- December 21, 2015
अशिक्षा को दूर करने की आज सबसे बड़ी आवश्यकता – न्यायाधिपति लोढ़ा
जयपुर – राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधिपति संगीत राज लोढ़ा ने शिक्षा का अधिकार कानून की विस्तृत व्याख्या एवं इसे महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि अशिक्षा को दूर करने की आज सबसे बड़ी आवश्यकता है। समाज में पढने की जरूरत समझकर छ: से चौदह वर्ष तक का हर बच्चा स्कूल जाएं और शिक्षा प्राप्त करें, ऐसी संकल्पबद्दता होनी जरूरी है।
न्यायाधिपति लोढ़ा रविवार को जोधपुर के बिलाडा में राजकीय सीनियर माध्यमिक स्कूल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित मेघा विधिक चेतना एवं लोक कल्याणकारी शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि समस्याओं का कारण अशिक्षा है और निदान शिक्षा है। छ: से चौदह वर्ष तक के बच्चों का स्कूल में नामंाकन ही नहीं हो, बल्कि उनको गुणवतापूर्ण शिक्षा के साथ विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं भी मुहैय्या होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा को एक मिशन के रूप में लिया जाए, अशिक्षा को दूर करने का संकल्प लेकर अभियान चलाया जाए।
उन्होंने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून में यह भी प्रावधान है कि पंचायत, निकाय विभाग व अन्य संबंधित संस्थाएं 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों का शिक्षा संबंधी ब्यौरा रखें। अनिवार्य शिक्षा का ध्यान रखें और प्रत्येक बालक बालिका स्कूल जाएं। लोक कल्याणकारी सरकार का भी दायित्व है कि कोई बच्चा अशिक्षित नहीं रहें। उन्होंनें आह्वान किया कि सभी परिजन 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को स्कूल लेकर जाएं और उनको शिक्षा से जोड़े, बच्चों को स्कूल भेजने का अभियान चलाए। उन्होंने बताया कि नए कानून में यह भी प्रावधान है कि शैक्षणिक सत्र के मध्य भी स्कूल में दाखिला दिया जाएगा।
न्यायाधिपति लोढ़ा ने कहा कि लोक कल्याणकारी राज्य में लोगों को योजनाओं का लाभ मिले, यह निश्चित ही आमजन के लिए सुकून की बात है। उन्होंने स्वच्छ भारत मिशन पर चर्चा करते हुए कहाकि स्वच्छता का अभियान अपने घर से शुरू करें। स्वच्छता के संदेश को अंगीकार कर संकल्प के साथ कार्य करने की जरूरत है। न्यायाधीश लोढा ने कहा कि संविधान में राज्य के लिए नीतिनिदेशक तत्व होना आवश्यक है। आमजन अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहे, इसलिए संविधान में संशोधन किया गया। कमजोर वर्ग के हर व्यक्ति को न्याय प्राप्त करने का अवसर मिले। विधिक सेवा प्राधिकरण राष्ट्रीय, राज्य व जिला स्तर बनाया, विधिक सहायता समिति का गठन व विधिक व सहायता क्लिनिक भी बनाए गए। उन्होंने कहा कि बाल विवाह, कन्या भ्रुण हत्या, बाल श्रमिक जैसी अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने के साथ अधिकारों के प्रति जागरूक करने व दायित्वों का निर्वहन की भी आवश्यकता है।
जिला एवं सत्र् न्यायाधीश मनोज व्यास ने शिविर की परिकल्पना व उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि गरीब व कमजोर वर्ग के व्यक्तियों को न्याय से वंचित नहीं होना पड़े इसलिए विधिक सहायता, विधिक सेवा प्रसार व विधिक परामर्श के लिए प्राधिकरण बनाए गए। उन्होंने कहा कि लोककल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करना भी विधिक अधिकार है। इस शिविर में भी विभिन्न योजनाओं के तहत लगभग दस हजार लोग लाभान्वित होने जा रहे है।
जिला कलक्टर डा. प्रीतम बी.यशवंत ने कहा कि सरकार ने अनेक सरलीकरण किए है उसका उपयोग किया जाए। आधारकार्ड, भामाशाह कार्ड व बैंक खाता खुलवाने के बाद किसी की आने वाले समय में कोई शिकायत नहीं रहेगी। बायोमेट्रिक सिस्टम में भुगतान सीधे उनके खाते में जाएगा। प्रत्येक अटल सेवा केन्द्र में व्यवस्था की गई है, आधारकार्ड व भामाशाह कार्ड बनाए और इससे जुड़े। उन्होंने स्वच्छता अभियान के लिए आह्वान किया कि स्वच्छता संबंधी अपनी जिम्मेदारी निभाने की जरूरत है। यह संकल्प ले कि हर घर में शौचालय बनाकर उसका उपयोग करेंगे और खुले में शौच नहीं करेंगे।
नोडल अधिकारी जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरूण कुमार पुरोहित ने बताया कि इस शिविर में 16 विभागों के अधिकारी-कर्मचारी भाग ले रहे है जो विभिन्न काउण्टरों पर विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित करने की कार्यवाही कर रहे है। लाभान्वितों को चिन्हित किया गया है। उन्होंने बताया कि खुले में शौच से मुक्त में लक्ष्य से अधिक उपलब्धियंा अर्जित करेंगे।
न्यायाधीश लोढ़ा ने शिविर में 9 विकलांगों को ट्राईसाईकल, पांच बालिकाओं को साईकिलें, चार निशक्तजनों को बैशाखियंा प्रदान करने के साथ ही वृद्वावस्था, विधवा विकलांगता पेंशन पी पी ओ, इंदिरा आवास योजना के अधिकार पत्र, श्रमिक कल्याण मण्डल पंजीकृत श्रमिकों को डायरी, नगरपालिका बिलाड़ा की ओर से पेंशन पी पी ओ तथा स्वच्छ भारत शहरी योजना के लाभार्थियो को चैक प्रदान कर लाभान्वित किया। न्यायाधीश लोढ़ा ने विभिन्न विभागों के काउण्डर पर जाकर जायजा भी लिया और ग्रामीणों से बातचीत भी की।
प्रारंभ में न्यायाधीश ने सरस्वती पूजन किया। एडीजे अजय कुमार भोजक के अलावा उपखण्ड अधिकारी मुकेश चौधरी एवं न्यायिक व प्रशासनिक अधिकारीगण व गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सी जे एम शिवानी जौहरी भटनागर ने आभार व्यक्त किया।
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