- August 26, 2015
सेरोगेसी मदरहुड के लिए राज्य एडवाईजरी बोर्ड गठित किये जाने का प्रावधान
जयपुर -सेरोगेसी मदरहुड के लिए ‘सहायता प्रजनन तकनीक’ (ऐसिस्सेट रिप्रोक्डटिव टेक्नोलोजी ) बिल के ड्राफ्ट के अनुसार इस विषय पर नेशनल एडवाईजरी बोर्ड एवं राज्य एडवाईजरी बोर्ड गठित किये जाने का प्रावधान किया गया है।
निदेशक आरसीएच डॉ. वी.के.माथुर की अध्यक्षता में मंगलवार को स्वास्थ्य भवन में सेरोगेसी मातृत्व के लिए सहायता प्रजनन तकनीक बिल पर बैठक आयोजित की गयी।
डॉ. माथुर ने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा स्थानापन्न मातृत्व (सरोगेसी) के लिए निर्मित ‘सहायता प्रजनन तकनीक’ (ऐसिस्सेट रिप्रोक्डटिव टेक्नोलोजी ) बिल के ड्राफ्ट में शामिल विभिन्न तकनीकी व वैधानिक बिन्दुओं पर चिकित्सा एवं विधिक विशेषज्ञों द्वारा बारीकी से अध्ययन करके उनके उपयुक्त सुझाव यथाशीघ्र केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, नई दिल्ली को भिजवायें जायेंगे। बिल में ऐसिस्सेट रिप्रोक्डटिव टेक्नोलोजी के दुरुपयोग को रोकने के लिए सघन सुपरविजन प्रक्रिया एवं वैधानिक प्रावधानों का भी उल्लेख किया गया है।
बैठक में जनाना हॉस्पिटल के स्त्री एवं प्रसूती रोग विभागाध्यक्ष डॉ. लता राजोरिया, शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ.सीता रमन, एमएमएस कॉलेज के रेडियो डायग्नोसिस के प्रोफेसर कुलदीप मेहन्दीरत्ता, अध्यक्ष फोग्सी संस्थान डॉ.सुमन मित्तल, उप विधि परामर्श श्री दुर्गा प्रसाद जोनवाल, प्रतिनिधि गैर-सरकारी संगठन सीएफएआर की श्रीमती राखी बधवार, परियोजना निदेशक पीसीपीएनडीटी श्री किशनाराम ईसरवाल एवं संंबंधित अधिकारीगण मौजूद थे।