• December 16, 2019

अब 4 माॅनिटरिंग सेंटर से होगी पटना की वायु गुणवत्ता की निगरानी- उपमुख्यमंत्री

अब 4 माॅनिटरिंग सेंटर से होगी पटना की वायु गुणवत्ता की निगरानी- उपमुख्यमंत्री

पटना — राजधानी वाटिका (इको पार्क) में आयोजित समारोह में पटना के इको पार्क, एस के मेमोरियल हाॅल व बीआईटी मेसरा कैम्पस में स्थापित तीन‘अनवरत परिवेशीय वायु गुणवत्ता प्रबोधन केन्द्रों’ के उद्घाटन के मौके पर उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि दानापुर और पटना सिटी में शीघ्र तो राज्य के अन्य सभी जिलों में क्रमबद्ध तरीके से माॅनिटरिंग केन्द्र स्थापित किए जायेंगे।

पटना नगर निगम क्षेत्र में वायु को प्रदूषित करने वाले 15 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दिया गया है। भारत सरकार एमवीआई एक्ट में संशोधन कर पूरे देश में पुराने वाहनों का परिचान बंद करें व जल्द ‘स्क्रैपिंग पाॅलिसी’ बनायें ताकि पुरानी गाड़ियों का निष्पादन किया जा सके।

माॅनिटरिंग केन्द्रों के बड़े-बड़े एलईडी स्क्रीन पर मेट्रोलाॅजिकल सेंसर के जरिए वायु प्रदूषण के कारक कण पदार्थ पीएम 10 व पीएम 2.5, गैसीय प्रदूषक नाइट्रोजन आॅक्साइड, काबर्न मनो आॅक्साइड, सल्फर डाइआॅक्साइड आदि की मात्रा के साथ मौसम संबंधी जानकारियों में तापमान, आद्रता, सौर्य विकिरण, हवा की गति व दिशा आदि की रियल टाइम में जानकारी मिलती रहेगी।

श्री मोदी ने कहा कि अगले साल के 31 दिसम्बर तक सभी थ्री व्हीलर को सीएनजी में कन्वर्ट करने के लिए 30 से 40 हजार रुपये का अनुदान दिया जायेगा। धूल न उड़े इसके लिए कचरा और निर्माण सामग्री का परिवहन बिना ढके करने पर रोक के साथ ही सड़क और फुटपाथ के बीच की जगह का पक्कीकरण किया जा रहा है।

प्रदूषण जांच केन्द्रों की संख्या बढ़ाने, फी कम करने के साथ ही साइंस ग्रजुएट को भी इसे खोलने की अनुमति दी जाएगी। प्रदूषण सर्टिफिकेट की अवधि छह माह करने के साथ ही मोबाइल वैन के जरिए सड़कों पर गाड़ियों की जांच की जाएगी।

राज्य सरकार जल-जीवन-हरियाली अभियान पर 3 साल में 24 हजार करोड़ से ज्यादा खर्च करेगी। तालाब, पोखर, आहर, पईन आदि की तलाश कर ली गयी है, अब उन्हें अतिक्रमणमुक्त कर पुनर्जीवित किया जायेगा।

अगले साल जन सहयोग से एक दिन में 2.51 करोड़ पौधारोपण किया जायेगा। वर्षा जल का संचयन और सरकारी भवनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग कर भू-जल स्तर को रिचार्ज किया जायेगा।

जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न संकट का आज पूरी दुनिया सामना कर रही है। इसका सर्वाधिक असर गरीबों पर कृषि पर पड़ रहा है। मुकाबले के लिए भारत ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लक्ष्य के नजदीक पहुंचने का प्रयास किया है।

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