• May 28, 2019

आईआईआईटी- नया रायपुर –प्रथम बी.टेक प्रोग्राम में प्रवेश

आईआईआईटी- नया रायपुर –प्रथम बी.टेक प्रोग्राम में प्रवेश

रायपुर———- डेटा साइंस, डेटा एनालिटिक्स एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती मांग और उपयोगिता को देखते हुए, यूजीसी से मान्यता प्राप्त राज्य विश्वविद्यालय और छत्तीसगढ़ सरकार एवं एनटीपीसी के बीच एक संयुक्त उपक्रम के तौर पर छत्तीसगढ़़ के रायपुर में स्थापित इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आफ इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी, नया रायपुर (आईआईआईटी-एनआर) ने अकादमिक वर्ष 2019.20 से डेटा साइंस एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भारत का पहला बी.टेक प्रोग्राम शुरू किया है।

इस संस्थान ने आगामी अकादमिक वर्ष (2019-20) से डेटा साइंस एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में एक एम.टेक प्रोग्राम भी शुरू किया है

आईआईआईटी नया रायपुर के कुलपति एवं निदेशक डाक्टर प्रदीप के. सिन्हा ने कहा, डेटा की तेज़ वृद्धि और इन आंकड़ों से निकाले जा रहे ज्ञान के स्तर ने डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का गहरा ज्ञान रखने वाले विद्यार्थियों के लिए कई नए और उत्साहवर्धक पैदा किए हैं।

डेटा साइंस एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हमारे नए बी.टेक प्रोग्राम के दायरे में आंकड़ों को सूचना में तब्दील करने के लिए आंकड़ों का संग्रह, उनका प्रबंधन, विश्लेषण आदि की पद्धति एवं एल्गोरिथम शामिल है। इससे ज्ञान का सृजन संभव हो सकेगा और कई क्षेत्रों में निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

आईआईआईटी-एनआर में डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में नए प्रोग्राम्स को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है जिससे कि आज कारपोरेट जगत में जबरदस्त मांग वाले कौशलों में डेटा साइंस,आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसी प्रौद्योगिकियों के मामले में थ्योरी और व्यवहारिक दृष्टि से मजबूत आधार के साथ विद्यार्थी तैयार किए जा सकें।

दुनियाभर में डेटा एनालिटिक्स के लिए बाज़ार वर्ष 2017-2023 के बीच साल दर साल 30.08 प्रतिशत की वृद्धि दर से बढ़ने का अनुमान है जिससे यह 77.64 अरब डालर के पार चला जाएगा।

आंतरिक एवं सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध आंकड़ों के स्रोतों से आंकड़ों का संग्रह करने जैसे उद्देश्यों के लिए लगभग सभी उद्योग में वेब क्रालर्स और इन हाउस डेटा वैज्ञानिकों की आज जरूरत है।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply