सीधी रेल लाओ अभियान में पत्रकारों की अहम् भूमिका

सीधी रेल लाओ अभियान में पत्रकारों की अहम् भूमिका

विधायक केदार नाथ शुक्ल ने जताया प्रधानमंत्री, रेल मंत्री, मुख्यमंत्री के प्रति आभार -:विजय सिंहः-

सीधी, 21 अक्टूबर। रीवा-सीधी-सिंगरौली रेलवे लाईन के सफल शिलान्यास समारोह के लिये सीधी जिले की जनता, जन प्रतिनिधियों व पत्रकारों ने अहम भूमिका निभाई है। सीधी विधायक केदार नाथ शुक्ल आज निज निवास में पत्रकार वार्ता सम्बोधित कर रहे थे।

श्री शुक्ल ने ललितपुर- सिंगरौली रेल लाईन के संघर्ष इतिहास पर प्रकाश डालते हुये बताया कि आजादी के पूर्व ही विंध्य प्रदेश की स्थापना हो चुकी थी। तब राज प्रमुख स्व. मार्तण्ड सिंह तथा प्रधानमंत्री कप्तान अवधेश प्रताप सिंह थे। press-confrence

1952 के पहले आम चुनाव में विंध्य प्रदेश की 60 सदस्यीय विधान सभा का गठन हुआ। पं. शम्भू नाथ शुक्ल प्रथम मुख्य मंत्री व स्व. जगदीश चन्द्र जोशी विपक्ष के नेता थे। 25 वर्ष से कम उम्र प्रमाणित हो जाने के कारण श्री जोशी जी का निर्वाचन शून्य होने के बाद स्व. चन्द्र प्रताप तिवारी विपक्ष के नेता बनाये गये।

तत्कालीन विंध्य प्रदेश में रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़ व दतिया जिले शामिल थे। सड़क मार्गों की हालत दयनीय थी। दतिया, सतना व शहडोल से होकर रेल मार्ग गुजरता था, लेकिन टीकमगढ़, छतरपुर, पन्ना, सीधी रेल सेवा से वंचित थे।

राजस्थान का ललितपुर, टीकमगढ़ से सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन था व सीधी जिले के सिंगरौली के विशाल कोयला भंडार को देखते हुये ललितपुर- सिंगरौंली रेलवे लाईन बनाये जाने का संकल्प पारित किया गया। तब विंध्य प्रदेश की कुल चार ललितपुर- सिंगरौली रेल लाईन, डिम्बा सागर (अब बाण सागर), रीवा में विश्व विद्यालय की स्थापना तथा कटनी- चोपन रेल मार्ग को पूर्ण कराये जाने की मांग महत्वपूर्ण थीं।

पत्रकार साथियों को गौरान्वित होना चाहिये कि विध्य के प्रखर पत्रकार एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. सुशील दीक्षित की अध्यक्षता में विंध्य विकास परिषद् का गठन किया गया। 1969 में मध्य प्रदेश में संविद सरकार बनी, स्व. गोविन्द नारायण सिंह मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री थे।

1969 में विंध्य विकास परिषद् के बैनर तले स्व. चन्द्र प्रताप तिवारी के नेतृत्व में 69 सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने तत्कालीन राष्ट्रपति स्व. व्ही.बी गिरी व प्रधान मंत्री स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी से मिलकर 4 सूत्रीय मांगों पर विस्तार से चर्चा की थी। तब श्रीमती गांधी ने कटनी-चोपन रेलवे लाईन को शीघ्र पूरा कराने का आश्वासन दिया था। रीवा में विश्व विद्यालय पर श्रीमती गांधी ने कहा कि यह तो राज्य का मामला है। तब मुख्यमंत्री स्व. गोविन्द नारायण सिंह से मिलकर रीवा में विश्व विद्यालय की स्थापना कराई गई।

