• December 15, 2014

अजमेर डिस्काॅम: लक्ष्यानुरूप उपलब्धियां

अजमेर डिस्काॅम: लक्ष्यानुरूप उपलब्धियां

अजमेर, 15 दिसम्बर। अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड़ गत एक वर्ष के दौरान क्षेत्र में किए गए योजनाबद्ध प्रयासों से निरन्तर समग्र विकास की ओर अग्रसर हैं। डिस्काॅम ने अपने क्षेत्र में जहां विभिन्न योजनाओं में लक्ष्यानुरूप उपलब्धियां अर्जित की हैं वहीं आम विद्युत उपभोक्ताओं को राहत भी प्रदान की हैं।

निगम के प्रबंध निदेषक श्री बी. राणावत के प्रयासों से गत एक वर्ष के दौरान निगम निरन्तर प्रगति की ओर बढ़ रहा हैं। गत दिसम्बर 2013 से नवम्बर, 2014 तक निगम ने अपने क्षेत्राधीन जिलों में 33 केवी के सब स्टेशन लगाने का कार्य काफी तीव्र गति से किया गया हैं। यहां गत एक वर्ष के दौरान 146 सब स्टेषन लगाकर विद्युत आपूर्ति में सुधार किया गया हैं। इन सब स्टेषनों के पूर्ण हो जाने से लोगों को अच्छी गुणवत्ता की बिजली उपलब्ध हो सकेगी। इन सब स्टेषनों के सब जाने से इनकी क्षमता में 490.15 एमवीए की वृद्धि हुई हैं।

डिस्काॅम क्षेत्र में ही दूरदराज के गांवों को विद्युत लाईनों से जोड़ने के प्रयास काफी हुए हैं। निगम के क्षेत्राधीन जिलों में कुल एक हजार 21 किलोमीटर तथा 9 मीटर की विद्युत लाईन लगाकर लोगों को राहत प्रदान की हैं। विद्युत उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करते हुए निगम द्वारा गत एक वर्ष के दौरान कुल 4 हजार 492 नए रोस्टर स्वीच लगाए गए हैं। वहीं एक हजार 257 सर्किट ब्रेकर तथा 976 नए फीडर मीटर भी स्थापित किए गए हैं।

निगम में भारत सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना (क्क्न्ळश्रल्) के अन्तर्गत भी उल्लेखनीय कार्य प्रगति पर हैं । इस योजना के तहत पूर्व में  स्वीकृत अजमेर, भीलवाडा, चित्तोेैेडगढ, नागौर, डूंगरपुर, राजसमन्द, सीकर, प्रतापगढ व झुंझुनूं जिलों मे एक लाख 49 हजार 589 बीपीएल परिवारों को कनेक्षन, एक लाख 78 हजार 219 एपीएल परिवारों को कनेक्शन तथा 19 हजार 327 ढाणियाँ का कार्य प्रस्तावित था। जिसमं डूगंरपुर, झुंझुनूं व प्रतापगढ द्वितीय चरण के कार्य आदेष दिये जा चुके है शेष के लिए निविदाएँ आमंत्रित की जा चुकी है।

दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में अलग से ग्रामीण क्षेत्रों मे कृषि के लिए एचटी फीडर व अन्य उपभोक्ताओं  के फीडरों  को अलग करना, नये ट्रान्सफाॅर्मर लगाना,  ट्रान्सफाॅर्मर का भार बढाना, नये 33/11 केवी के सब स्टेशन  का निर्माण करना, 11 केवी लाईनों का विस्तार करना, ट्रान्सफाॅर्मर व फीडरों  मे मीटर लगाने का कार्य प्रस्तावित है। नेशनल आॅप्टिकल फाईबर नेटवर्क के द्वारा ग्राम पंचायत व 33/11 केवी के सब स्टेषन को जोडने का कार्य भी  प्रस्तावित है, जिससे ब्रॅाडबेन्ड से जोडा जा सकेगा। इसी तरह इन्ट्रीग्रेटेड पावर डवलपमेन्ट स्कीम के तहत शहरी क्षेत्रो का विद्युत तंत्र मजबुत कर निर्बाध विद्युत सप्लाई देने का लक्ष्य है।

सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत वर्ष के दौरान डिस्काॅम के उदयपुर संभाग का दौरा रहा। जहां प्राप्त जन समस्याओं के आधार पर सरकार ने 132 केवीए के 6 जीएसएस तथा 33/11 केवीए के 14 जीएसएस बनाए जाने की घोषणा की।

जिसमें 132 केवी जीएसएस में पीपलवा (बांसवाड़ा), बिच्छीवाड़ा (डूँगरपुर), मोखमपुरा (प्रतापगढ़), भीम (राजसमंद), जुझपुरा एवं बलीचा (उदयपुर) हैं। जबकि 33/11 केवी के जीएसएस में हाउसिंग बोर्ड एवं इन्द्रा काॅलोनी (बांसवाड़ा), गामठवाड़ा, वागड़मगरी एवं पातापुरा (डूँगरपुर), बडौली माधोसिंह (चित्तौड़गढ़), सेमरथली एवं सिविल लाईन्स (प्रतापगढ़), चराणा एवं नाथद्वारा हाॅस्पिटल (राजसमंद), लोपड़ा, कोरियाद, धाकडों का खेड़ा एवं नवरत्न काॅम्पलैक्स (उदयपुर) हैं।

प्रबंध निदेषक श्री बी. राणावत के ही प्रयासों से डिस्काॅम ने नवाचार करते हुए एक ही जगह से अजमेर शहर की बिजली व्यवस्था को नियंत्रित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। अजमेर डिस्काॅम आने वाले दिनों में अपने मदार स्थित आईटी कंट्रोल रूम से पूरे शहर की बिजली व्यवस्था संचालित करेगा।

स्काॅडा यानी सुपरवाइजिंग कंट्रोल डाटा एग्जिवेषन का पहला सफल परीक्षण कर लिया गया है। परीक्षण में मदार स्थित आईटी कंट्रोल रूम से कंप्यूटर के जरिए सब डिवीजन-2 के केईएम 32 केवी जीएसएस के डिग्गी और पन्नीग्राम चैक के फीडर की बिजली सप्लाई को बंद तथा शुरू किया गया। केईएम 32 जीएसएस को स्काॅडा के पायलट प्रोजेक्ट के तहत चुना गया था। अब अन्य सब डिवीजन पर भी यही व्यवस्था लागू होगी।

ऊर्जा मंत्रालय ने त्वरित ऊर्जा विकास एवं सुधार कार्य के लिए 100 करोड़ 62 लाख रूपए का बजट स्वीकृत किया था। केईएम, हाथीभाटा, जेएलएन, सीआरपीएफ जीसी 2, लौंगिया, पंचषील, वैषाली नगर, रीजनल काॅलेज, शास्त्री नगर, पीडब्ल्यूडी, जयपुर रोड़, मेयो काॅलेज, परबतपुरा, माखुपुरा, विज्ञान नगर, पालरा, मदार, हजारी बाग, एचएमटी तथा मोतीकटला जीएसएस की बिजली व्यवस्था संचालित होगी। जिससे शहर के सभी 32 जीएसएस मदार से संचालित हो सकेंगे। बिजली सप्लाई बंद करने, चालू करने, लाइन बदलने समेत अन्य कई तकनीकी कार्य तत्काल हो जाएंगे। कंप्यूटर से कार्य होने के कारण हादसों की आषंका भी कम हो जाएगी। बिजली की छीजत में कमी आएगी।

इसी के साथ निगम शत प्रतिषत राजस्व वसूली तथा छीजत कम करने के मामले में भी प्रयासरत हैं। जिससे निगम को ओर अधिक उंचाईयां मिल सकेगी।

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