‘हमारा लक्ष्य अंत में दुनिया भर में पहुंचने का है : टाटा मोटर्स और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन

‘हमारा लक्ष्य अंत में दुनिया भर में पहुंचने का है : टाटा मोटर्स और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन

टाटा मोटर्स अपने इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) को दुनिया भर के बाजारों में ले जाने की आकांक्षा रखती है। उसने अपने मौजूदा इलेक्ट्रिक वाहनों और अगले तीन साल में उतारे जाने वाले ईवी को भारत के बाहर बहुत से बाजारों में बेचने की योजना बनाई है। टाटा मोटर्स और टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (टीपीईएम) की पहली पूरी तरह इलेक्ट्रिक इंजन वाली कार के कॉन्सेप्ट ‘अविन्य’ से पर्दा हटाने के बाद इन योजनाओं का खुलासा किया।

चंद्रशेखरन ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य अंत में दुनिया भर में पहुंचने का है और हम सहज अनुभव के लिए सॉ टवेयर, इलेक्ट्रिक एवं इलेक्ट्रॉनिक ढांचे के मामले में सर्वश्रेष्ठ पैमाने गढऩे के लिए काम कर रहे हैं। हमारे वाकई बहुत ऊंचे अरमान हैं।’ हालांकि चंद्रशेखरन ने उन बाजारों के बारे में कोई जानकारी देने से इनकार कर दिया, जिनमें कंपनी इलेक्ट्रिक वाहन उतारना चाहती है।

इसके साथ ही टाटा मोटर्स के यात्री वाहन कारोबार को पूरी दुनिया में पहुंचाने की रणनीति शुरू हो जाएगी। पिछले कई साल से यह कारोबार उत्सर्जन मानकों में अंतर के कारण भारत और दक्षिण एशिया तक ही सिमटा रहा है। चंद्रशेखरन ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ ही कंपनी के लिए संभावनाओं के नए दरवाजे खुल जाएंगे। टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहनों में बाजार में सबसे पहले उतरने वाली कंपनियों में है। चंद्रशेखरन ने कहा कि इस श्रेणी में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कंपनी की अगले 5 साल में 10 इलेक्ट्रिक वाहन उतारने की योजना है। इन वाहनों में बॉडी स्टाइल अलग-अलग होगा, ये अलग-अलग दूरी तय कर सकेंगे और इनकी कीमत भी अलग-अलग होंगी। उन्होंने कहा कि इन कारों में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा और ये दुनिया भर की ईवी को टक्कर देंगी। टाटा मोटर्स पैसेेंजर व्हीकल्स और टीपीईएम के प्रबंध निदेशक शैलेश चंद्रा ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘जिन बाजारों में हम अपने ईवी उतारना चाहते हैं उनमें से कुछ में हमने वाहनों का परीक्षण शुरू भी कर दिया है।’ चंद्रा ने कहा कि जिन बाजारों में टाटा मोटर्स की ब्रिटिश सहायक कंपनी जगुआर लैंड रोवर पहले से मौजूद हैं, उन बाजारों में उतरने के लिए वह जेएलआर का सहारा लेने की योजना बना रही है। चंद्रा ने कहा, ‘इस समय हमारे काफिले में शामिल कई ईवी कुछ परिपक्व बाजारों में बेचने के लिहाज से एकदम काबिल हैं। दूसरी बात यह है कि इलेक्ट्रिक वाहन होने के कारण अब हमें उत्सर्जन का वह अंतर नहीं झेलना पड़ेगा, जिसकी वजह से अभी तक हमारे हाथ बंधे थे।’

मारुति का लाभ 51 फीसदी बढ़ा
मारुति सुजूकी का एकीकृत शुद्ध लाभ 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 51.14 फीसदी बढ़कर 1,875.8 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में मारुति सुजूकी कंपनी को 1,241.1 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था। बीते वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में मारुति सुजूकी की परिचालन आय बढ़कर 26,749.2 करोड़ रुपये हो गई, जो वित्त वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही में 24,034.5 करोड़ रुपये थी। मारुति ने आलोच्य तिमाही के दौरान 4,88,830 वाहन बेचे।

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