1977 में रीवा से स्व. यमुना प्रसाद शास्त्री, सीधी से स्व. सूर्य नारायण सिंह, सतना से स्व. दादा सुखेन्द्र सिंह तथा शहडोल से स्व. लक्ष्मी नारायण नायक सांसद चुने गये। 1978 में जनता पार्टी के तत्कालीन रेल मंत्री स्व. मधु दण्डवते ने सीधी के जय स्तम्भ के पास आयोजित जन सभा में ललितपुर- सिंगरौली रेल मार्ग बनवाये जाने की घोषण की थी और प्रस्ताव रेल समिति के समक्ष स्वीकृति हेतु भेजा था। 1981 में पहली बार ललितपुर- सिंगरौली रेलवे लाईन हेतु 20 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया। 3 फरवरी 1999 को पं. अटल बिहारी बाजपेयी ने इसका शिलान्यास किया।

मध्य प्रदेश विधान सभा में वर्ष 2009 मेरे द्वारा प्रस्तुत व पारित संकल्प को लेकर मैं व पूर्व सांसद गोविन्द मिश्रा ने तत्कालीन रेल मंत्री सुश्री ममता बनर्जी से काफी जद्दोजहद के बाद मुलकात की, उन्हें जब बतलाया गया कि रीवा से सीधी तक के प्रस्तावित रेल मार्ग के बीच में जिला मुख्यालय सीधी पड़ता है। जिसे उन्होंने गौर से सुनते हुये इतनी ही टिप्पणी की कि क्या इसे दो खंडों में विभाजित किया जा सकता है ? और अब रीवा से सिंगरौली तक के मार्ग को दो खंडों में विभाजित कर दिया गया है। अगले बजट में ही रीवा से सीधी रेल मार्ग के सर्वे, मुआवजा भुगतान का प्रावधान किया गया।

ललितपुर-सिंगरौली रेल मार्ग को लेकर मैने माननीय प्रधान मंत्री जी को भी विधान सभा में पारित संकल्प के साथ पत्र लिखा था। रेल मंत्रालय द्वारा मुझे सूचित किया गया था कि माननीय प्रधान मंत्री को आपका पत्र प्राप्त हो गया है। माननीय प्रधान मंत्री जी ने प्रदेश के मुख्य सचिव को वीडियो कांफ्रेंस में स्पष्ट निर्देश दिये थे कि प्रस्तावित ललितपुर- सिंगरौली रेल मार्ग निर्माण में आ रहे गतिरोध को अविलम्ब दूर किया जाय।

श्री शुक्ल ने बताया कि सतना से रीवा रेल मार्ग निर्माण का पूरा श्रेय स्व. मार्तण्ड सिंह को जाता है। बताया जाता है कि स्व. श्रीमती इंदिरा गांधी महाराजा मार्तण्ड सिंह का असीम सम्मान करती थीं। श्रीमती गांधी ने सतना से रीवा रेल लाईन उन्हें उपहार स्वरूप प्रदान की थीं।

सीधी विधायक ने उनके विधान सभा में पारित संकल्प ‘‘भदौरा से सीधी’’ नवीन रेल मार्ग को बजट में शामिल करने की घोषणा व मुख्य मंत्री द्वारा बुलंदी से दिये गये सपोर्ट के प्रति भी आभार व्यक्त किया। श्री शुक्ल ने कहा कि पहले कमोवश परिस्थितियां एक समान नहीं रहीं, प्रदेश व केन्द्र में अलग-अलग सरकारें थीं।

किन्तु अब सब अनुकूल है, लिहाजा विकास को गति देने में गतिरोध नहीं आयेगा। यह रेल मार्ग जिले के आम लोगों सहित छात्र जीवन के आंदोलनों, जिनमें अन्य शैक्षणिक मांगों के साथ यह मांग भी रहती थी कि रेल लाईन लाई जाय तथा 1969 से अब तक पत्रकारों के सहयोग का प्रतिफल है।

पत्रकारों ने खुले मन से ललितपुर-सिंगरोली रेल मार्ग हेतु एक स्वस्थ्य महौल बनाया, जनमत तैयार किया। इसीलिये 18 अक्टूबर 2016 को हुये शिलान्यास का आधा श्रेय पत्रकार साथियों को है, शेष में हम सब हैं।

विजय सिंह
स्वतंत्र पत्रकार
19, अर्जुन नगर सीधी

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