• December 26, 2021

अपराध इकाई , इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब, व्हाट्सएप, मैसेंजर पर गाली देने वाले पर FIR का आदेश

अपराध इकाई , इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब, व्हाट्सएप, मैसेंजर पर गाली देने वाले पर FIR का आदेश

पटना हाई कोर्ट ने दिया FIR का आदेश; मनु त्रिपुरारी को कोर्ट मित्र नियुक्त किया गया।

पटना हाई कोर्ट के समक्ष साइबर क्राइम से जुड़े कार्यवाही पर सुनवाई की गई। उसी दौरान कोर्ट ने एक बहुत परेशान करने वाले विषय पर भी सुनवाई की। इस मामले में अधिवक्ता मनु त्रिपुरारी को कोर्ट की सहायता करने के लिए एमिकस क्यूरी अर्थात कोर्ट मित्र नियुक्त किया गया है।

कार्यालय को ईओयू अर्थात आर्थिक अपराध इकाई , इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर, यू ट्यूब, व्हाट्सएप, मैसेंजर और मेटा के मामले में अपोजिट पार्टी बनाया गया है। कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि दिनेश नाम का एक अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट के जजों समेत तत्कालीन चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, पटना हाई कोर्ट के जजों व केंद्रीय कानून मंत्री समेत अन्य गण्यमान्य व्यक्तियों को गाली गलौज करते आये हैं।

गाली गलौज को विभिन्न सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर पोस्ट भी किया जाता रहा है। आदेश में कहा गया है कि कानूनन इस तरह का गाली गलौज किया जाने को पुलिस में रिपोर्ट किया जाना चाहिए था, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म अपने ड्यूटी में विफल रहा है। इसलिए, कोर्ट द्वारा इस मामले में सुनवाई की जा रही है। आदेश में राज्य सरकार के आर्थिक अपराध इकाई के एडिशनल डायरेक्टर जनरल द्वारा 21 जनवरी, 2021 को जारी उस मेमो का भी जिक्र किया गया है, जिसमें सरकार के मंत्री, एम पी, एम एल ए व अन्य सरकारी कर्मियों के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई करने हेतु आदेश निर्गत किया गया है।

आदेश में यह भी कहा गया है कि उक्त मेमो को 21 जनवरी, 2021 को जारी किया गया है, लेकिन आज की तिथि तक ई ओ यू द्वारा किसी व्यक्ति के विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं कि गई है

ई ओ यू को एफ आई आर दर्ज करने, एक एक्सपर्ट टीम का गठन करने व अधिवक्ता दिनेश के विभिन्न आपत्तिजनक सामग्रियों के संबंध में अनुसंधान करने और कानून के मुताबिक उपयुक्त कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है। यह कार्रवाई अविलंब करने को कहा गया है।

कोर्ट ने आगामी 17 दिसंबर को की गई कार्रवाई के संबंध में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस मामले में अब आगामी 17 दिसंबर को चैम्बर में फिजिकल मोड में सुनवाई की जाएगी। जस्टिस संदीप कुमार की एकलपीठ ने शिव कुमार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया है।

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