स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार के लिये कौशल विकास के पाठ्यक्रमों का निर्धारण किया जाए —मुख्यमंत्री योगी

स्थानीय  स्तर  पर  लोगों  को  रोजगार के लिये  कौशल  विकास  के पाठ्यक्रमों  का  निर्धारण  किया  जाए —मुख्यमंत्री   योगी

300 सरकारी आई0टी0आई0 तथा 2715 निजी आई0टी0आई0
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लखनऊ :(सू०वि०)———– उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए युवाओं का कौशल विकास सुनिश्चित किया जाए।

सम्पूर्ण प्रदेश में स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास के पाठ्यक्रमों का निर्धारण किया जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार का लक्ष्य है कि आमजन को पाइप पेयजल व शौचालय आदि बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें, इसके लिए प्लम्बरिंग व राजमिस्त्री आदि का प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। इसी तरह अन्य सेक्टरों पर भी ध्यान देते हुए ट्रेड का निर्धारण किया जाए।

मुख्यमंत्री शास्त्री भवन में केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री श्री अनन्त कुमार हेगड़े के साथ कौशल विकास के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के सभी विकासखण्डों में युवाओं के कौशल विकास की प्रभावी कार्य योजना बनायी जाए। ब्लाॅक स्तर पर युवाओं के कौशल विकास करने से उन्हें उनके क्षेत्र में ही रोजगार उपलब्ध कराने की सम्भावनाएं बढ़ जाएंगी और उन्हें अपना घर छोड़कर रोजगार के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘स्किल आॅन व्हील्स’ कार्यक्रम को वृहद् पैमाने पर शुरू किया जाए। इसके लिए वाराणसी, इलाहाबाद, गोरखपुर, लखनऊ, आगरा, मेरठ तथा झांसी जनपदों में इसकी शुरुआत की जाए।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 05 लाख कुशल कारीगरों को 05 दिन का प्रशिक्षण देकर रिकगनीशन आॅफ प्रायर लर्निंग (आर0पी0एल0) स्कीम के तहत सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आई0आई0एम0 की तर्ज पर कानपुर में राष्ट्रीय स्तर के कौशल विकास संस्थान की स्थापना उपयोगी रहेगी।

कौशल विकास सचिव श्री भुवनेश कुमार ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेश के युवाओं को व्यावसायिक प्रशिक्षण आई0टी0आई0 तथा उ0प्र0 कौशल विकास मिशन (यू0पी0एस0डी0एम0) के तहत दिया जाता है। वर्तमान में प्रदेश में 300 सरकारी आई0टी0आई0 तथा 2715 निजी आई0टी0आई0 मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के लिए उपयुक्त बनाना एक महत्वपूर्ण कार्य है। इसके लिए कौशल विकास के साथ-साथ उनको हिन्दी और अंग्रेजी भाषाओं का कार्यकारी ज्ञान भी दिया जा रहा है।

कौशल विकास सचिव ने कहा कि व्यावसायिक शिक्षा को महत्वाकांक्षी बनाया जा रहा है। इसके तहत ‘आई0टी0आई0 चलो’ अभियान चलाया जा रहा है। इस वर्ष आई0टी0आई की परीक्षा को आॅनलाइन कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की सहायता से माॅडल आई0टी0आई0 परियोजना के तहत प्रदेश के 02 राजकीय आई0टी0आई0 साकेत-मेरठ तथा करौंदी-वाराणसी का उच्चीकरण किया जा रहा है।

कौशल विकास के मिशन निदेशक श्री प्रांजल यादव ने बताया कि उ0प्र0 कौशल विकास मिशन द्वारा उद्योगों के साथ अनुबन्ध किया गया है। इनमें रेमण्ड्स, मारुति इण्डिया, लावा इण्टरनेशनल, इन्टैक्स, यशोदा हाॅस्पिटल, जी4एस, जावेद हबीब, सुपरटेक लिमिटेड, ए0टी0डी0सी0, भीलवाड़ा ग्रुप तथा लेमन इलेक्ट्राॅनिक्स आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत 03 मोबाइल एप-स्किल कनेक्ट, स्किल मित्र एवं मोबाइल माॅनीटरिंग सिस्टम लाॅन्च किए गए हैं।

इस अवसर पर व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री श्री चेतन चैहान, अपर मुख्य सचिव वित्त श्री संजीव मित्तल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री एस0पी0 गोयल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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