- December 12, 2014
अंधेरे में तीर मुरैना पुलिस : ग्वालियर पुलिस ने टपकाया तीन शातिर बदमाशों को 8 दिन में
मुरैना (प्रमोद कुमार शर्मा) – जिले में एक के बाद एक लूट व हत्या की वारदात कर कुछ ही समय में सुर्खियों में छाए व जिले की जनता के लिए सिर दर्द बने तीन बदमाशों को मुरैना पुलिस खोजती ही रह गई और ग्वालियर पुलिस ने उन्हें टपकाकर अपनी सक्रियता का परिचय दे डाला। इस तरह मुरैना पुलिस की लाज ग्वालियर पुलिस ने बचा ली।
आतंक का पर्याय बने कुख्यात शातिर व 30 हजार के ईनामी बदमाश शेरा किरार उस समय सुर्खियों में आया, जब उसने कुछ माह पूर्व जौरा रोड सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित कृष्णा एडीबल मिल में घुसकर फायरिंग करते हुए निशांत गर्ग से 2 लाख से अधिक रूपए लूट कर ले गया। इसके बाद पुलिस उसे तलाश करती रही, लेकिन वह मुरैना पुलिस के हाथ नहीं लगा, तब तक विक्की बाल्मीक व सोनू नट नाम के बदमाशों का जिले की कैलारस तहसील में उदय हो गया और उन्होंने ने लक्ष्मी ईंट उद्योग के मालिक अशोक राजौरिया की गोली मारकर हत्या कर दी तथा मुनीम व चौकीदार को घायल कर फरार हो गए। इन घटनाओं के बाद यह बात सामने आई कि विक्की बाल्मीक व उसके साथी शेरा किरार की ही गैंग में है। इस दौरान उक्त दोनों गिरोह ने मिलकर ग्वालियर में में दो पुलिस वालों की हत्या कर दी तो वहीं भिण्ड में एक व्यापारी के साथ लूटपाट की। चम्बल अंचल में कुछ ही समय में यह पूरा गिरोह पुलिस की आंख की किरकिरी बन गया।
सर्वप्रथम ग्वालियर एसएसपी संतोष सिंह ने इस गिरोह को अपने टारगेट पर लिया तथा पिछले सप्ताह मुरैना जिले के ईनामी बदमाश बिक्की बाल्मीक व सोनू नट को एक मुठभेड़ में मार गिराया, जबकि कुछ साथी फरार हो गए। पुलिस ने यह सफलता प्राप्त कर आम जनमानस में यह संदेश दिया कि पुलिस लगन व मेहनत से कार्य करे तो कोई भी कितना भी बड़ा बदमाश हो, चुनौती नहीं है।
ग्वालियर पुलिस की इस सफलता के दौरान 9 दिसम्बर की शाम अचानक शेरा ने मुरैना जिले में दस्तक देते हुए जौरा थाना क्षेत्र के उरहेरा गांव के निकट गोवर्धन फिलिंग सेंटर के संचालक गिर्राज अग्रवाल की टेरर टैक्स के चलते हत्या कर दी, जिससे मुरैना पुलिस की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्रचिन्ह लग गया। पुलिस अधिकारी भी समझ रहे थे कि यह हत्या का मामला उनके लिए सिर दर्द साबित हो सकता है, इसलिए पुलिस अधीक्षक द्वारा टीमें गठित कर शेरा की घेराबंदी में लगा दी गईं।
बुधवार को सुमावली के उदवत का पुरा में बदमाश पप्पू लोहिया के यहां शेरा के छिपे होने की जानकारी पर पुलिस ने दबिश दी और पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई, लेकिन यहां से भी शेरा मुरैना पुलिस के हाथ से बच निकला। इधर घटना को लेकर व्यापारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा था और पुलिस पर लगातार दबाव भी। आखिरकार ग्वालियर पुलिस ने मुरैना के शातिर बदमाश शेरा किरार को गुरूवार व शुक्रवार की रात ढेर कर मुरैना जिले की जनता को उसके आतंक से राहत दिला दी।
