अभियुक्तों (अज़ीम प्रेम जी, मृदुलघोष और सौरभ आचार्य) के खिलाफ भी उक्त धारा क्र० 420, 465, 120-बी और 204 के तहत मामला पंजीबद्ध किया जाये —अपर जिला न्यायाधीश

अभियुक्तों (अज़ीम प्रेम जी, मृदुलघोष और सौरभ आचार्य) के खिलाफ भी उक्त धारा क्र० 420, 465, 120-बी और 204 के तहत मामला पंजीबद्ध किया जाये —अपर जिला न्यायाधीश

सिगरौली (नीरज गुप्ता)————माननीय सुधीर कुमार सिंह महोदय अपर जिला न्यायाधीश द्वारा आज दिनांक 06/11/17 को पुनर्बिचार मामला क्र० 500088/16 में आदेशित किया गया कि माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेड राम प्रसाद सिंह महोदय प्रथम श्रेणी देवसर आपके द्वारा नीरज गुप्ता V/S अज़ीम प्रेम जी बगैरह मामले में दिनांक 05/05/16 को मात्र 2 अभियुक्तों (सुरेश महतो और अलोक कुमार संधिल्या) के खिलाफ धारा क्र० 420, 465, 120-बी के तहत मामला पंजीबद्ध कर त्रुटीपूर्ण आदेश किया है l

उक्त मामले के 3 और अभियुक्तों (अज़ीम प्रेम जी, मृदुलघोष और सौरभ आचार्या) के खिलाफ पर्याप्त साबुत फरियादी द्वारा परिवाद द्वारा माननीय न्यायालय में पेश किया गया हैं l

अत: उक्त मामला के साबुत पर पुनर्लोकन कर और अगर फरियादी द्वारा और साबुत पेश करता हैं तो उनके और साबुत का भी अवलोकन कर मामले के समस्त 5 अभियोक्तों के खिलाफ उक्त धारा क्र० 420, 465, 120-बी और 204 के तहत जल्द-जल्द मामला पंजीबद्ध किये जावे l

गौरतलब हैं कि दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता पिता मुन्नी लाल गुप्ता जो ग्रा० बरगावां जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश का मूल निवासी हैं, द्वारा उक्त में सर्वप्रथम माननीय उच्च न्यायलय जबलपुर में एक जन-हित याचिका दिनांक 12/05/15 को दर्ज किया गया था जिसमे माननीय उच्च न्यायलय द्वारा दिनांक 05/06/15 को संज्ञान में लिया गया और मामले में सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायलय जबलपुर द्वारा दिनांक 03/08/15 को आदेशित किया गया कि फरियादी द्वारा उक्त मामले को अपराधिक मामला माननीय मजिस्ट्रेड महोदय न्यायलय में पेश करे जिसके बाद दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता द्वारा दिनांक 24/09/15 को माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेड राम ओरसाद सिंह महोदय प्रथम श्रेणी देवसर में एक अपराधिक मामला जिसमे 5 अभीयुक्तों (1. अज़ीम प्रेम जी, 2. सुरेश महतो, 3. अलोक कुमार संधिल्या, 4. मृदुल घोष, और 5 सौरभ कुमार संधिल्या) के खीलाफ धारा क्र० 204, 311, 419, 420, 467, 468, 34 IPC के तहत मामला दर्ज किया था l जिस पर माननीय मजिस्ट्रेड महोदय द्वारा मामले में संज्ञान लेते हुए दिनांक 05/05/16 को उक्त मामले के मात्र 2 अभियुक्तों (सुरेश महतो और अलोक कुमार संधिल्या) के खिलाफ धारा क्र० 420, 465, 120-बी के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया l जिस पर दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता द्वारा उक्त मामले में पुनर्बिचार मामला क्र० 500088/16 दिनांक 02/06/16 को दर्ज किया गया l जिसपर माननीय न्यायाधीश सुधीर कुमार सिंह महोदय अपर जिला न्यायलय देवसर द्वारा दिनांक 06/11/17 को मामले में सुनवाई करते हुए, माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेड महोदय रामप्रसाद सिंह महोदय प्रथम श्रेणी देवसर को आदेशित किया गया l कि उक्त मामले के 3 और अभियुक्तों के खिलाफ पर्याप्त साबुत हैं l और साबुत का पुनर्लोकन कर और अगर फरियादी द्वारा और साबुत पेश किया जाये तो उसके साबुत का अवलोकन कर मामले को पंजिबध्य किया जाये l

