• October 15, 2018

अंजुमन इस्लामिया हॉल— अल्पसंख्यक समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए जिस किसी योजना की आवश्यकता होगी उसे लागू किया जाएगा:- मुख्यमंत्री

अंजुमन इस्लामिया हॉल— अल्पसंख्यक समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए जिस किसी योजना की आवश्यकता होगी उसे लागू किया जाएगा:- मुख्यमंत्री

*** अब राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम का हिस्सा है 80 करोड़ रूपये
*** मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना का बजट 100 करोड़ रुपये।
*** परित्यक्ता महिला आर्थिक सहायता योजना की राशि 25 हजार रूपये
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पटना——-:- मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद में इंडो-इस्लामिक वास्तुकला पर आधारित अंजुमन इस्लामिया हॉल, पटना के नये प्रस्तावित भवन का शिलान्यास किया और इसके साथ ही बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना, बिहार राज्य वक्फ विकास योजना एवं बिहार राज्य मदरसा सुदृढ़ीकरण योजना का रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया।

आयोजित कार्यक्रम में आज प्रारंभ की गयी योजनाओं की मार्ग निर्देशिका एवं 56-59वीं बी0पी0एस0सी0 मुख्य परीक्षा एवं माॅक इंटरव्यू की निःशुल्क आवासीय कोचिंग के दस्तावेजीकरण का विमोचन मुख्यमंत्री ने किया।

इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा संचालित योजनाओं एवं अंजुमन इस्लामिया हॉल के प्रस्तावित नये भवन से संबंधित वृतचित्र मुख्यमंत्री के समक्ष प्रदर्शित की गयी।

इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना, पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति, विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत लाभुकों के बीच राशि का वितरण भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री के समक्ष बिहार राज्य अल्पसंख्यक मुफ्त कोचिंग योजना, कौशल विकास योजना, मुख्यमंत्री श्रम शक्ति योजना, मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना के लाभुकों ने अपने अनुभवों को मंच से साझा किया।

समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज किए गये शिलान्यास एवं शुभारंभ योजनाओं के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त 2017 को स्वतंत्रता दिवस के दिन झंडोत्तोलन के बाद हमने कहा था कि बिहार बोर्ड की तरह ही प्रथम श्रेणी से पास करने वाले फोकानिया एवं मौलवी के छात्रों को लाभ दिया जाए और अब वह मिलना शुरू हो गया है।

उन्होंने कहा कि कई जगहों पर हमने देखा कि मदरसों में जो बुनियादी जरूरतें हैं उसकी कमी है। इसके बाद इस ओर कार्रवाई की गयी और अब राज्य सरकार के पैसों से मदरसों में क्लास रूम, फर्नीचर, पुस्तकालय, शौचालय आदि बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था की गयी।

उन्होंने कहा कि जिलों में वक्फ बोर्ड की जो जमीन है वह चाहे सिया का हो या सुन्नी का वहां अच्छे भवन का निर्माण हो, जिससे वहां आवश्यकता पड़ने पर अल्पसंख्यकों के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग की व्यवस्था की जा सके। बिल्डिंग का स्ट्रक्चर ऐसा हो कि उसके कुछ हिस्से का व्यावसायिक उपयोग किया जा सके।

अंजुमन इस्लामिया के प्रस्तावित नये भवन में व्यावसायिक उपयोग को ध्यान में रखते हुए कुछ इस तरह की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे थोड़ी बहुत आमदनी भी हो सके, इससे आर्थिक निर्भरता भी कम होगी। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री आमिर सुबहानी की ओर मुखातिब होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मई 2020 तक निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्ष 2020 में ईद के मौके पर इसका उद्घाटन हो सके, इसको ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य निर्धारित समय-सीमा के अंदर पूरा होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार राज्य अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय योजना का आज शुभारंभ हो गया है और अब सभी जिलों में अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय बनेंगे। मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक रोजगार ऋण योजना का बजट 25 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिये गये हैं। परित्यक्ता महिला आर्थिक सहायता योजना की राशि को भी 10 हजार रूपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपये किया गया है।

