• February 5, 2016

आपदा में राहत जोखिम बीमा एक कारगर उपाय – गृह मंत्री

आपदा में राहत  जोखिम बीमा एक कारगर उपाय – गृह मंत्री

जयपुर – गृह मंत्री श्री गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि राज्य प्रत्येक वर्ष किसी न किसी आपदा को झेलता रहता है और सरकार को विस्तृत पैमाने पर राहत कार्य करने पड़ते हैं, जबकि हमें राहत कि जगह जोखिम को कम करने एवं जोखिम को हस्तांतरित करने के उपायों को सोचना होगा जिसमे बीमा एक कारगर उपाय हो सकता है।
श्री कटारिया गुरूवार को शासन सचिवालय में आपदा प्रबंधन एवं यूनिसे$फ विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य के संचालित कार्यक्रमों पर विस्तृत विचार-विमर्श कर रहे थे। उन्होंने यूनिसे$फ के प्रतिनिधियों से सरकार का सहयोग करने का सुझाव दिया। यूनिसे$फ से आए अधिकारियों ने राज्य में किए जा रहे कार्यक्रमों के बारे में प्रस्तुतीकरण किया। जिसमे बताया कि कार्यक्रम का मुख्य केंद्र बच्चे एवं महिलाएं हैं, क्योकि किसी भी आपदा में सबसे ज्यादा बच्चे एवं महिलाएं प्रभावित होते हैं। कार्यक्रम के बारे में चर्चा करते हुये बताया कि आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्यक्रम के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन एवं राज्य की सबसे प्रमुख आपदा सूखा को भी शामिल किया गया है। शासन सचिव ने इन कार्यक्रमों के साथ-साथ राज्य में पूर्व में किए गए आपदा प्रबंधन एवं राहत के कार्यों का दस्तावेजीकरण करने का सुझाव दिया तथा साथ ही राज्य स्तर पर संबंधित विभागों के उच्चाधिकारिओं के साथ एक कार्यशाला कर सभी हितभागियों को संवेदित करने का भी सुझाव दिया तथा राज्य स्तर पर संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों के साथ एक कार्यशाला कर सभी हितभागियों को संवेदित करने का भी सुझाव दिया।
शासन सचिव श्री रोहित कुमार ने बताया कि राज्य में दो बड़े कार्यक्रम भारत सरकार के गृह विभाग के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ द्वारा प्रस्तावित हैं, जिनमे पहला कार्यक्रम राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण प्लेटफार्म का दूसरा सत्र अप्रेल माह के प्रथम पखवाड़े किया जाना प्रस्तावित है एवं इसी वर्ष के नवंबर माह में आपदा जोखिम न्यूनीकरण विषय पर एशिया के सभी सदस्य देशों के गृह मंत्रियों का सम्मेलन तय किया गया है। इन सम्मेलनों के आयोजन में राज्य की तरफ से शासन सचिव नें यूनिसे$फ के सहयोग का प्रस्ताव रखा जिसे यूनिसे$फ के अधिकारियों ने स्वीकार किया।
अंत में शासन सचिव ने विश्व आपदा जोखिम न्यूनीकरण सम्मेलन सेंडई जापान 2015 के अनुरूप राज्य में 15 वर्षों के लिए आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोडमैप के तैयारी का भी प्रस्ताव रखा।

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