- May 8, 2020
आईएएस अधिकारी —– इस्तीफा
हरियाणा काडर की आईएएस अधिकारी रानी नागर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
1- रानी नागर
नागर ने एक ट्वीट कर के लिखा था कि चंडीगढ़ गेस्ट हाउस में कई बार उनके खाने में स्टेपलर पिन मिली हैं। अपनी निजी सुरक्षा का हवाला देते हुए उन्होंने 4 मई 2020 को इस्तीफा दे दिया।
हालांकि, हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने उनका इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। वैसे रानी नागर ने पहले ही इसकी शंका जताते हुए कहा था कि अगर उनका इस्तीफा नामंजूर होता है तो इसका मतलब है कि उनका शोषण होता रहेगा।
बता दें कि वह कई दिनों से सुरक्षा की मांग कर रही थीं, लेकिन उन्हें सुरक्षा मुहैया नहीं कराई जा रही थी।
2- कन्नन गोपीनाथन
केरल के रहने वाले आईएएस अधिकारी कन्नन गोपीनाथन (Kannan Gopinathan) ने जम्मू-कश्मीर में मूलभूत अधिकारों के निलंबन के खिलाफ ‘आवाज सुनी जाने’ के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने कहा था- ‘देश के एक हिस्से में इतने लंबे समय से मूलभूत अधिकारों का निलंबन और अन्य राज्यों से कोई प्रतिक्रिया नहीं होना मुझे काफी पीड़ा दे रहा है। यह निचले स्तर तक हर जगह हो रहा है।
मैं अपने विचार देना चाहूंगा कि यह स्वीकार नहीं है।’ उनका आरोप था कि कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर लोगों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से वंचित किया जा रहा है।
वह अगस्त 2018 में उस समय चर्चा में आए थे, जब उन्होंने बिना किसी को बताए राज्य में आई भीषण बाढ़ के दौरान राहत कार्यों में हिस्सा लिया था और बाद में सुर्खियों में आए थे।
3- एस शशिकांत सेंथिल
कर्नाटक कैडर के आईएएस एस शशिकांत सेंथिल ने 6 सितंबर 2019 को अपने प्रशासनिक पद से इस्तीफा दे दिया था। वह दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त पद पर तैनात थे।
आईएएस ने इस्तीफा देते हुए लिखा था- ‘मैंने प्रशासनिक पद से इस्तीफा देने का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि मुझे लगता है कि आज अभूतपूर्व तरीके से लोकतंत्र के संस्थानों को दबाया जा रहा है। मौलिक अधिकारियों को ब्लॉक कर दिया गया है। ऐसे में मैं सिविल सर्विस में रहना अनैतिक समझता हूं।’
शशिकांत सेंथिल सीसीडी के मालिक और एसएम कृष्णा के दामाद वीजी सिद्धार्थ की आत्महत्या मामले की जांच भी कर रहे थे। उन्हें जून 2017 में दक्षिण कन्नड़ जिले का उपायुक्त बनाया गया था।
4- हर्ष मंदर
गुजरात में 2002 में हुए दंगों के बाद आईएएस अधिकारी हर्ष मंदर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और अब वह एक सामाजिक कार्यकर्ता हैं।
उन्होंने 22 साल तक नौकरी करने के बाद इस्तीफा दिया था। वह मोदी सरकार के खिलाफ अक्सर मुखर रहते हैं। नागरिकता कानून समेत उन्होंने मोदी सरकार के कई फैसलों का विरोध किया है।
5- अरुणा रॉय
सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय (Aruna Roy) ने 1974 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
2011 में एक न्यूजपेपर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था- ‘ऐसी कोई परिस्थिति नहीं होती, जिसमें एक शख्स कुछ सीखे नहीं, लेकिन आईएएस सेवा ने मुझे वो सिखाया, जो में नहीं सीखना चाहती थी।
मैंने ये भी सीखा कि कैसे सरकारी नौकरी के साथ-साथ आपके अंदर एक घमंड आ जाता है।’
पिछले ही साल उन्होंने आईएएस सेवाओं पर सवाल उठाते हुए कहा था- ‘सिविल सेवाएं इस समय नाजुक दौर से गुजर रही हैं।
कार्यरत आईएएस अधिकारी यह कहते हुए सिविल सर्विस से इस्तीफा दे रहे हैं कि सरकार द्वारा उनके संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन किया जा रहा है।’