अचल संपत्ति की खरीदी-बिक्री तथा पंजीयन योग्य सभी दस्तावेजों का ई-पंजीयन अनिवार्य

अचल संपत्ति की खरीदी-बिक्री तथा पंजीयन योग्य सभी दस्तावेजों का ई-पंजीयन अनिवार्य

राज्य शासन ने एक अगस्त से अचल संपत्ति की खरीदी-बिक्री तथा पंजीयन योग्य सभी दस्तावेजों का ई-पंजीयन अनिवार्य कर दिया है। ई-पंजीयन किये जाने वाले सभी दस्तावेजों में ई-स्टाम्पिंग द्वारा ही स्टाम्प लगाये जायेंगे। इस प्रकार अब एक अगस्त से सिर्फ ऐसे दस्तावेजों, जिनका पंजीयन करवाया जाना अनिवार्य नहीं है, के लिये ही कोषालय से जारी केवल 100 रुपये से कम दरों के प्री-प्रिंटेड स्टाम्प लिये जा सकेंगे।

पहले राज्य शासन द्वारा 15 दिसम्बर 2014 से प्रदेश के पाँच जिले उज्जैन, बालाघाट, सीहोर, अनूपपुर तथा टीकमगढ में ई-पंजीयन पायलट आधार पर शुरू किया गया था। विभाग द्वारा ई-पंजीयन के सॉफ्टवेयर में आने वाली सभी परेशानियों को दूर करते हुए सभी उप पंजीयक कार्यालयों में ई-पंजीयन एक जुलाई 2015 से शुरू कर दिया गया, परंतु इसे अनिवार्य न करते हुए ई-पंजीयन के साथ-साथ मेन्युअल रजिस्ट्री व्यवस्था पूर्ववत जारी रखी गई। ई-रजिस्ट्री से सम्पत्ति का सही मूल्यांकन होता है, जनता को बिचौलियों एवं दलालों से मुक्ति मिलती है। साथ ही पारदर्शिता के साथ रजिस्ट्री तत्काल मिल जाती है।

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