• April 26, 2017

स्वाईन फ्लू नियंत्रण कक्ष -स्वाईन फ्लू से घबरायें नहीं –चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

स्वाईन फ्लू नियंत्रण कक्ष -स्वाईन फ्लू से घबरायें नहीं –चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

जयपुर———चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री श्री कालीचरण सराफ ने कहा है कि चिकित्सा एवं स्वास्स्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में स्वाईन फ्लू पर नियंत्रण, रोकथाम एवं उपचार के लिए व्यापक व्यवस्था की गयी है। उन्होंने बताया कि इन व्यवस्थाओं की निदेशालय स्तर पर दैनिक मॉनिटरिंग की जा रही है। उन्होंने प्रदेशावासियों से स्वाईन फ्लू जैसे लक्षण प्रतीत होने पर बिना घबराये तत्काल निकटवर्ती चिकित्सा केन्द्र पर जाकर जांच करवाने का आग्रह किया है।

श्री सराफ मंगलवार को अपराह्न विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में प्रदेश में स्वाईन फ्लू पर नियंत्रण, रोकथाम एवं उपचार के लिए की गयी व्यवस्थाओं की समीक्षा बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि स्वाईन फ्लू की निगरानी एवं पॉजिटिव पाये जाने पर उपचार सहित तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए राज्य नियंत्रण कक्ष सहित सभी जिलों में स्वाईन फ्लू नियंत्रण कक्ष कार्य कर रहे हैं। टोल फ्री 104 से स्वाइन फ्लू के लक्षण, जांच एवं उपचार के विषय में आवश्यक जानकारी ली जा सकती हैं एवं आवश्यक सूचनाएं दी जा सकती हैं।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि स्वाईन फ्लू रोग के उपचार के लिए सभी तरह की दवाइयां राजकीय चिकित्सालयों में निःशुल्क उपलब्ध करवायी जा रही हैं। प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजोें से संबद्ध चिकित्सालयों एवं सभी जिला अस्पतालों में स्वाईन फ्लू की जांच हेतु सेम्पल संग्रहण की व्यवस्था की गयी है। प्रदेश के सभी 6 मेडिकल कॉलेजों में स्वाइन फ्लू जांच की सुविधा उपलब्ध है।

मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध चिकित्सालयों, सभी जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर स्वाईन फ्लू के उपचार से संबंधित आवश्यक दवाइयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवायी गयी हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री बंशीधर खंडेला ने स्वाईन फ्लू को दृष्टिगत रखते हुये चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के नियंत्रण कक्ष को प्रभावी बनाने के निर्देश दिये।

उन्होंने स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान संचालित करने पर बल दिया। नियंत्रण कक्ष पर प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित कार्यवाही करने के लिये कहा। नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नम्बर 0141-2225624 है। प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्रीमती वीनू गुप्ता ने बताया कि स्वाईन फ्लू की रोकथाम एवं उपचार के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रोटोकॉल की पालना सुनिश्चित की जा रही है। पॉजिटिव पाये जाने पर रोगी के आस-पास के 50 घरों का सर्वे कर इनफ्लूएन्जा के लक्षणों वाले रोगियों को ओसल्टामिविर दवा दी जा रही है।

श्रीमती गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में 40 डिग्री से भी अधिक तापक्रम पर स्वाईन फ्लू की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पूना को वायरस में किसी भी प्रकार के बदलाव की जांच हेतु सैम्पल भिजवाये जा रहे हैं। राजकीय मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के साथ-साथ सभी राजकीय जिला अस्पतालों में वीटीएम के माध्यम से स्वाईन फ्लू के सम्भावित रोगियों के सैम्पल कलेक्शन कर निकटवर्ती मेडिकल कॉलेज की प्रयोगशाला में जांच करवाने की व्यवस्था की गई है।

चिकित्सा शिक्षा सचिव श्रीमती रोली सिंह ने बताया कि सभी 6 राजकीय मेडिकल कॉलेज, जयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा, उदयपुर, जोधपुर एवं डीएमआरसी जोधपुर सहित 7 राजकीय संस्थाओं में निःशुल्क जांच की जा रही है। राजकीय चिकित्सक के परामर्श पर निःशुल्क एवं स्वंय द्वारा जांच कराने पर 500 रूपये की राशि से यह सुविधा उपलब्ध है।

एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. यू.एस अग्रवाल ने बताया कि स्वाईन फ्लू रोगियों में ओसल्टामिविर की प्रभावशीलता व प्रतिरोधकता की भी जांच कॉलेज की एडवांस रिसर्च लैब से करवायी जा रही है। उन्होंने बताया कि अप्रेल माह में वायरस का सक्रिय होना अप्रत्याशित नहीं है।

उन्होंने बताया कि एसएमएस हॉस्पिटल में स्वाईन फ्लू के रोगियों की जांच व उपचार की पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। अतिरिक्त निदेशक डॉ. आदित्य आत्रेय ने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष 24 अप्रेल तक स्वाईन फ्लू के 518 सैम्पलस की जांच की गई। इनमें से 141 रोगी स्वाईन फ्लू पॉजिटिव पाये गये एवं 18 व्यक्तियों की मृत्यु हुई।

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