आदर्श आचरण संहिता : दो अधिकारी को नोटिस

आदर्श आचरण संहिता : दो अधिकारी को नोटिस

नगरीय निकायों के आम निर्वाचन-2014:

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नगरीय निकायों के आम निर्वाचन-2014 के लिये प्रभावशील आदर्श आचरण संहिता के उल्लंघन के मामले में आज दो अधिकारी को नोटिस जारी कर शाम तक स्पष्टीकरण माँगा गया। सचिव राज्य निर्वाचन आयोग श्री जी.पी. श्रीवास्तव ने 7 नवम्बर की सुबह प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास से समाचार-पत्र में प्रकाशित खबर ‘अब आर्किटेक्ट देंगे बिल्डिंग परमिशन” और समाचार-पत्र में प्रकाशित खबर ‘जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र 7 से 60 दिन में बनेंगे” पर सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग को स्थिति स्पष्ट किये जाने के निर्देश दिये थे।

इस संबंध में प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन एवं विकास श्री एस.एन. मिश्रा ने स्पष्ट किया कि विभाग की किसी योजना की घोषणा का उद्देश्य नहीं था। इस संबंध में विभाग द्वारा कोई विज्ञप्ति भी नहीं जारी की गई। सचिव लोक सेवा प्रबंधन विभाग श्री हरिरंजन राव ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं को लोक सेवा गारंटी अधिनियम के अधीन लाया जा रहा है, लेकिन विभाग द्वारा आज समाचार-पत्र में प्रकाशित योजना के बारे में कोई भी विज्ञप्ति नहीं जारी की गई।

राज्य निर्वाचन आयुक्त द्वारा अनुशंसा की गई कि विभाग द्वारा आदर्श आचरण संहिता प्रभावशील होने के दौरान किसी भी तरह की नई सेवाओं और योजनाओं, जिनका कार्य-क्षेत्र नगरीय निकाय हो सकते हैं, के संबंध में घोषणा पर नियंत्रण रखा जाये। उन्होंने नगर पालिका निर्वाचन के लिये शासकीय विभागों एवं कर्मचारियों के लिये आदर्श आचरण संहिता की ओर ध्यान आकर्षित किया, जिसमें निर्वाचन की प्रक्रिया के दौरान मतदाताओं को लाभान्वित करने की दृष्टि से कोई सुविधा या छूट देना या किसी नई योजना की स्वीकृति जारी करने पर प्रतिबंध है। श्री परशुराम ने कहा कि इसका आशय यह भी है कि आगे की भावी योजनाओं अथवा आकांक्षाओं को भी मुखरित करने में आदर्श आचरण संहिता की अंतर्विहित भावनाओं का आदर किया जाये।

राजेश पाण्डेय

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