- October 12, 2017
स्टेट रोड सेफ्टी कौंसिल की 14वीं बैठक—हेलमेट अभियान
जयपुर————– प्रदेश के हर नागरिक को बताना होगा कि दुपहिया पर दोनों सवारों द्वारा हेलमेट पहनने की अनिवार्यता केवल राजधानी जयपुर में ही नहीं बल्कि प्रदेश के हर गांव-देहात कस्बे, शहर मेंं लागू है। साथ ही केवल यातायात पुलिस या चालान से बचने के लिए हेलमेट के उपयोग की मानसिकता को बदलना होगा। ऎसी मानसिकता और अधूरी जानकारी के कारण ही प्रदेश में हर साल करीब चार हजार युवा दोपहिया से दुर्घटनाओं में मौत के शिकार हो रहे हैं। सरकारी मशीनरी, सभी विभागों, एन.जी.ओ, मीडिया और जनसामान्य के सम्मलित प्रयास से जनजागरूकता के जरिए ही इस स्थिति में बदलाव लाया जा सकता है।
परिवहन मंत्री श्री यूनुस खान ने बुधवार को शासन सचिवालय में रोड सेफ्टी कौंसिल की 14वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हेलमेट नहीं लगाए होने के कारण करीब चार हजार लोगों की मौत दुखद है।
उन्होंने अधिकारियों को हेलमेट के सम्बन्ध में राज्यभर में होर्डिंग्स लगाकर एक माह का विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने परिवहन विभाग के अधिकरियों को निर्देश दिए कि राज्यभर में होने वाली दुर्घटनाओ के फोटोग्राफ्स का संकलन किया जाए और एक प्रदर्शनी लगाकर लोगों को इस मुद्दे की भयावहता के बारे में जागरूक किया जाए।
उन्होंने कहा कि पहली बार मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे ने सड़क सुरक्षा के लिए 80 करोड का फण्ड दिया है। इसके साथ ही सभी 821 थानों को 10-10 हजार रुपए सड़क सुरक्षा कार्यों के लिए प्रदान किए गए हैंं।
उन्होंने विशिष्ट यातायात नियमों के उल्लंघन के मामलों में सभी साढे़ 46 हजार लाइसेंस निलम्बित करने की कार्यवाही के अधिकारियों को निर्देश दिए। सभी रोड ओनिंग एजेंसियों से रोड सेफ्टी ऑडिट रिपोर्ट मंगाने, दिल्ली रोड पर चेतावनी बोर्ड लगाने, सानिवि के क्षेत्राधिकार की सड़कों पर पर्याप्त स्पीड लिमिट के बोर्ड लगाने और इसे सड़क निर्माण के भुगतान से जोड़ने के भी निर्देश दिए। उन्होंने टोल प्लाजा पर सड़क सुरक्षा के सभी मानकों को पूरा करने के लिए कन्सेशनर्स को पाबन्द किए जाने के लिए मीटिंग बुलाने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए।
श्री खान ने ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को ग्राम सभाओं में नियमित रूप से सड़क सुरक्षा पर चर्चा, सभी सरपंचों को सड़क सुरक्षा संदेश प्रेषित करने, शिक्षा विभाग के अधिकारियों को राजकीय के साथ निजी विद्यालयोें के करीब 90 लाख विद्यार्थियों को भी सडक सुरक्षा अभियान से जोड़ने के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। सभी आरटीओ, डीटीओ, एसएचओ, सीओ की भी एक बैठक सड़क सुरक्षा पर लेने के लिए निर्देशित किया। बैठक में आईआईएचएमआर के प्रतिनिधि ने ‘नेशनल टास्क फोर्स प्रोजेक्ट इन्टीग्रेटेड रोड टे्रफिक इंजरीज सर्विलांस-इंडिया’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया।
बैठक में स्टेट रोड सेफ्टी कौंसिल की तेरहवीं बैठक में लिए गए निर्णयों की क्रियान्विति एवं सड़क सुरक्षा कार्ययोजना के अन्तर्गत किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की गई। साथ ही माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति के नवीनतम निर्देशों की अनुपालना के सम्बन्ध में चर्चा हुई।
बैठक में परिवहन आयुक्त श्री शैलेन्द्र अग्रवाल, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक यातायात श्री राजीव शर्मा, अन्य विभागों के अधिकारी, सड़क सुरक्षा से जुडे़ संगठनों एवं एन.जी.ओ के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
परिवहन विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा कार्ययोजना के अन्तर्गत किए जा रहे अन्य कार्य
-पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एस.एम.एस. मेडिकल कॉलेज टॉमा सेंटर में जे.पी.एनप एपेक्स ट्रॉमा सेंटर, एम्स नई दिल्ली के सहयोग से बीएलसएस टे्रनिंग सेंटर की स्थापना की जा रही है।
जे.पी.एन. एपेक्स ट्रॉमा सेंटर, एम्स नई दिल्ली के सहयोग से बी.एल.एस. टे्रनिंग मेन्युअल का निर्माण किया गया है एवं जे.पी.एन एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के सहयाग से दो दिवसीय ट्रायेज कार्यशाला आयोजित की जा रही है।
-3.23 करोड़ रूपए की लागत से एसएमएस अस्पताल में नवीन आयईसीयू का निर्माण किया जा रहा है।
-12 ऑटोमेटेड एवं 25 ड्राइविंग टेस्टिंग टे्रक्स के निर्माण की प्रक्रिया जारी है।
-पुलिस विभाग को 20 इंटरसेप्टर वाहन दिए जा रहे है।
-2 हजार ई रिक्शा चालकों को सड़क सुरक्षा प्रशिक्षण दिलाने की योजना।
ाकाशवाणी पर सड़क सुरक्षा जन जागरूकता हेतु शुभ यात्रा कार्यक्रम का प्रसारण किया जा रहा है।