- November 8, 2014
सैनिक संभावना : बुनियादी ढांचा बनाने के लिए सभी कदम उठा रही हैः अरूण जेटली
श्री जेटली ने कहा कि सरकार ने प्रक्रिया संबंधी देरी, पर्यावरण संबंधी मंजूरी और उच्च प्रौद्योगिकी उपकरणों की कमी जैसी अड़चनों को दूर करने के लिए अनेक कदम उठाये हैं ताकि इन महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सड़कों के निर्माण में तेजी लाई जा सके।
जहां तक भारत-चीन सीमा सड़कों का प्रश्न है, सरकार ने विकास के लिए कुल 3812 किलोमीटर लंबी 73 सड़कों का निर्माण शुरू किया है। इनमें से 3410 किलोमीटर लंबी 61 सड़कों के निर्माण का काम सीमा सड़क संगठन को सौंपा गया है। सीमा सड़क संगठन ने 590 किलोमीटर लंबी 17 सड़कों का काम पूरा कर लिया है। शेष सड़कों के निर्माण का कार्य चल रहा है और वह पूरा होने के विभिन्न चरणों में है। सेना ने विकास के लिए 3000 किलोमीटर लंबी 22 सड़कों के निर्माण को प्राथमिकता दी है। इन सड़कों के निर्माण का काम बीआरओ ने लिया है और इन्हें जल्द पूरा करने के लिए मंत्रालय निगरानी कर रहा है।
इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए सीमा सड़क महानिदेशक ले. जनरल ए टी पटनायक ने कहा कि सड़कों के निर्माण कार्य को पूरा करने में विभिन्न कारणों से बाधाएं आती हैं जैसे वन/वन्य जन्तु मंजूरी, कठिन भूभाग, कठिन सड़क ढांचा, बहुत अधिक गर्मी या सर्दी होने के कारण एक वर्ष में काम करने के सीमित घंटे, निर्माण सामग्री की कमी और प्राकृतिक आपदाओं के कारण उत्पन्न चुनौतियां जैसे 2010 में लेह में बाढ़, 2011 में सिक्किम में भूकंप, 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ और 2014 में जम्मू-कश्मीर में बाढ़ आदि। उन्होंने कहा कि पर्यावरण और वन मंत्रालय के साथ बेहतर तालमेल करके, बीआरओ के आधुनिकीकरण, कुछ और यूनिटों और संसाधनों को शामिल कर इन स्थितियों से निपटने के प्रयास किये जा रहे हैं।
श्री जेटली ने पर्यावरण मंजूरी को आसान बनाने के लिए पर्यावरण और वन मंत्रालय को धन्यवाद दिया। उन्होंने हाल में जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ के दौरान सड़क संपर्कों को बहाल करने के लिए बीआरओ द्वारा किये गये कार्य के लिए उसकी सराहना की।