- February 15, 2019
अगर है कोई शिकायत तो डायल करें— सीएम हेल्पलाईन 1905
देहरादून — हेल्पलाईन के टोल-फ्री नम्बर 1905 पर काॅल करके कोई भी नागरिक काॅल सेंटर के कर्मचारी के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। गुरूवार को सचिवालय में अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सीएम हेल्पलाईन 1905 की कार्यप्रणाली की समीक्षा की।
अपर सचिव श्री अरूणेंद्र सिंह चैहान ने हेल्पलाईन का प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर तमाम विभागीय अधिकारी मौजूद थे। अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि हेल्पलाईन के सिस्टम को यथासम्भव आसान व सुविधाजनक बनाया जाए। काॅलसेंटर के कर्मचारियों को अच्छी तरह से प्रशिक्षित किया जाना होगा। उन्हें सभी विभागों की कार्यप्रणाली की जानकारी होनी चाहिए।
अपर सचिव श्री अरूणेंद्र सिंह चैहान ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यदि किसी नागरिक का प्रशासन या विभाग स्तर पर कोई काम नहीं हो रहा है तो सीएम हेल्पलाईन 1905 पर काॅल करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। समाधान, मुख्यमंत्री कार्यालय, जिलाधिकारी कार्यालय आदि स्तर पर की जाने वाली शिकायतों को भी इसमें समन्वित किया जाएगा।
एक इंटीग्रेटेड सिस्टम होने से डुप्लीकेसी को भी रोका जा सकेगा। इस हेल्पलाईन के तहत बनाए गए सिस्टम से नागरिकों की शिकायतों का फाॅलोअप आसानी से हो सकेगा। काॅल सेंटर द्वारा शिकायत सीधे उस अधिकारी को फारवर्ड की जाएगी जहां से उस शिकायत का निस्तारण किया जाना है। इसके संचालन के लिए उत्तराखण्ड लोक सेवा अधिकरण बनाया गया है। प्रभावी निदान व अनुश्रवण के लिए नागरिकों की शिकायतें पोर्टल पर पंजीकृत होंगी।
न्यायालय में विचाराधीन मामले, सूचना का अधिकार अधिनियम से संबंधित मामले, शासकीय कर्मचारियों के उनकी सेवा से संबंधित मामले इसमें दर्ज नहीं किए जाएंगे। परंतु रिटायर्ड कर्मचारियों के पेंशन, मेडिकल आदि के मामले इसमें लिए जाएंगे। सीएम हेल्पलाईन के तहत विभागीय अधिकारियों की मैपिंग की गई है। इसके लिए चार लेवल बनाए गए हैं।
एल1 में ब्लाॅक या तहसील स्तर के अधिकारी, एल2 में जिलाधिकारी या विभाग के जिला स्तर के अधिकारी, एल3 में संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष व एल4 में संबंधित विभाग के प्रमुख सचिव या सचिव निर्धारित किए गए हैं। प्रत्येक शिकायत के लिए निम्न से उच्चतर स्तर के लिए अग्रसारण की व्यवस्था है।
सीएम हेल्पलाईन पर पंजीकृत शिकायतों को सबसे पहले संबंधित एल1 के अधिकारियों को अग्रसारित किया जाएगा। शिकायत पंजीकृत कराने के बाद शिकायतकर्ता को एसएमएस द्वारा पावती प्राप्त होगी जिसमें पंजीकरण नम्बर के साथ शिकायत का विवरण होगा ताकि आगे जाकर इसकी ट्रेकिंग की जा सके।
निर्धारित समय सीमा में की गई कार्यवाही या निस्तारण के फीडबैक से शिकायतकर्ता के संतुष्ट न होने की स्थिति में विभागीय अग्रसारण मैट्रिक्स के अनुसार एकएक कर अगले स्तर तक शिकायत का अग्रसारण किया जाएगा।
यदि एल1 के स्तर पर शिकायत का निस्तारण निर्धारित अवधि में नहीं होता है तो यह शिकायत एल2 के डैशबोर्ड पर दिखनी शुरू हो जाएगी, फिर भी शिकायत के निस्तारण का दायित्व एल1 का होगा। एल2, एल3 व एल4 के कार्यों की समीक्षा उनके डैशबोर्ड में उपलब्ध अनिस्तारित शिकायतों के आधार पर की जाएगी।
यदि विभिन्न स्तरों पर शिकायतों का निस्तारण हो जाता है तो पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा और काॅल सेंटर द्वारा फीडबैक के लिए शिकायतकर्ता को आउटबाउंड काॅल की जाएगी। शिकायतों के निस्तारण के आधार पर विभागीय अधिकारियों की ग्रेडिंग की व्यवस्था की गई है।