मुरैना पुलिस का मुखबिर तंत्र असफल
देखने में आ रहा है कि जब से नए पुलिस अधीक्षक मुरैना पदस्थ हुए हैं तब से लगातार संगीन वारदातें हो रही हैं और पुलिस ना तो वारदातों को ट्रेस कर पा रही और ना ही बदमाशों पर अंकुश लगा पा रही। इस सबसे यह महसूस होता है कि मुरैना पुलिस का मुखबिर तंत्र पूरी तरह फैल और बदमाशों की आमद रफत की सूचना अधिकारियों पर नहीं पहुंच पातीं, जबकि इस मामले में ग्वालियर पुलिस अधीक्षक का मुखबिर तंत्र काफी सतर्क व सक्रिय है। ऐसा लगता है कि मुरैना पुलिस के अधिकारियों को ग्वालियर के एसएसपी से मुखबिर तंत्र को सक्रिय करने के टिप्स प्राप्त करने चाहिए।
7 वर्ष की उम्र से ही अपराध
ग्वालियर पुलिस द्वारा मारे गए 30 हजार रूपए के ईनामी बदमाश शेरा का जीवन बचपन से ही अपराध भरा रहा है। गांव व आसपास के लोगों के अनुसार शेरा 7 वर्ष की उम्र से ही अपराधी प्रवृति का बन गया था और चोरी व राहजनी की वारदात करते-करते उसके हौंसले इतने बुलंद हो गए कि वह लूट व हत्या करने के मामले आम लगने लगे। अपने यौवन पर आते ही उसने बड़ी वारदातें करना आरंभ कर दिया और अल्प समय में ही मामूली चोर से कुख्यात अपराधी बन बैठा।
बाजार बंद: एसपी ने दी शेरा की मौत की खबर
मुरैना। पेट्रोल पम्प संचालक गिर्राज अग्रवाल की हत्या के अपराधी शेरा को गिरफतार करने की मांग को लेकर व्यापारियों द्वारा मुरैना बंद का आव्हान किया गया था। शुक्रवार की सुबह जब व्यापारी बाजार बंद कराने पहुंचे तो इसी बीच एसपी मुरैना उनके बीच पहुंचे और शेरा के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर देकर आंदोलन बापस लेने को कहा। इस पर से भीड़ में से आवाज आई कि मुरैना पुलिस ने क्या किया, यह सुनकर एसपी स्तब्ध रह गए।
पूर्व घोषण के तहत व्यापार मण्डल के संरक्षक रमेशचंद गर्ग, संजय माहेश्वरी, योगेशपाल गुप्ता, पूर्व विधायक परशुराम मुदगल के नेतृत्व में शुक्रवार की सुबह बड़ी संख्या में व्यापारी बाजार बंद कराने पहुंचे। सूचना के चलते लोगों ने स्वेच्छा से ही बाजार बंद कर रखा था, तभी न्यूज चैनलों पर ग्वालियर पुलिस द्वारा शेरा किरार को मुठभेड़ में समाप्त करने की खबर आ गई और कुछ व्यापारियों तक पहुंच गई। उसी बीच मुरैना पुलिस अधीक्षक नवनीत भसीन भी व्यापारियों के बीच पहुंच गए और कहा कि ग्वालियर पुलिस की मुठभेड़ में शेरा मारा जा चुका है, अपना आंदोलन बापस ले ली जीए और प्रतिष्ठानों को खोल लें। इस दौरान भीड़ में से एक व्यक्ति ने कहा कि मुरैना पुलिस ने शेरा के एनकाउंटर में क्या उपलब्धि पाई है तथा 4 दिन में क्या किया, जिसके लिए मुरैना पुलिस को बधाई दी जाए? देखने में आया कि मुरैना पुलिस अधीक्षक के विरूद्ध व्यापारी वर्ग में काफी नाराजगी थी, वहीं व्यापारी ग्वालियर एसएसपी की इस उल्लेखनीय सफलता का बखान करते नजर आए।