अगली सुनवाई छह जुलाई— ट्विटर को नए नियमों को मानना ही होगा —जस्टिस रेखा पल्ली की एकल पीठ

अगली सुनवाई छह जुलाई— ट्विटर को नए नियमों को मानना ही होगा —जस्टिस रेखा पल्ली की एकल पीठ

latest low.com—- सूचना प्रौद्योगिकी के नए नियमों को लेकर केंद्र सरकार से भिड़ने वाले सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में घुटने टेक दिए। जस्टिस रेखा पल्ली की एकल पीठ ने कहा, ट्विटर को नए नियमों को मानना ही होगा। अगर नियम हैं तो इन्हें मानने के सिवा कोई चारा नहीं है। इस पर ट्विटर ने कहा, हमने नए नियमों को लागू कर दिया है और भारत में एक स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति भी कर दी है। यह नियुक्ति 28 मई को ही कर दी गई।

कोर्ट में याचिकाकर्ता अमित आचार्य की ओर से वकील आकाश वाजपेयी ने कहा, यह नियुक्ति नियमों के मुताबिक नहीं की गई है। वहीं, ट्विटर की ओर से वरिष्ठ वकील साजन पोवैया ने कहा, जब याचिका दी गई थी, तब तक ट्विटर ने नियमों को लागू नहीं किया था, मगर अब उसने नियमों को लागू कर दिया और शिकायत अधिकारी की भी नियुक्ति कर दी है। पीठ ने इस मामले में ट्विटर और केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई छह जुलाई तय कर दी।

यह थी याचिका

वकील अमित आचार्य ने याचिका में कहा था कि केंद्र सरकार ने इसी साल 25 फरवरी को नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को जारी करते हुए ट्विटर सहित सभी सोशल मीडिया नेटवर्कों को 3 माह के भीतर इस पर अमल करने का निर्देश दिया था। 25 मई को समय सीमा समाप्त होने के बाद भी ट्विटर ने अब तक अपने प्लेटफॉर्म पर ट्वीट के बारे में शिकायतों के निवरण के लिए स्थानीय शिकायत अधिकारी की नियुक्ति नहीं की है। आचार्य ने वकील आकाश वाजपेयी और मनीष कुमार के जरिए दर्ज कराई गई याचिका में कहा गया है कि जब हमने कुछ ट्वीट के बारे में शिकायत दर्ज करवाने का प्रयास किया, तब उन्हें सरकारी नियमों का अनुपालन कथित रूप से नहीं किए जाने के बारे में पता चला।

ट्विटर के खिलाफ एनसीपीसीआर ने दर्ज कराई एफआईआर

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने ट्विटर के खिलाफ दिल्ली पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने दिल्ली पुलिस को दी शिकायत में कहा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कंपनी बाल अधिकारों से जुड़े एक मामले में ट्विटर द्वारा गलत जानकारी उपलब्ध कराई है। एनसीपीसीआर के प्रमुख प्रियांक कानूनगों ने पत्र लिख केंद्र सरकार से गुजारिश की है कि वह बच्चों द्वारा ट्विटर के प्रयोग पर फौरी तौर पर प्रतिबंध लगा दे और यह रोक तब तक जारी रहे जब यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बच्चों के लिहाज से सुरक्षित न हो जाए।

कानूनगो ने कहा, हमने पॉक्सो एक्ट का उल्लंघन करने के संबंध में एफआईआर दर्ज कराई है।

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