अनुभूति कार्यक्रम से नई पीढ़ी के हाथों सुरक्षित हुए वन

अनुभूति कार्यक्रम से नई पीढ़ी के हाथों सुरक्षित हुए वन

भोपाल :(सुनीता दुबे)———प्रदेश में दो वर्ष पूर्व वन विभाग द्वारा आरंभ किये गये अनुभूति कार्यक्रम में एक लाख 65 हजार से अधिक बच्चों ने भाग लिया।

राष्ट्रीय उद्यान,टाइगर रिजर्व और अभयारण्य में भ्रमण से बच्चों और जंगल के बीच में अपनत्व का भाव बढ़ने से वन और वन्य-प्राणी संरक्षण के उत्साहजनक परिणाम मिले हैं। बच्चों ने अपने परिवार और आस-पड़ोस में भी जागरूकता वातावरण निर्मित किया है।

यह जानकारी आज अनुभूति कार्यक्रम वर्ष 2017-18 की पुस्तिका के विमोचन के दौरान दी गई।

अपर मुख्य सचिव गृह श्री के.के. सिंह ने कहा कि कार्यक्रम बच्चों में वन और वन्य-प्राणी संरक्षण का संस्कार मजबूत कर रहा है। हर साल होने वाले इस कार्यक्रम में बच्चों की संख्या एक लाख से बढ़ाकर डेढ़ लाख की जानी चाहिये।

वन बल प्रमुख श्री अनिमेष शुक्ला ने कहा कि कार्यक्रम ने बच्चों में ‘हमारा जंगल की अनुभूति’ उत्पन्न की है। वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार के कहने पर कार्यक्रम में भाग लेने वाले स्कूली बच्चों की संख्या 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख की गई है।

वन्य-प्राणी अभिरक्षक श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि कार्यक्रम से पिछले दो सालों में डेढ़ लाख से अधिक परिवारों में वन के प्रति जागरूकता आई है। स्कूली बच्चों के भ्रमण से यह मिथक भी टूटा है कि टाइगर रिजर्व और राष्ट्रीय उद्यान केवल धनाढ्य लोगों के लिये हैं।

अनुभूति कार्यक्रम में वर्ष 2016-17 में 1938 विद्यालयों के 53 हजार 935 और वर्ष 2017-18 में 2735 शासकीय विद्यालयों के एक लाख 11 हजार 68 बच्चे शामिल हुए।

15 दिसम्बर से 15 जनवरी तक होने वाले कार्यक्रम में बच्चों को राष्ट्रीय उद्यान, बफर, अभयारण्य क्षेत्रों में भ्रमण के साथ जल की महत्ता, पर्यावरण संरक्षण, जैव-विविधता, पक्षी दर्शन, वन औषधि और वन प्रबंधन की सामान्य जानकारी और अनुभव प्रदान किया गया है।

दिव्यांग बच्चों को सांकेतिक भाषा, स्पर्श और आवाज के माध्यम से जानकारी दी गई। कार्यक्रमों में मंत्री, विधायक और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम पर आधारित फिल्म प्रदर्शन के साथ सीडी भी जारी की गई।

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