- October 11, 2018
सिर्फ 14 लोगों का इलाज –आयुष्मान भारत से निजी अस्पताल कट –506 सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध
पटना : महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत में राज्य के निजी अस्पताल रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इस योजना में अब तक राज्य के 506 सरकारी अस्पताल सूचीबद्ध हुए हैं, जबकि निजी अस्पतालों की संख्या महज तीन हैं.
स्वास्थ्य मंत्री खुद मानते हैं कि आयुष्मान भारत के कार्यान्वयन में दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार की स्थिति अच्छी नहीं है. राज्य में अब तक 14 लोगों का इलाज हो गया है, जबकि 199 का इलाज चल रहा है. राज्य में यह योजना 23 सितंबर से चल रही है.
172 निजी अस्पतालों ने सूचीबद्ध होने के लिए दिया है आवेदन
अब तक 172 निजी अस्पतालों ने सूचीबद्ध होने के लिए आवेदन किया है. इसमें से अधिकतर अस्पताल पटना, मुजफ्फरपुर, नालंदा और पूर्णिया के हैं. अन्य जिलों से इक्का-दुक्का अस्पतालों ने ही आवेदन दिया है.
अब तक ढाई हजार गोल्डन कार्ड वितरित किये गये हैं. विभागीय अधिकारी कहते हैं कि इस योजना की राज्य में धीमी, लेकिन ठोस शुरुआत हुई है. आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के लिए बनी राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा समिति आरोग्य मित्र से लेकर डाॅक्टरों तक को ट्रेनिंग दे रही है. पीएमसीएच को यह समिति आरोग्य भारत का मॉडल बनाना चाहती है.
राज्य के 1.08 करोड़ परिवारों को मिलना है लाभ
आयुष्मान भारत का लाभ राज्य के 1.08 करोड़ परिवारों को मिलना है. साल में ये परिवार पांच लाख तक इलाज कैशलेस करा सकते हैं. इसमें एक व्यावहारिक दिक्कत यह आ रही है कि योजना के तहत अस्पतालों के सूचीबद्ध होने के जो जो मानक तय किये गये हैं उस पर निजी अस्पताल खरे नहीं उतर पा रहे हैं.
डॉक्टरों को दी जा रही है ट्रेनिंग
पीएमसीएच में मंगलवार को यहां के डाॅक्टरों को ट्रेनिंग दी गयी. इसमें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय मौजूद थे. अन्य अस्पतालों के डाॅक्टरों ट्रेनिंग चल रही है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीएमसीएच राज्य का बड़ा अस्पताल है.
यहां इलाज के लिए गरीब मरीज ही आते हैं. एेसे में इस योजना से मरीजों को स्वास्थ्य लाभ तो मिलेगा ही साथ ही पीएमसीएच को आर्थिक लाभ भी होगा. आयुष्मान भारत का प्रचार बिहार राज्य स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी मनोज कुमार ने कहा कि जल्द ही स्थिति में बदलाव दिखने लगेगा.
(प्रभात खबर .काम)