- December 7, 2020
आदर्श विवाह : वर्तमान स्थिति में अनोखा मिशाल
मधुबनी –(बिहार)– कोविड 19 के कालखंड में एक अनोखा सुखद संदेश सामने आई है। 6 दिसम्बर को बिस्फी प्रखण्ड स्थित मुरलियाचक ग्राम के निवासी “सूर्यकांत चौधरी पुत्र राजेन्द्र चौधरी” और ज्योती कुमारी पुत्री रमण झा ग्राम प्रखण्ड रहिका, स्थानीय गोकुलबली मंदिर आदर्श परिणय सूत्र में बंध गये।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सेवा विभाग के प्रमुख धीरेन्द्र जी की अगुवाई में विवाह मंदिर में मात्र 1100 रुपये का प्रसाद चढाकर सम्पन्न कराया गया।
मास्क और 21 लोगों के साक्ष्य में यह विवाह बिना तामझाम के सुखद पूर्वक सम्पन्न हुआ ।
इस अवसर पर अभिभावक के रूप संघ के सह विभाग संघचालक शरदेन्दु मोहन शर्मा सहित प्रांत, विभाग एवं जिला अन्य अधिकारी और विधान पार्षद सुमन महासेठ और भाजपा विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के जिले स्तर के प्रमुख लोगों ने आशीर्वाद दिया ।
आदर्श परिणय सूत्र की सराहना करते हुए उपस्थित कुटुम्बों ने अनुकरणीय सराहनीय पहल बताते हुए कहा की जहां दहेज लोलुपता की भावना फैलाती है वही आदर्श विवाह दो परिवार के सम्बन्धों को एक सूत्र में बांध कर प्रेममयी परिवार का निर्माण करता है । आदर्श विवाह से दो परिवारों के बीच प्रेम और सहयोग की भावना पनपती हैं।
आदर्श या प्रेम विवाह के संबंध मे हम कुछ विदेशी कथनों का उल्लेख करना चाहेंगे :—
“The highest happiness on earth is the happiness of marriage.”
—William Lyon Phelps
“Nobody has ever measured, even poets, how much a heart can hold.”
—Zelda Fitzgerald
“Gravitation is not responsible for people falling in love.”
—Albert Einstein
आज जब बिना दहेज का कोई मुंह नहीं खोल रहा है इस परिस्थिति में सूर्यकान्त चौधरी का यह कदम अति प्रशंसनीय है और उनके परिवार का यह स्वीकार्य कदम काबिलेतारीफ है।
मुझे रामधारी सिंह दिनकर जी की यह कविता याद आ गई है , शायद यहाँ यह पंक्ति उपयुक्त होगा —
वर और वधू के लिय समर्पित —
———प्रेम का सौदा————–
—- प्रेम का सौदा बड़ा अनमोल रे !
निःस्व हो, यह मोह-बन्धन खोल रे !
—- फूल जो खिलता प्रल्य की गोद में,
ढूँढ़ते फिरते उसे हम मोद में ।
शैलेश कुमार (वेव संपादक,मधुबनी)