अंतर्राष्ट्रीय खाल तस्कर शमीम और गिरोह को 4 साल की कठोर सजा

अंतर्राष्ट्रीय खाल तस्कर शमीम और गिरोह को 4 साल की कठोर सजा

भोपाल :(सुनीता दुबे)———– अंतर्राष्ट्रीय खाल तस्कर शमीम सहित बद्रीलाल सपेरा, मानसिंह, प्रहलाद और रघुवीर को नरसिंहगढ़ के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने अपराध सिद्ध होने पर वन्य-प्राणी (संरक्षण) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत 4-4 वर्ष के कठोर कारावास और 10-10 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। अर्थदण्ड न चुकाने पर उन्हें 6-6 माह का अतिरिक्त कठोर कारावास भुगतना होगा।

करोड़ों रुपये की पेंगुलिन, बाघ, तेंदुआ आदि खालों की तस्करी में संलग्न था शमीम

प्रधान मुख्य संरक्षक (वन्य-प्राणी) श्री जितेन्द्र अग्रवाल ने बताया कि जनवरी-2017 में वन विभाग की एसटीएफ ने शमीम सहित 5 लोगों को पेंगुलिन खाल और दोमुंहा सांप के साथ गिरफ्तार कर न्यायालय के सुपुर्द किया था। इनकी खालें अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर काफी महंगी बिकती हैं। शमीम ने पूछताछ में 1200 तेंदुआ और 125 बाघ की खालों की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर व्यापार की बात स्वीकार की थी। इसके बाद वह पेंगुलिन की खाल की तस्करी में लग गया था। मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों की पुलिस शमीम की तलाश कर रही थी।

रघुवीर उर्फ कालीचरण को वर्ष 1988 में छोटे-बड़े जानवरों की 129 खालों के साथ गुना में गिरफ्तार किया गया था परंतु वह छूटने में कामयाब रहा था। वर्ष 2005 में रणथम्भौर में भी इसके खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया था। मध्यप्रदेश वन विभाग की एसटीएफ इसे सजा दिलाने में कामयाब हुई।

न्यायालयीन निर्णय में कहा गया है कि अपराधियों ने मध्यप्रदेश के नरसिंहगढ़, सीहोर, गुना आदि जिलों के अलावा राजस्थान के सालपुरा, बारां, छबड़ा, छीयाबरोड़ एवं दिल्ली आदि स्थानों पर वन्य-प्राणी सियार, कोबरा (भारतीय नाग), रेडसेंड बोआ (दो मुंह का सांप), लकड़बग्गा, पेंगुलिन के शल्क आदि वन्य-जीवों का एक संगठित गिरोह के रूप में शिकार कर उनके अंगों का अवैध रूप से अंतर्राज्यीय और अंतर्राष्ट्रीय-स्तर पर व्यापार का गंभीर दण्डनीय अपराध किया है।

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