स्वास्थ्य परीक्षण शिविर: कटे-फटे होंठ वाले बच्चों का निःशुल्क उपचार

स्वास्थ्य परीक्षण शिविर: कटे-फटे होंठ वाले बच्चों का निःशुल्क उपचार

कवर्धा (छत्तीसगढ) – जन्म से कटे-फटें होंठ वाले बच्चें तथा आग या अन्य वस्तुओं से जले और अन्य हादसों से कारण मुढे अथवा बचपन से चिपके हुए हाथ-पैर जिसे आपरेशन से सुधार किया जा सकेगा ऐसे लोगों के चेहरे तथा उनके परिवार जनों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए कबीरधाम जिले में 12 फरवरी को जिला चिकित्सालय में शिविर का आयोजन किया जाएगा। साथ ही निशक्तजन बच्चों अथवा बुजुर्गो को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से ऐसे जरूरतमद लोगों को सहायक उपकरण भी दिए जाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए जिला पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग को विशेष दायित्व दिए गए है।

कलेक्टर श्री पी.दयानंद ने आज यहां कलेक्टोरेट सभा कक्ष में स्वास्थ्य, पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, आदिम जाति विभाग तथा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए है। कलेक्टर श्री पी.दयानंद ने जिले ग्रामीण अथवा नगरीय निकाय इलाकों के स्कूलो में अध्ययनरत स्कूली बच्चों जिनके जन्म से होंठ कटे-फटे हो अथवा जन्म से उन बच्चों के हाथ या पैर चिपके हुए ऐसे बच्चों को सर्व प्राथमिकता के आधार पर चिन्हांकित करने के निर्देश दिए है, तथा ऐसे बच्चों को 12 फरवरी को जिला चिकित्सालय में आयोजित शिविर में स्वास्थ्य परीक्षण के लिए लाने के भी अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। जन्म से कटे-फटें होंठ वाले बच्चों को स्वास्थ्य परीक्षण के बाद जो ऑपरेशन के बाद ठीक होने योग्य है ऐसे बच्चों को उच्च चिकित्सकीय के लिए रायपुर भेजा जाएगा तथा उनका निःशुल्क इलाज कराया जाएगा।

कलेक्टर ने जिले में निवासरत निशक्तजनों को उन्हे आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के अधिकारी को निर्देशित करते हुए कहा कि खासकर स्कूलों में अध्ययनरत निःशक्तजन बच्चें जिन्हे चलने फिरने में तकलीफ हो रही हो, सुनने अथवा देखने में  कठिनाइयां हो रही हो, ऐसे बच्चों को चिन्हांकित कर विशेष स्वास्थ्य परीक्षण कराए तथा उन्हे सहायक उपकरण प्रदान किए जाए। इसके लिए भी शिक्षा एवं आदिम जाति विकास विभाग के अधिकारियों को भी विशेष जिम्मेदारी दी गई है। बैठक में पुलिस अधीक्षक श्री आरएस नायक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जीके सक्सेना, बाल्यरोग विशेषज्ञ डॉ.सलिल मिश्रा एवं महिला एवं बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती प्रिंयका ठाकुर, जिला अधिकारी श्री राणा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य परीक्षण 12 फरवरी को
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जी.के सक्सेना ने बताया कि जिला चिकित्सालय में 12 फरवरी को जन्म से कटे-फटें हांेठ वाले बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण, एवं जन्म से बच्चों के ऊंगलियां एवं हाथ चिपक गए है ऐसे प्रकरणों को चिन्हांकित किया जाएगा। उन्होने बताया कि रायपुर के डॉ. कालड़ा द्वारा बच्चों को परीक्षण किया जाएगा तथा ऐसे प्रकरणों को उपचार निःशुल्क किया जाएगा।

Related post

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान

  कल्पना पाण्डे———प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके…
साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…

Leave a Reply