‘स्कूल चलें हम’ : 14 अप्रैल से 31 मई 2016

‘स्कूल चलें हम’ : 14 अप्रैल से 31 मई 2016

प्रलय श्रीवास्तव———————————– मध्यप्रदेश में स्कूल से बाहर के बच्चों को शाला में प्रवेश दिलवाने के लिये इस साल भी ‘स्कूल चलें हम’ अभियान चलाया जा रहा है। पहला चरण ‘ग्राम उदय से भारत उदय अभियान’ के साथ चलेगा। अभियान की अवधि 14 अप्रैल से 31 मई 2016 है। राज्य शासन ने पहले चरण के सफल संचालन के लिये सभी कलेक्टर और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देश दिये है।

पहले चरण में ग्राम/वार्ड शिक्षा पंजी, समग्र शिक्षा पोर्टल, समग्र डॉटाबेस एवं डाइस डॉटाबेस को एकीकृत किया जायेगा। इसके क्रियान्वयन से 0 से 18 साल तक के बच्चों को स्कूल और आँगनवाड़ी में नामांकन सुनिश्चित हो सकेगा। नामांकन एवं शाला त्यागी/ अप्रवेशी बच्चों की प्रामाणिक जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी। पहले चरण में विशेष रूप से 6 से 14 आयु समूह के बच्चों के नामांकन और शाला में उनकी उपस्थिति पर चर्चा की जायेगी।

शाला से बाहर बच्चों की शिक्षा और शालाओं में उनका ठहराव सुनिश्चित करने के लिये पहले से दस्तक अभियान भी चल रहा है। पहले चरण में विद्यालयीन सम्पत्तियों का सत्यापन करवाया जायेगा। ग्राम पंचायत द्वारा शाला भूमि के अतिक्रमण को समाप्त कर राजस्व अभिलेख में भूमि की स्थिति दर्ज करवाई जायेगी।

सर्वे के लिये गठित दल प्रत्येक परिवार से सम्पर्क कर शिक्षा पोर्टल से प्राप्त सूची का सत्यापन करेंगे। दल द्वारा नोडल अधिकारी से प्राप्त सूची को अद्यतल करने के दौरान सूची में बच्चों के नये नाम जोड़ने के लिये लाल पेन तथा विलोपित करने के लिये नीले पेन का उपयोग किया जायेगा। सर्वे के बाद समग्र डॉटाबेस में छूटे हुए परिवार/ सदस्यों के नाम जोड़ने और डुप्लीकेट/मृत/सदस्यों को हटाने/विलोपित करवाने की कार्यवाही की जायेगी।

परिवार और सदस्यों की त्रुटिपूर्ण मूलभूत जानकारी को सुधरवाया जायेगा। इस कार्य के लिये ग्राम पंचायत के सचिव जिम्मेदार होंगे, जो सर्वे दल के सदस्य सचिव भी रहेंगे। इसके लिये कलेक्टर द्वारा सचिव को अलग से स्पष्ट निर्देश जारी किये जायेंगे। सचिव द्वारा कार्य पूरा करने के बाद प्रपत्रों को अगली कार्यवाही के लिये विकासखण्ड स्त्रोत केन्द्र भेजा जायेगा।

सर्वे के बाद अद्यतन किये गये प्रपत्रों को दल द्वारा पोर्टल में दर्ज करवाने का कार्य 30 मई तक करवाया जायेगा। पोर्टल में प्रविष्टि का कार्य पूरा करवाने का दायित्व जिला प्रोग्रामर एवं विकासखण्ड स्त्रोत समन्वयक का होगा। मॉनीटरिंग और समय पर सभी कार्य पूरा करवाने की जिम्मेदारी जिला परियोजना समन्वयक और डीईओ तथा सहायक आयुक्त आदिम-जाति कल्याण की होगी।

 

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