- November 8, 2017
स्वच्छ भारत मिशन पर घमर्थन दिवस
जयपुर 08 नवम्बर। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सेल्फ अससमेंट टूल एवं सर्वोत्तम प्रक्रिया विषय पर स्वायत्त शासन भवन में एक दिवसीय कार्यशाला का अयोजन निदेशक एवं संयुक्त सचिव, स्वायत्त शासन विभाग श्री पवन अरोड़ा की अध्यक्षता में किया गया।
कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक एवं संयुक्त सचिव श्री पवन अरोड़ा ने कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 का शुभारंभ 04 जनवरी, 2018 से प्रदेश में होगा। इस सर्वेक्षण में प्रदेश की 191 नगरीय निकाय भाग लेंगी। उन्होंने कहा कि शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के लिए नये पैरामीटर तैयार किये गये है।
1 लाख से अधिक जनसंख्या/ राज्यों की राजधानी के 500 शहरों की रैकिंग ऑल इण्डिया लेवल पर की जायेगी। जिसमें राज्य के 29 शहरी सम्मिलित होंगे। स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 में 1 लाख से कम जनसंख्या वाले 3541 शहरों की रैकिंग राज्य एवं जोन स्तर पर की जायेगी। जिसमें राज्य की 162 नगरीय निकाय सम्मिलित होंगी।
उन्होंन बताया कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की गयी है उसमें कुल अंकों में से म्यूनिसिपल डॉक्यूमेंटेशन के लिए 35 प्रतिशत, प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत एवं नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत अंक दिये जायेंगे।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के लिए म्यूनिसिपल डॉक्यूमेंटेशन के लिए कुल 1400 अंको का बटवाया किया जायेगा, जिनमें ठोस कचरे का परिवहन एवं एकत्रिकरण के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), ठोस कचरे का प्रसंस्करण एवं निपटान के लिए 25 प्रतिशत (350 अंक), स्वच्छता एवं खुले में शौच मुक्त 30 प्रतिशत (420 अंक), सूचना-शिक्षा एवं संचार व्यवहार में बदलाव के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक), क्षमता संवर्धन के लिए 5 प्रतिशत (70) एवं नवाचार एवं सर्वोत्तम प्रक्रिया के लिए 5 प्रतिशत (70 अंक) दिये जायेंगे।
स्वच्छ सर्वेक्षण – 2018 के लिये स्वतंत्र सत्यापन के लिए इन्डीकेटर्स की प्रगति सही नहीं होने के स्थिति में नेगेटिव मार्किंग भी की जा सकेगी।
उन्होनें कहा कि स्वच्छ सर्वेक्षण-2018 के तहत प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए जो सर्वेक्षण पद्धति निर्धारित की गयी है उसमें 1200 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (360 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (420 अंक) निर्धारित किये गये है।
नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 1400 अंकों में प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए 30 प्रतिशत (420 अंक), नागरिक प्रतिक्रिया के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक), सर्विस लेवल प्रोग्रेस के लिए 35 प्रतिशत (490 अंक) निर्धारित किये गये है।
उन्होेने कहा कि प्रदेश को खुले में शौच मुक्त बनाये जाने के लिए दिसम्बर 2017 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश के सभी वार्डो/शहरों को दिसम्बर, 2017 से पूर्व खुल में शौच से मुक्ति के लिए प्रत्येक नगरीय निकाय को कार्य योजना बनाकर समयबद्ध रूप से आवश्यक शौचालयों का निर्माण तेजी से करते हुए निर्धारित समयावधि में लक्ष्य को प्राप्त करना होगा।
कार्यशाला में अरबन मैनेंजमेंट सेन्टर, अहमदाबाद के प्रतिनिधि श्री अरविन्द सिंह ने स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के विभिन्न हिस्सों में किये सर्वोत्तम प्रक्रिया (नवाचार) के तहत सूरत, इन्दौर, भोपाल आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर उपनिदेशक क्षेत्रीय स्वायत्त शासन विभाग जयपुर श्री असलम शेर खान, अरबन मैनेजमेंट सेन्टर, अहमदाबद के प्रतिनिधि श्री अरविन्द सिंह, 29 अमृत शहरों के आयुक्त एवं अधिशाषी अधिकारी तथा प्रदेश के 65 खुले में शौच मुक्त शहराें के आयुक्त एवं अधिशाषी अधिकारी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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