिनिधि जयन्तिलाल मोदी, सिद्धार्थ मोदी एवं रतनलाल सुखववाल के मध्य आपसी तालमेल एवं सामंजस्य संभव हो सका और 05 मामलों में 03 लाख 19 हजार मुआवजा राशि के सहमति प्रस्ताव तय हो पाये।
आज सवेरे से ही चले प्रि-कॉउन्सिलींग दौर में दुर्घटना में पीडि़त पक्ष के अभिभाषकगण-मांगूसिंह चौहान, अमजदखां पठान, फिरोजखां पठान, गोपाललाल कुमावत, नारायणलाल धोबी, मनीष नागर, इत्यादि कई सक्रिय सहभागिता निभाई।
प्राधिकरण के बैनर तले 11 फरवरी को होगा राष्ट्रीय लोक अदालत का होगा आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार समूचे राज्य भर में एक साथ सभी न्यायालयों में 11 फरवरी को राष्ट्रीय लोक अदालत के आयोजन में सैकड़ों मामलों में लोक अदालत ऐसी धारा न कोई जीता न कोई हारा की भावना से ओत प्रोत-न्यायालयों में लम्बित सभी प्रकार के राजीनामा योग्य दीवानी, फौजदारी, चैक अनादरण(एन.आई.एक्ट)प्रकरण, राजस्व मामले, बैंक से संबंधित दावें, दूर्घटना से संबंधित दावे, समस्त उपभोक्ता प्रकरण, समस्त जन-उपयोगी सेवा विवाद, बैंक ऋण वसूली के प्रि-लिटीगेशन सैकड़ो मामले एक साथ सुनवाई की जावेगी।
हेरोईन तस्करी दस वर्ष की सजा व एक लाख रू. जुर्माना विशिष्ठ न्यायाधीश एन0डी0पी0एस0 प्रकरण प्रतापगढ़ प्रदीप कुमार जैन ने हेरोईन तस्करी के अभियुक्त सोनु टेलर पिता नरेन्द्र टेलर निवासी प्रतापगढ़ को दस वर्ष का कठोर कारावास व एक लाख रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया। अदम अदायगी अर्थदण्ड एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई है।
प्रकरण के संक्षिप्त तथ्य इस प्रकार है कि दिनांक 04.05.2014 को केन्द्रिय नारकोटिक्स ब्यूरो प्रतापगढ़ के निरीक्षक लक्ष्मण कटारिया, गिरवरपुरी को सूचना मिली कि सोनू टेलर निवासी प्रतापगढ़ दिनांक 05.05.2014 को 250 ग्राम से 300 ग्राम ब्राउन शुगर लेकर इन्दार जोधुपर बस से जावेगा।
इस सूचना पर नारकोटिक्स अधिकारी के निवारक दल श्री जगदीश मावल अधीक्षक के नेतृत्व द्वारा छोटीसादड़ी रोड पर अम्बामाता के यहां बस को रूकवाकर तलाशी ली तो सोनु टेलर की गोदी में रखे बैग की तलाशी लोने पर 265 ग्राम ब्राउन शुगर बरामद हुई जिसे सोनु टेलर ने भी हेरोईन अपनी होना स्वीकार किया।
इस पर सोनु टेलर को गिरफ्तार किया जाकर न्यायालय में आरोप पत्र पेश किया। न्यायालय द्वारा अन्वीक्षा की गई अभियोजना की ओर से आरोप साबित करने हेतु 6 मौखिक साक्ष्य पेश की गई तथा 27 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये गये। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुन अपना निर्णय सुनाया।
नारकोटिक्स विभाग की ओर से कृष्णचन्द्र शुक्ल विशिष्ठ लोक अभियोजक द्वारा पैरवी की गई। मो. 9672660522 (न्यायालय एन0डी0पी0एस0)
नाबालिग छात्राओं का अपहरण कर भीख मंगवाने के आरोपी को पांच वर्ष का कठोर कारावास एवं अर्थदण्ड———–जिला एवं सत्र न्यायाधीष राजेन्द्र सिंह ने एक महत्वपूर्ण प्रकरण में निर्णय सुनाते हुए नाबालिग छात्राओं का अपहरण कर भीख मंगवाने के आरोपी को पांच वर्ष का कठोर कारावास एवं अर्थदण्ड से दण्डित किया।
लोक अभियोजक तरूण दास वैरागी ने बताया कि दिनांक 17.03.2015 को प्रार्थी रमेश पिता रामा मीणा निवासी रलाई थाना अरनोद ने थाने पर उपस्थित होकर एक रिपोर्ट पेश की थी कि उसकी पुत्रीयां जिनकी उम्र 7 वर्ष एवं 5 वर्ष है, जिन्हें वेस्ता पिता जीवाजी मीणा उम्र 40 वर्ष गांव मुवाल थाना घण्टाली अपहरण कर ले गया। उसकी पुत्रीयां मामा के यहां गई हुई थीं। जहां से अभियुक्त ने उन्हें अपने पिता के घर छोड़ने का कहकर ले गया था।
इस पर पुलिस थाना सुहागपुरा द्वारा प्रकरण संख्या 57/15 दर्ज कर अनुसंधान किया गया। जिसमें प्रार्थी की नाबालिग लड़कियों को उदयपुर की एक फेक्ट्री के पास से बरामद किया गया और जिनसे गहन पूछताछ कर अभियुक्त के विरूद्ध धारा 363क में अपराध प्रमाणित पाया जाने से गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से प्रकरण में आठ गवाह एवं ग्यारह दस्तावेजी साक्ष्य प्रदर्शित करवाये गये।
पुलिस अनुसंधान के दौरान तथा न्यायालय में हुए बयानों के दौरान नाबालिग लडकियों ने अभियुक्त द्वारा उसे माता-पिता के घर नहीं छोड़कर उदयपुर लेजाकर भीख मंगवाने के लिये दोनों के हाथों में कटोरा देकर बिठा देने तथा शाम को अभियुक्त द्वारा भीख के पैसे लेने की बात कही। न्यायालय ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर अभियुक्त के इस कृत्य को गम्भीर मानते हुए कहा कि नाबालिग बच्चों के प्रति बढ़ते हुए अपराध को देखते हुए अभियुक्त को उक्त अपराध में दोषसिद्ध मानते हुए पांच वर्ष के कठोर कारावास व अर्थदण्ड से दण्डित किये जाने का निर्णय सुनाया।
अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी लोक अभियोजक तरूणदास वैरागी ने की।
प्रतापगढ़ जिले में इस तरह का पहला मामला तथा मुख्य गवाह के रूप में दोनों नाबालिग लड़कियों ने न्यायालय में हू-ब-हू घटना का वर्णन किया व अभियुक्त को पहचाना, जिसके परिणामस्वरूप अभियुक्त को सजा हुई।