राज्य अल्पसंख्यक वित्त निगम का जो हिस्सा है उसको 40 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 80 करोड़ रूपये कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के लिए जमुई, बेगूसराय, किशनगंज, शेखपुरा, कटिहार और छपरा में जमीन चिन्हित कर लिया गया है। वक्फ बोर्ड के लोगों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा जो अन्य शेष जिले हैं वहां वक्फ बोर्ड की जमीन जल्द से जल्द उपलब्ध कराएं ताकि आवासीय विद्यालयों का निर्माण कराया जा सके।

बिहार राज्य मदरसा शिक्षा सुदृढ़ीकरण योजना के तहत क्लास रूम, पुस्तकालय, पेयजल, शौचालय इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए मदरसों को सहायता देने की स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति जो केंद्र सरकार से मिलती है, उसमे क्वालीफाई करने वालों की संख्या ज्यादा होती है, जबकि केंद्र सरकार द्वारा लिमिटेड छात्रों को ही छात्रवृत्ति मुहैया करायी जाती है। हमलोगों ने क्वालीफाई करने के बावजूद छात्रवृत्ति से वंचित सभी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति की व्यवस्था सुनिश्चित की। हमलोगों ने अल्पसंख्यक छात्रावास में रहने वाले छात्रों को पहले से मिल रही योजनाओं एवं छात्रवृत्ति का लाभ देने के अलावा हर महीने एक हजार रुपये एवं प्रतिमाह मुफ्त में 15 किलो अनाज मुहैया कराने की भी व्यवस्था की है। इसमें 9 किलो चावल और 6 किलो गेहूं छात्रों को उपलब्ध कराये जा रहे हैं। उद्यमिता के लिए जो रोजगार ऋण योजना है, उसकी राशि 25 करोड़ रूपये से बढ़ाकर 100 करोड़ रुपये कर दिये गये हैं। इस राशि को जितना अधिक बढ़ाने की जरूरत होगी, उसे बढ़ाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में उर्दू के 102 असिस्टेंट प्रोफेसर की बहाली की जा रही है, वहीं अरबी विश्वविद्यालयों में जो 6 रिक्तियाॅ हैं उसके लिए भी अधियाचना भेजी गयी है। हर दिशा में काम हो रहा है। हमलोगों किसी भी चीज को इग्नोर नहीं करते हैं।

कार्यक्रम में मौजूद लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको जो भी जरुरी काम लगे या विकास कार्यों को लेकर अगर आपके पास कोई आईडिया हो तो उसे शेयर करिये। उस पर गौर करके जो भी संभव होगा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम निर्णय लेते हैं तो पीछे नहीं हटते हैं। अल्पसंख्यक समुदाय की इतनी बड़ी आबादी है लेकिन अभी भी बहुत कम लोग मुख्य धारा से जुड़ सके हैं। हम सभी लोगों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रति कटिबद्ध हैं।

