• February 15, 2018

अपर यमुना रिव्यु कमेटी—1.119 बिलियन क्यूसेक मीटर ( बी. सी. एम.) पानी

अपर यमुना रिव्यु कमेटी—1.119 बिलियन क्यूसेक मीटर ( बी. सी. एम.) पानी

जयपुर————–केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री श्री नितिन गडकरी ने बताया कि राजस्थान को यमुना जल में अपने हिस्से का पूरा 1.119 बिलियन क्यूसेक मीटर ( बी. सी. एम.) पानी मिलेगा । विशेष कर ताजेवाला हैड से प्रदेश के झुंझुनु,चुरू और सीकर जिलों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए 1917 क्यूसेक पानी मिलेगा।
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श्री गडकरी ने गुरुवार को नई दिल्ली के विज्ञान भवन एनेक्सी में आयोजित अपर यमुना रिव्यु कमेटी की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह जानकारी दी। बैठक में वषोर्ं से लंबित मामलों में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री सहित संबंधित राज्यों के जल संसाधन मंत्री एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। राजस्थान की और से राज्य के जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप और जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव श्री शिखर अग्रवाल बैठक में मौजूद थे।

केन्द्रीय मंत्री श्री गड़करी ने बताया कि बैठक में लिए गये फैसलों के बाद अब हरियाणा और राजस्थान के बीच कोई विवाद नही रहेगा और रेगिस्तान प्रधान राजस्थान को 1994 में पांच राज्यों के मध्य हुए समझौते के अनुसार उसके हक का पूरा पानी मिलेगा।

बैठक के बाद राजस्थान के जल संसाधन मंत्री डॉ. रामप्रताप ने बताया कि यमुना जल के उपयोग हेतु वर्ष 1994 में राजस्थान, दिल्ली,उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश एवं हरियाणा के मध्य अन्तर राज्यीय समझौता हुआ था। जिसके अनुसार राजस्थान को 1.119 बी. सी. एम. जल आबंटित किया गया था। इसमे से 1281 क्यूसेक पानी ओखला हैड से भरतपुर के लिए और वर्ष 2001 में अपर यमुना रिवर बोर्ड़ द्वारा ताजेवाला हैड से झुंझुनु ,चुरू और सीकर जिलों के लिए 1917 क्यूसेक पानी का आवंटन किया गया था,लेकिन हरियाणा सरकार द्वारा लगातार आक्षेप के कारण राज्य को अपने हिस्से का पानी नही मिल पा रहा था।

उन्होंने बताया कि बैठक में लिए गए ऎतिहासिक फैसले में केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री एवं अध्यक्ष अपर यमुना रिव्यू कमेटी द्वारा हरियाणा सरकार के आक्षेपों को खारिज करते हुए अपर यमुना रिवर बोर्ड द्वारा ताजेवाला एवं ओखला पर राजस्थान को वितरित जल 3198 क्यूसेक (1.119 बी. सी. एम.) की मात्रा को सही बताया गया।

बैठक में ताजेवाला हेड से पाइप लाइन द्वारा राजस्थान की सीमा में यमुना जल लाने की योजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डी. पी.आर.) बनाने का निर्णय भी लिया गया। इस पर अनुमानित 20 हजार करोड़ रु. की लागत आयेगी। साथ ही इस महत्वपूर्ण परियोजना की क्रियान्विती के लिए बाह्य वित्तीय संस्थाओं से मदद लेने का फैसला भी किया गया।

बैठक में यमुना नदी पर बनने वाले लखवार, किसाऊ एवं रेणुका बांध परियोजनाओ के निर्माण पश्चात भी राजस्थान को 1994 में हुए समझौते के अनुरूप आबंटित जल की पूरी मात्रा को संरक्षित रखने का निर्णय भी किया गया , जो कि पानी की कमी वाले प्रदेश राजस्थान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

राजस्थान के जल संसाधन मंत्री ने बताया कि यह उपलब्धि राजस्थान के हितों के प्रति मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे के लगातार सजग रहने का ही परिणाम है। उन्होंने कहा कि ताजेवाला हैड से 1917 क्यूसेक पानी मिलने से प्रदेश के झुंझुनु व चुरू जिलों को सिंचाई और सीकर जिले के साथ झुंझुनु व चुरू जिलों को पेयजल के लिए भी पानी उपलब्ध होगा ।

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