अमौसी एयरपोर्ट के बाद कहां गायब – मेरा भाई -: मो0 शाहिद

अमौसी एयरपोर्ट के बाद  कहां गायब – मेरा भाई -:  मो0 शाहिद

लखनऊ, 8 जुलाई 2015। रिहाई मंच ने आजमगढ़ के ग्राम मोमारिजपुर निवासी मोहम्मद जाकिर के पिछले 13 जून से अमौसी एयरपोर्ट लखनऊ से गायब होने पर अब तक पुलिस द्वारा उन्हें ढूढंने में नाकाम होने को सूबे में ध्वस्त कानून व्यवस्था का नजीर बताया है। रिहाई मंच कार्यालय पर हुई पत्रकार
वार्ता में जाकिर के भाई मोहम्मद शाहिद ने कहा कि एक महीने से लगातार अमौसी एयरपोर्ट, थाना सरोजिनीनगर व शासन-प्रशासन के तमाम अधिकारियों का चक्कर लगाने के बावजूद उनके भाई का अब तक न पता चलने से पूरा परिवार सकते में है।
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जाकिर के भाई मोहम्मद शाहिद ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 6 जुलाई को अमौसी एयरपोर्ट के अधिकारियों ने पुलिस की मौजूदगी में उन्हें 13 जून का जो सीसीटीवी फुटेज दिखाया उसमें उनका भाई एयरपोर्ट से निकलते हुए दिखा।   उन्होंने चिंता जताई कि जब मेरा भाई लखनऊ एयरपोर्ट तक आया और वहां से निकलते हुए उसका फुटेज है तो उसके बाद वह कहां गायब हो गया।

उन्होंने कहा कि एक महीने होने जा रहे हैं और मैंने मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, लखनऊ के पुलिस प्रशासन समेत तमाम लोगों को प्रार्थना पत्र भेजकर अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि आज मीडिया के जरिए मैं फिर से इस मामले का संज्ञान लेने के लिए मुख्यमंत्री और प्रदेश के डीजीपी से दरख्वास्त करता हूं। रिहाई मंच के अध्यक्ष मुहम्मद शुऐब ने कहा कि जाकिर पिछले एक महीने से गायब है और यह चिंता तब और बढ़ जाती है जब उसका गृह जनपद आजमगढ़ है।

मुस्लिम नौजवानों और खास तौर से आजमगढ़ के रहने वालों को लेकर यह तथ्य पुष्ट है कि पुलिस, खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां उन्हें फर्जी मामलों में फंसाती हैं, जिसे प्रदेश की सपा सरकार भी मानती है। ऐसे में जब सपा सरकार  सत्ता में है और मुलायम सिंह यादव आजमगढ़ से सांसद हैं तब ऐसे में मुलायम सिंह को अपने क्षेत्र के नौजवानों की सुरक्षा की गांरटी करना चाहिए।

जिस तरीके से पुलिस लगातार मामले में टाल मटोल कर रही है और जाकिर के बारे में कोई सूचना परिजनों को नहीं बता रही है ऐसे में जाकिर के परिवार  समेत आजमगढ़ के मुस्लिम सकते में हैं कि यह कोई नई आफत तो नहीं आने वाली है। मंच के अध्यक्ष ने कहा कि अगर जाकिर का जल्द से जल्द पता नहीं चलता  है तो इस मसले पर संगठन आंदोलन को बाध्य होगा।

पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए रिहाई मंच नेता राजीव यादव ने कहा कि जिस तरह एनएचआरएम घोटाले में नवनीत सहगल के खिलाफ रिपोर्ट लिखने के कारण पत्रकार अनूप गुप्ता पर कल सीबीआई कोर्ट में गुंडा तत्वों द्वारा हमले की  कोशिश की गई और उन्हें मार डालने की धमकी दी वह साबित करता है कि
ब्यूरोक्रेसी और सत्ता का गठजोड़ भ्रष्टाचार का सवाल उठाने वालों को व्यापम घोटाले का पर्दाफाश करने वालों की तरह ही मारने पर उतारू हो गई है।

राजीव यादव ने प्रदेश सरकार पर एक रणनीति के तहत सांप्रदायिक हिंसा  को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल यादव  प्रदेश में हो रही सांप्रदायिक घटनाओं के पीछे भाजपा का हाथ होने का आरोप  लगा रहे हैं। लेकिन खुद उनकी सरकार ने जिस व्यक्ति जगमोहन यादव को डीजीपी  बनाया है उन्होंने भाजपा व अन्य हिन्दुत्वादी संगठनों को खुली छूट देकर  2012 में फैजाबाद में सांप्रदायिक हिंसा को फैलाया था जिसकी वजह से उन्हें उनके पद से हटाया भी गया था। आज जब सपा ने उन्हें डीजीपी बनाया है  तो प्रदेश की अवाम इस बात को समझ गई है कि सपा-भाजपा किस रणनीति से सूबे को सांप्रदायिक हिंसा की आग में धकेलने की साजिश रच रही हैं।

उन्होंने   एडीजी कानून व्यवस्था दलजीत चौधरी के गिरी इंस्टीट्यूट आॅफ डेवलपमेंट स्टडीज की रिपोर्ट के हवाले से दिए गए बयान की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आठ हजार दंगाई खुलेआम घूम रहे हैं पर मुख्यमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा कि आखिर कौन सी मजबूरी और सहानभूति इन दंगाई के प्रति सपा सरकार की है जो उनको वह गिरफ्तार नहीं कर रही है।

शाहनवाज आलम
(प्रवक्ता, रिहाई मंच)
09415254919

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