- August 14, 2018
अत्याधुनिक सहकारी चीनी मिल –18 हजार क्विंटल प्रति दिन पिराई
पानीपत—————- गांव डाहर में अत्याधुनिक रूप से स्थापित किया जाने वाला पानीपत सहकारी चीनी मिल पानीपत ही नही वरन पूरे प्रदेश के किसानों के लिए एक बेनजीर तोहफा होगा जिसकी मांग बड़े अर्से से की जा रही है।
हालांकि 1956 में स्थापित पानीपत सहकारी चीनी मिल ने अपने वक्त के कई उतार-चढाव इस दौर में देखे हैं। किसानों का भावनात्मक रूप से इससे जुड़ाव भी हो चुका है और जो स्टीम इंजन रेलवे बंद कर चुकी है, यह मिल उसी स्टीम इंजन के सहारे आज तक किसानों और आमजन की चीनी की पूर्ति करता आया है और वर्तमान में 18 हजार क्विंटल एक दिन में अपनी पिराई की क्षमता दे रहा है।
गांव डाहर में पुर्न स्थापित होने वाले इस चीनी मिल को 75 एकड़ में बनाया जाएगा और जहां तक इसकी पिराई क्षमता की बात है। इस मिल की प्रतिदिन की पिराई क्षमता 50 हजार क्विंटल रहेगी, जिसे 75 हजार क्विंटल तक ले जाया जा सकता है।
इसकी डिस्टलरी ईकाई भी वर्तमान में हरियाणा के सहकारिता के क्षेत्र में अपने स्वयं के प्रभुत्व वाली ईकाई है जोकि एथनॉल का भी उत्पादन करती है। यह एथनॉल पेट्रोल में मिलाए जाने के लिए काम आता है।
विधायक महिपाल ढांडा ने बताया कि विगत 18 अक्तूबर 2015 को जब मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने इस चीनी मिल के लिए पत्थर रखा था तभी से लोग सरकार की ओर बड़ी आस भरी नजरों से देख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह अभूतपूर्व फैसला किसानों के हक में लिया था।
इस चीनी मिल से किसानों को अत्याधिक लाभ होगा। यहां के किसान हरियाणा के ही नही उत्तरप्रदेश के चीनी मिलों में अपना गन्ना लेकर जाते थे, जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता था। समय पर गन्ने की पिराई होगी। इसके अतिरिक्त यहां के किसानों में गन्ने की फसल के प्रति भी दिलचस्पी बढ़ेगी।
उपायुक्त एवं पानीपत सहकारी चीनी मिल की अध्यक्ष सुमेधा कटारिया ने बताया कि इसकी डिस्टलरी ईकाई की वर्तमान में 30 हजार लीटर की क्षमता है जोकि पुर्न स्थापना और आधुनिकीकरण के बाद इसकी क्षमता 45 हजार लीटर एथनॉल प्रतिदिन होगी। इसके लिए ऑनलाईन टैण्डर जारी कर दिए गए हैं और वर्कआर्डर देने के बाद इसको बनाने का लक्ष्य 11 महिने का रखा गया है।
पानीपत चीनी मिल व इसकी आसवनी ईकाई की पुर्नस्थापना आधुनिकीकरण और उत्पादन बढाने पर करीब 450 करोड़ रूपये की लागत आएगी। इस नए मिल के बनने से यह लाभ भी अर्जित करेगा, जिससे किसानों के लिए विकास के नए द्वार खुलेंगे।
पानीपत सहकारी चीनी मिल के प्रबंध निदेशक बीर सिंह ने बताया कि वर्तमान में जिला में गन्ने का उत्पादन 54 लाख क्विंटल है जोकि इसकी पिराई क्षमता से ज्यादा है। नया चीनी मिल लगने के बाद पिराई क्षमता बढ़ेगी और किसानों को इसका लाभ मिलेगा। विगत दिनों किसान यूनियन ने भी इसके टैण्डर होने पर अपनी खुशी जाहिर की थी और कहा था कि इस मिल को लेकर किसान वर्ग को राहत मिलेगी।
इस मामले में प्रगतिशील किसान इसराना वासी हेमराज नांदल ने बताया कि यह प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल की दूरदर्शी सोच और किसानों की मेहनत का ही परिणाम है। महराणा के पूर्व सरपंच नरेन्द्र नांदल ने बताया कि इस शुगर मिल के स्थापित होने से आसपास के क्षेत्र में रोजगार के नए साधन बनेंगे।
एक अन्य किसान जसबीर सिंह वासी इसराना व डिकाडला वासी देवेन्द्र गाहल्याण ने बताया कि इस शुगर मिल के बनने से किसानों की लम्बित मांग पूरी होने जा रही है। यह हम सब किसानों के लिए गर्व की बात है।