• February 3, 2015

स्वाईन फ्लू: चिकित्साकर्मियों के अवकाश निरस्त

स्वाईन फ्लू: चिकित्साकर्मियों के अवकाश निरस्त

जांच रिपोर्ट 12 घंटे में ऑनलाईन उपलब्ध कराने के निर्देश

जयपुर – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश में स्वाईन फ्लू की प्रभावी रोकथाम सुनिश्चित करने के लिये समस्त चिकित्साकर्मियों के अवकाश निरस्त करने के आदेश दिये हैं। स्वाईन फ्लू के नमूनों की जांच रिपोर्ट 24 घंटे की बजाय 12 घंटे में ऑनलाईन उपलब्ध कराने एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, जिला अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में संदिग्ध स्वाईन फ्लू मरीजों के लिये अलग से आउटडोर की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये हैं।

श्री राठौड़ ने सोमवार को सायं अपने राजकीय निवास पर आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्देश दिये। स्वाईन फ्लू की जांच रिपोर्ट 12 घंटे में उपलब्ध कराने के लिये आवश्यकतानुसार चिकित्सक, लेब टेक्नीशियन व डाटा एन्ट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। स्वाईन फ्लू नमूनों की जांच के लिये आवश्यकतानुसार निजी लैब से भी सहयोग लिया जायेगा।

चिकित्सा मंत्री ने सवाई मानसिंह अस्पताल में स्वाईन फ्लू जांच की स्थिति की विस्तार से समीक्षा की। वर्तमान में 2 मशीनों से प्रतिदिन लगभग 100 नमूनों के जांच की व्यवस्था है। इसे बढ़ाने के लिये उपकरणों सहित आवश्यक जांच सामग्री एवं अतिरिक्त स्टॉफ उपलब्ध करवाया जायेगा। अतिरिक्त स्टॉफ में 4 चिकित्सक, 4 लैब टेक्नीशियन व 2 डाटा एन्ट्री ऑपरेटर सोमवार शाम को ही उपलब्ध करा दिये गये हैं। शहर के जयपुरिया अस्पताल में भी स्वाईन फ्लू की जांच की सुविधायें स्थापित करने के भी निर्देश दिये गये हैं।

स्वाईन फ्लू के लिये अलग से आउटडोर

श्री राठौड़ ने मेडिकल कॉलेज से सम्बद्घ अस्पतालों, जिला अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों स्वाईन फ्लू के मरीजों की जांच एवं उपचार के लिये अलग से आउटडोर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। इन आउटडोर्स पर स्वाईन फ्लू का उपचार अंकित बैनर्स भी लगाने के निर्देश दिये गये हैं।

गले में दर्द, नाक बहना और तेज बुखार होने पर टेमीफ्लू

गले में दर्द, नाक बहना और तेज बुखार होने पर तत्काल संबधित रोगी को टेमीफ्लू प्रारम्भ करने एवं नमूना लेकर जांच करवाने के भी निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने प्रदेश में स्वाईन फ्लू की दवाइयों की उपलब्धता की विस्तार से समीक्षा की और बताया गया कि टेमीफ्लू सहित सीरप एवं अन्य सभी दवाइयां पर्याप्त मात्र में उपलब्ध है।

प्रभारी अधिकारियों को जिलों में ही रहने के आदेश

चिकित्सा मंत्री ने स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिये राज्य स्तर से विभिन्न जिलों में भिजवाये गये प्रभारी अधिकारियों को अग्रिम आदेशों तक जिलों में ही रहकर स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिये हैं। प्रभारी अधिकारियों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र तक जाकर स्वाईन फ्लू के उपचार की व्यवस्थाओं का जायजा लेने एवं रोकथाम के सभी उपाय सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।

संभागीय आयुक्त लेंगे जायजा

श्री राठौड़ ने बताया कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में स्वाईन फ्लू की स्क्रीनिंग, उपचार एवं जांच इत्यादि की व्यवस्थाओं का संबंधित संभागीय आयुक्त जायजा लेंगे एवं व्यवस्था को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जायेगा।

नियंत्रण कक्षों को प्रभावी बनायें

चिकित्सा मंत्री ने स्वाईन फ्लू की रोकथाम के लिये राज्य स्तरीय एवं जिला स्तरीय नियंत्र्ण कक्षों को प्रभावी बनाने एवं इन नियंत्रण कक्षों पर सूचना प्राप्त होते ही प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये हैं। नियंत्र्ण कक्ष के दूरभाष नम्बर 0141-2225624 एवं 0141-2225000 है। टोल फ्री नम्बर 104 से स्वाईन फ्लू के बारे में आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है एवं सूचना भी दी जा सकती है।

स्वाईन फ्लू की जानकारी हेतु सोशल मीडिया का भी उपयोग

श्री राठौड़ ने प्रदेशवासियों को स्वाईन फ्लू से बचाव के बारे में आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराने के लिये व्यापक स्तर पर आईईसी गतिविधियां आयोजित करने के निर्देश दिये। उन्होंने बताया कि इस कार्य के लिये सभी जिलों को पूर्व में उपलब्ध करवायी गयी 2 लाख रुपये की राशि के अतिरिक्त डेढ़-डेढ़ लाख रुपये की राशि आवंटित कर दी गयी है। उन्होंने बताया कि फेसबुक पेज आईईसी राजस्थान पर बचाव संबंधित जानकारियां उपलब्ध करवायी जा रही है। वाट्स-अप संदेशों द्वारा भी जानकारी उपलब्ध करवायी जा रही है।

बैठक में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री मुकेश शर्मा, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा  श्री जे.सी माहन्ति, अतिरिक्त मिशन निदेशक एनएचएम श्री नीरज के पवन, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. बी. आर. मीणा, एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. मानप्रकाश शर्मा व डॉ. बी. एल. नवल सहित संबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।

Related post

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

साड़ी: भारतीयता और परंपरा का विश्व प्रिय पोशाक 

21 दिसंबर विश्व साड़ी दिवस सुरेश सिंह बैस “शाश्वत”- आज से करीब  पांच वर्ष पूर्व महाभारत काल में हस्तिनापुर…
पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

पुस्तक समीक्षा :कमोवेश सभी कहानियां गोरखपुर की माटी की खुशबू में तर-बतर है

उमेश कुमार सिंह——— गुरु गोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं। गुरु…
पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

पुस्तक समीक्षा : जवानी जिन में गुजरी है,  वो गलियां याद आती हैं

उमेश कुमार सिंह :  गुरुगोरखनाथ जैसे महायोगी और महाकवि के नगर गोरखपुर के किस्से बहुत हैं।…

Leave a Reply