- August 5, 2017
आदिवासी नवजात –अतिरिक्त अंग हटाने के लिये 4 घंटे तक जटिल ऑपरेशन,
जयपुर———-सिरोही जिले के पिण्डवाड़ा कस्बे की गरीब आदिवासी फूली बाई ने अस्पताल में जब एक विचित्र बालक को जन्म दिया तो उसकी खुशियां तनाव में तब्दील हो गई। नवजात बालक के पेट पर एक अन्य अद्र्ध-विकसित बच्चे के अंग जुड़े हुए थे।
बालक के दो के स्थान पर चार पांव थे। इसके अतिरिक्त दूसरे अंग भी एक के स्थान पर दो थे। बच्चे का इलाज कैसे कराए, पैसा कहां से लाए, कैसे बच्चे को स्वस्थ जीवन दे, आदिवासी फूली बाई और उसके परिवार को कुछ भी नहीं सूझ रहा था।
जीवन और मृत्यु से जूझ रहे इस बच्चे के परिजनों को जब पता चला कि भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना इसके इलाज में मददगार साबित हो सकती है तो उम्मीद की एक नन्ही किरण उन्हें दिखाई दी। चिकित्सा प्रशासन ने भी इस बालक की जान बचाने में मदद की। तत्काल इसे उदयपुर के महाराणा भूपाल अस्पताल भेजा गया लेकिन वहां भी इलाज संभव नहीं हो सका।
उदयपुर से यह बालक एम्बूलेंस के माध्यम से जयपुर के जेके लॉन अस्पताल लाया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय को जब इसका पता चला तो जेके लॉन अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता को नवजात की बेहतर चिकित्सा के निर्देश दिए।
फिर क्या था जुट गई जेके लॉन चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम। अधीक्षक डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि हमारे सीनियर प्रोफेसर एवं यूनिट हैड पीडियाट्रिक सर्जरी डॉ. प्रवीण माथुर के नेतृत्व में डॉ. श्रीकेत सिंह, डॉ. दिनेश कुमार बारोलिया ने डॉ. नीलम डोगरा तथा डॉ. अनुपमा गुप्ता के सहयोग से इस बालक का भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में निःशुल्क सफल ऑपरेशन किया।
करीब चार घंटे चले इस कठिन ऑपरेशन में इस नन्हे बालक के शरीर से जुड़े एक अन्य अविकसित बालक के अंगों को हटाया गया। अब यह बालक स्वस्थ है और जेके लॉन अस्पताल के सर्जिकल नर्सरी में भर्ती है, जहां चिकित्सकों की देखरेख में इसका निःशुल्क इलाज चल रहा है। मुख्यमंत्री ने बच्चे के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।
ऑपरेशन के बाद बच्चे का पिता रमेश मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे का आभार जताते नहीं थक रहा है। जो भी जाता है उससे कहता है कि उनकी कृपा से ही हमारे बच्चे का जीवन बच पाया है। रमेश ने कहा कि मुख्यमंत्री ने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना हम जैसे गरीब लोगों के लिए बनाई है जो हमारे लिए वरदान है जिससे गरीबों को निःशुल्क चिकित्सा का लाभ मिल रहा है।