वर्ष 2005 में जब हमने कार्यभार संभाला था तो एक सर्वे कराया, जिसमें 12.5 प्रतिशत बच्चे स्कूलों से बाहर थे। अब यह घटकर एक प्रतिशत से भी कम रह गया है। इसमें अधिकांश बच्चे अल्पसंख्यक समुदाय और महादलित परिवारों के थे। इसके बाद टोला सेवकों की बहाली और तालीमी मरकज की शुरुआत की गयी। सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि पहले मदरसा और संस्कृत बोर्ड की क्या स्थिति थी ? मुख्यमंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय की जो बड़ी आबादी अब भी मुख्य धारा से अलग-थलग हैं, उन तक पढ़ाई, व्यापार, नौकरी, इलाज जैसी हर तरह की चीजों का लाभ पहुंचाया जायेगा और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अरबी-फारसी विश्वविद्यालय का नोटिफिकेशन हमलोगों ने किया और अब इसके स्थायी भवन के लिए जमीन भी मुहैया करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा भरोसा काम करने और लोगों की सेवा करने में है हम वोट की चिंता नहीं करते और न ही हमारा काम का तौर तरीका जाति पर आधारित है। हमारे साथ चाहे जो भी रहे हमने काम के साथ-साथ क्राइम, करप्शन और कम्युनिलिज्म से कभी समझौता नहीं किया। हमारी योजनायें युनिवर्सल होती हैं। सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल, हर घर बिजली, हर घर शौचालय, हर घर तक पक्की गली-नाली जैसी बुनियादी सुविधाएं लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पहले बिजली की क्या स्थिति थी। लोग कल्पना भी नहीं करते थे कि उनके घर तक बिजली पहुँचेगी। आज बिहार में कहीं भी शाम के बाद जाइए चारो तरफ रौशनी ही रौशनी मिलेगी। हमारा कमिटमेंट काम के प्रति है और बिहार को चलाने की हमारी जिम्मेदारी है। जो कुछ संभव है वह हम करते हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ हमने समाज सुधार का काम किया है। हर धर्म कहता है कि समाज नशामुक्त होना चाहिए और जब हमने शराबबंदी लागू की तो सभी मजहब के लोगों ने खुशी प्रकट की। शराबबंदी से 90 प्रतिशत से अधिक लोगों को लाभ मिला है। पूरे बिहार में अमन-चैन और शान्ति का माहौल है लेकिन समाज में चंद गिने-चुने लोग हैं जो गड़बड़ी करने में विश्वास रखते हैं। शराबबंदी के कारण जिन परिवारों के सामने जीविकोपार्जन की समस्या खड़ी हो गयी वैसे परिवारों को वैकल्पिक रोजगार मुहैया कराने के लिए सतत् जीविकोपार्जन योजना की शुरुआत की गयी है। उन्होंने कहा कि विकास के साथ ही सामाजिक सुधार के काम में हमारी दिलचस्पी है क्योंकि इसके बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता।

लोगों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर सूरतेहाल में समाज में सद्भाव, आपसी सौहार्द्र, प्रेम और भाईचारा कायम रखें। झगड़े से कल्याण कतई संभव नहीं है। गाँधी जी का मानना था कि यह धरती आपकी जरूरतों को पूरा कर सकती है लालच को नहीं। गाँधी जी द्वारा बताये गये सात सामाजिक पापों को भी मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में साझा किया। गाँधी जी के बताये सात सामाजिक पापों में सिद्धांत के बिना राजनीति, काम के बिना धन, विवेकरहित सुख, नैतिकता के बिना व्यापार, मानवता के बिना विज्ञान, त्याग के बिना पूजा और चरित्र के बिना ज्ञान सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सात सामाजिक पापों को जितने कार्यालय और स्कूल है, वहां उल्लेखित किया जाएगा ताकि बार-बार पढ़ने पर लोगों पर इसका असर पड़े। इससे समाज में कटुता खत्म होगी। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का उपयोग समाज में कटुता पैदा करने के लिए हो रहा है।

उन्होंने कहा कि समाज में सद्भाव, आपसी प्रेम और भाईचारा कायम हो जाए तो दुनिया की कोई ताकत हमें आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। अल्पसंख्यक समुदाय को मुख्य धारा में लाने के लिए जिस किसी योजना की आवश्यकता होगी उसे लागू किया जाएगा।

कार्यक्रम में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री आमिर सुबहानी ने मुख्यमंत्री को पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिह्न भेंटकर उनका अभिनंदन किया। बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री इरशादुल्लाह एवं बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री इरशाद अली आजाद ने भी शॉल एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।

समारोह को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री खुर्शीद आलम, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री आमिर सुबहानी ने संबोधित किया।
इस अवसर पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री खुर्शीद आलम, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री इरशादुल्लाह, बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री इरशाद अली आजाद, सांसद श्रीमती कहकशां परवीन, विधान पार्षद श्री सलमान रागीव, विधान पार्षद श्री खालिद अनवर, पूर्व विधायक श्री इजहार अहमद, मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के विशेष सचिव सह-निदेशक श्री एस0आई0 फैसल, जिलाधिकारी श्री कुमार रवि, अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं के लाभार्थीगण सहित अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारी एवं कर्मीगण उपस्थित थे।

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