आतंकवाद और अह्मवाद का निराकरण शंकराचार्य के एकात्मवाद से ही संभव

आतंकवाद और अह्मवाद का निराकरण शंकराचार्य के एकात्मवाद से ही संभव

भोपाल :(सुनीता दुबे)————-मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आतंकवाद और अह्मवाद का निराकरण शंकराचार्य के एकात्मवाद से ही संभव है। मुख्यमंत्री आज शहडोल में एकात्म यात्रा के अंतर्गत आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
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उन्होंने कहा कि आदि गुरू शंकराचार्य का अद्वैत्व वेदांत कहता है कि सारा विश्व एक परिवार है। जीव-जंतु-पेड़-पौधौं सभी में परम् ब्रम्ह का अंश है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिशंकराचार्य का दर्शन एकता के सूत्र में बंधकर विश्व के कल्याण की ओर प्रशस्त करता है। आज विश्व में आपसी विवादों को लेकर तनाव की स्थिति बनी हुई है। कई देश युद्ध के कगार पर खड़े हैं और अपने अह्म के कारण विनाशकारी हथियारों के माध्यम से सम्पूर्ण विश्व को संकट में डालने पर आमादा हैं।

ऐसी परिस्थितियों में आदिशंकराचार्य का एकात्मवाद ही विश्व को शांति और सुखमय जीवन की ओर प्रशस्त कर सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिशंकराचार्य का दर्शन सामाजिक समरसता, एकता और बंधुता का संदेश देता है, इसे सभी को अंगीकार करते हुये समाज में बंधुता और समरसता पैदा करने में सहयोग करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिशंकराचार्य ने देश में चार पीठों की स्थापना की तथा भारत के सनातन धर्म की कुरीतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय दर्शन में जीव-जंतु, पशु-पक्षी, पेड़-पौधों को भी महत्वपूर्ण स्थान दिया गया हैं। हम विभिन्न स्वरूपों में बड़, पीपल, तुलसी, सुपारी की पूजा करते हैं तथा नारियल को परम पवित्र मानते हैं।

श्री चौहान ने कहा कि वसुधा की सुरक्षा के लिये जंगलों के विनाश को रोकना होगा, पेड़ लगाने होंगे तथा पेड़ों की सुरक्षा करनी होगी। उन्होंने कहा कि नदियों की पवित्रता और शुद्धता को चिरस्थायी बनाने की आवश्यकता है। समाज में बंधुत्व, भाईचारा और एकता के भाव पैदाकर देश की सुख-समृद्धि में योगदान करना सभी वर्गों का नैतिक दायित्व है।

आचार्य सुखदेवानंद ने कहा कि आदि गुरूशंकराचार्य का अद्वैतवाद समाज में बंधुता और एकता का मार्ग प्रशस्त करता है। आदि गुरू शंकराचार्य ने जब देश में विपरीत परिस्थितियां थीं, तब अद्वैतवाद का दर्शन दिया। मध्यप्रदेश सरकार ने आदि गुरू शंकराचार्य के अद्वैतवाद के दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने के लिये लोगों में एकता और बंधुता का भाव पैदा करने के लिये सराहनीय प्रयास किया है।

मध्यप्रदेश देश का मुख्य बिंदु है। यहां से अद्वैतवाद के दर्शन के माध्यम से बंधुता, समरसता और एकता का संदेश पूरे विश्व में जाना चाहिए। आचार्य बसंतराव गॉडगिल ने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने गुरू शंकराचार्य के दर्शन को उन्होंने जन-जन तक पहुंचाने का अनुकरणीय कार्य किया है।

यह एक पवित्र और पुनीत कार्य है, इसकी सभी को सराहना करनी चाहिए और इस पवित्र कार्य में भागीदार बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के इस पवित्र कार्य को अन्य प्रदेशों को भी अपनाना चाहिए।

प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदि गुरू शंकराचार्य की पादुकाओं का पूजन किया। आचार्यों एवं धर्मगुरूओं का पुष्पहारों, शाल एवं श्रीफल से स्वागत किया। ध्वज पूजन तथा कन्या पूजन किया। जनसंवाद कार्यक्रम में सांसद श्री ज्ञान सिंह और विधायक श्रीमती प्रमिला सिंह ने भी अपने विचार रखे।

इस अवसर पर शंभूनाथ विश्वविद्यालय शहडोल के कुलपति श्री मुकेश तिवारी, जनजातीय आयोग के अध्यक्ष श्री नरेंद्र मरावी, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती उर्मिला कटारे एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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