अन्य पिछड़ा वर्ग में 80 जातियों का अलग-अलग डाटाओं की तैयारी

अन्य पिछड़ा वर्ग  में 80 जातियों का अलग-अलग डाटाओं की तैयारी

अलीगढ़ —— अब अन्य पिछड़ा वर्ग में सभी जातियों को जल्द समान नौकरी का मौका मिल सकता है। अन्य पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति के आदेश पर प्रदेश सरकार कर्मचारियों का डाटा जुटा रही है। इसमें करीब 80 जातियों का अलग-अलग डाटा देना होगा। इसके लिए सभी विभागों के अध्यक्ष, मंडलायुक्त व डीएम को पत्र जारी किया है। जल्द डाटा भेजने के निर्देश दिए हैं।

पिछले माह 26 सितंबर को अन्य पिछड़ा वर्ग की विभिन्न जातियों की शिक्षा, सेवायोजन एवं जनसंख्या की स्थिति में सेवानिवृत्ति न्यायमूर्ति की अध्यक्षता में बैठक हुई थी। इसमें रोजगार के संबंध में समीक्षा हुई। पिछड़ा वर्ग की किस जाति को कितना रोजगार मिला है यह भी देखा गया। इसके बाद सभी जिलों से डाटा जुटाने का फैसला लिया गया।

विभागों को भेजा पत्र

प्रदेश के विशेष सचिव संजय कुमार सिंह ने सभी विभागों के अध्यक्ष, मंडलायुक्त व डीएम को पत्र जारी किया है। उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग के सरकारी सेवाओं में भागीदारी एवं आरक्षण के बारे में जानकारी मांगी है। ऐसे में यहां मंडलायुक्त व डीएम के माध्यम से पिछड़ा वर्ग के आइएएस, पीसीएस व कनिष्ठ पीसीएस संवर्ग के डाटा भेजा जा रहा है। विभिन्न विभागों से बाबू एवं कर्मचरियों का भी डाटा मांगा जा रहा है।

पिछड़ा वर्ग के लिए कुल 27 फीसद आरक्षण तय है, लेकिन यह विषय हमेशा विवाद का रहा है। बीच-बीच में ओबीसी जातियों में कुछ खास जातियों के आरक्षण का लाभ ज्यादा लेने पर भी विवाद उठे लेकिन बिना तार्किक सर्वे या आंकड़े के इस पर केंद्र व राज्य सरकारें कोई ठोस फैसला नहीं कर सकीं। अब सरकार यह डाटा जुटाने के लिए यह पहल कर रही है।

एडीएम वित्त उदय सिंह का कहना है कि पिछड़ा वर्ग के अधिकारी व कर्मचारियों की जाति से संबंधित डाटा मांगा गया है। जानकारी जुटाई जा रही है। जल्द रिपेार्ट भेजेंगे। सभी विभागों से यह डाटा भेजा जा रहा है।

Related post

सीरिया: दुनिया को विद्रोहियों को शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से आंकना चाहिए : शैलश कुमार

सीरिया: दुनिया को विद्रोहियों को शब्दों से नहीं, बल्कि कर्मों से आंकना चाहिए : शैलश कुमार

सीरिया में असद शासन के पतन ने इस संकटग्रस्त देश के लिए एक नया अध्याय खोल…
गठबंधन में अलग थलग होती कांग्रेस

गठबंधन में अलग थलग होती कांग्रेस

सुरेश हिंदुस्तानी—-वर्तमान समेत में भारत की राजनीति निश्चित ही अनिश्चितता का एक ऐसा खेल है, जिसका…
गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

गांवों तक आधारभूत संरचनाओं को मज़बूत करने की जरूरत

कमलेश–(अजमेर)—दिसंबर के पहले सप्ताह में राजस्थान में आयोजित हुए तीन दिवसीय ‘राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इंवेस्टमेंट समिट…

Leave a Reply