वारदात :- विप्रो कंपनी द्वारा देश के हर कोनों के बेकसूर नौजवानों के साथ लम्बे अर्से से सिक्यूरिटी के नाम पर पैसे ले कर नौकरी के नाम पर फर्जीवाडा किया जाता रहा हैं l जीस पर दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता भी इनके झासा में कर खुद का भविष्य ख़राब किया गया हैं l गैरतलब हैं कि दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता को विप्रो कंपनी के कर्मचारियों द्वारा पहले ऑफर लेटर दिया गया l और बहुत सारी जोइनिंग की प्रक्रिया दिखाया गया l किन्तु दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता की जोइनिंग विप्रो कंपनी में 1 साल तक न करने की सूरत पर विप्रो के हेल्पडेस्क से दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता द्वारा खुद के जोइनिंग की स्तिथि जाननी चाही तो विप्रो कंपनी के हेल्पडेस्क द्वारा जानकारी दिया गया की दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता के जोइनिंग की सारी प्रक्रिया फेक हैं जिससे कंपनी का कोई बास्ता नहीं हैं l किन्तु ये नहीं बताया गया की जोइनिंग की प्रक्रिया कैसे फेक हैं जबकि जोइनिंग की सारी प्रक्रिया विप्रो कंपनी के ईमेल-आईडी से ही किया गया हैं l इसके साथ दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता द्वारा विप्रो के शिलायत साईंड में शिकायत करने पर विप्रो कंपनी के शिकायत फोरम द्वारा फेसबुक का एक लिंक दे कर उसमे जानकारी दिया गया कि CID कोलकत्ता द्वारा मार्च 2014 तक उक्त मामले के 2 अभियुक्तों (अलोक कुमार संधिल्या और मृदुल घोष) को पकड़ा गया हैं l जिस पर दोनों अभियुक्तों द्वारा 2006 से लगातार इसी तरह से देश के अन्य सारे जगह के बेकसूर नौजवानों के साथ नौकरी के नाम पर फर्जीवाडा करता रहा हैं l जिसमे अलोक कुमार संधिल्या द्वारा 500 और मृदुल घोस द्वारा 6000 बेकसूर नौजवानों की भविष्य इसी तरह ख़राब किया जाता रहा हैं l जिस पर दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता द्वारा जब विप्रो कंपनी के शिकायत फोरम से जानना चाहा की उक्त फर्जीवाडा में व कितने लोग हैं और देश के और कितने बेकसूर नौजवानों की भविष्य इसीतरह ख़राब किया गया हैं l जिस पर विप्रो कंपनी के शिकायत फोरम द्वारा कोई भी जानकारी नहीं दिया गया l जिसके बाद दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता पर जनलेवा हमला दिनांक 18/05/14 को बारात घर रोड साऊथ-X पार्ट 1 न्यू दिल्ली में किया गया l जिप पर दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता द्वारा न्याय के लिए दर-दर भटकता रहा हैं l यही नहीं माननीय न्यायलय की जैसे-जैसे मामले की प्रक्रिया आगे बड़ती रहती हैं l विप्रो प्रमुख अज़ीम प्रेम जी के आदेश पर ही दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता पर जान लेवा हमला होना तेज कर दिया गया हैं l जिस पर दिनांक 09/08/17 को दूसरा प्राणघातक हमला और दिनांक 07/10/17 को तीसरा प्राण घातक हमाला की कोशिश को अंजाम दिया गया l जिसकी शिकायत सिंगरौली जिला प्राशासन को लिखित किये जाने पर भी कोई कार्यवाही न करते हुए, मूकदर्शक बने हुए हैं l जिस पर अगर दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता पर कोई अप्रिय घटना को अंजाम दिया जाता हैं l तो जिसकी सारी जबाबदेही नीरज गुप्ता V/S अज़ीम प्रेम जी बगैरह और नीरज गुप्ता V/S अनुराधा प्रसाद बगैरह के समस्त आरोपियों के साथ-साथ सिंगरौली जिला प्रशासन की भी होगी l

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