- May 23, 2018
सोचिये ! पार्टी के पास किसका पैसा है-
न्यूज 18 (आईबीएन खबर)—————- साल 2016- 17 में देश के 32 क्षेत्रीय दलों की आमदनी 321.03 करोड़ रुपये रही. नेशनल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) की रिपोर्ट में ये जानकारी सामने आई है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मुलायम-अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने साल 2017-18 के दौरान अपनी इनकम 82.76 करोड़ बताई है.
यह आंकड़ा सभी रिजनल पार्टियों का 25.76 फीसदी है. सपा के बाद आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी (TDP) और अन्नाद्रमुक (ADAIMK) का नंबर है.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, सात राष्ट्रीय पार्टियों की फाइनेंशियल ईयर 2016-17 में आमदनी 1559 करोड़ है. इसमें सबसे ज्यादा आमदनी बीजेपी की है. इसके बाद कांग्रेस का नंबर आता है. बीजेपी की इनकम 81.8% बढ़कर 1034 करोड़ रुपये हो गई. जबकि, 2015-16 में इस पार्टी की इनकम 570.86 करोड़ रुपये थी. वहीं, इस दौरान कांग्रेस की आमदनी में 14% की कमी आई है. कांग्रेस पार्टी की आय 225.36 करोड़ हो गई है, जो पिछले साल 261.56 करोड़ रुपये थी.
16 पार्टियों का नहीं है रिकॉर्ड नहीं
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, कुल 32 रिजनल पार्टियों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट इलेक्शन कमीशन को भेजी है. वहीं, 16 पार्टियों की ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग की वेबसाइट पर नहीं है. इन 16 पार्टियों में आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस जैसे पार्टियां शामिल हैं.
5 रिजनल पार्टियों जमा नहीं किया इनकम टैक्स रिटर्न
एडीआर की रिपोर्ट में शामिल किए गए 32 रिजनल पार्टियों में से 14 ने अपनी इनकम में 2015-16 की तुलना में गिरावट दर्शायी है, जबकि 13 पार्टियों ने अपनी आमदनी में बढ़ोतरी दिखाई है. वहीं, 5 रिजनल पार्टियों ने चुनाव आयोग में आयकर रिटर्न (आईटीआर) जमा नहीं किया है.
किस पार्टी की कितनी इनकम?
रिपोर्ट के मुताबिक, सपा ने 2016-17 में सबसे ज्यादा इनकम (82.76 करोड़) दर्ज की. तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की कमाई 72.92 करोड़ रुपये और अन्नाद्रमुक (AIADMK) की आमदनी 48.88 करोड़ रुपये है. तीनों पार्टियों की कुल इनकम 204.56 करोड़ है, जो 32 रिजनल पार्टियों की कुल आय का 63.72 फीसदी है.
यहां से आया इनकम
इन पार्टियों की आय में मुख्य योगदान अनुदान, चंदे, सकल प्राप्तियां और ब्याज आय का था. इनका मुख्य खर्च चुनाव लड़ने, सामान्य प्रशासन और सामान्य मदों से जुड़ा था.
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑल इंडिया मजलिस-ए- इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) और जनता दल सेक्युलर (JDS) ने अपने दस्तावेज में कहा कि उनकी कुल आय का 87 प्रतिशत से अधिक हिस्सा खर्च नहीं हो सका है, जबकि टीडीपी ने आय का 67 प्रतिशत हिस्सा खर्च नहीं किया था.