सिंचाई में पिछड़े जिलों को सिंचित बनाने की योजना

सिंचाई में पिछड़े जिलों को सिंचित बनाने की योजना

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सिंचाई में पिछड़े जिलों को सिंचित बनाने के लिये राज्य सरकार ठोस कदम उठा रही है। श्री चौहान आज राजगढ़ जिले में 2072 करोड़ लागत से निर्मित मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना का शिलान्यास कर रहे थे। नेवज नदी पर इस परियोजना के पूरा होने पर एक लाख 37 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता निर्मित होगी और 524 गाँव को सिंचाई सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राजगढ़ जिले का जल-संकट दूर करना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में शामिल है। सिंचाई के मामले में राजगढ़ जिले को काफी पिछडा हुआ समझा जाता था। मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के मामले में प्रदेश के इंजीनियरों ने यह बात साबित कर दी कि लगभग असंभव समझे जाने वाले कार्य को भी दृढ़-इच्छाशक्ति से पूरा किया जा सकता है। महज दो साल की अवधि में यह बाँध बनने से पूरा इलाका सिंचित होगा। जिले की प्रभारी मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया समारोह में उपस्थित थीं।

कृषि महोत्सव का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि किसान मिट्टी का परीक्षण अवश्य करवायें, ताकि उचित मात्रा में खाद का उपयोग हो। इसका सकारात्मक असर पैदावार पर पड़ेगा और जमीन की उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने किसानों को हार्टीकल्चर, फ्लोरीकल्चर तथा अन्य उन्नत कृषि तकनीक अपनाने को कहा। उन्होंने कहा कि जिले में जल की उपलब्धता होने पर बड़े-बड़े उद्योगों की स्थापना का मार्ग भी प्रशस्त होगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर देश के सभी लोगों के लिए बीमा योजनाएँ शुरू की गई हैं। यह योजनाएँ नाम-मात्र के प्रीमियम पर बीमा सुविधा प्रदान करने के लिए बनी है। उन्होंने कहा कि मैंने अपना और अपने परिवार का बीमा करवाया है। श्री चौहान ने सभा में उपस्थित सभी लोगों से अपील की कि बीमा योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आयें।

जल-संसाधन मंत्री श्री जयंत मलैया ने कहा कि पिछले 6 वर्ष में मध्यप्रदेश में विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण पर 30 हजार करोड़ से अधिक की राशि व्यय की गयी है। इससे प्रदेश का सिंचित रकबा लगभग साढ़े पाँच गुना बढ़ा है। उन्होंने बताया कि मोहनपुरा वृहद सिंचाई परियोजना पूरी होने पर राजगढ़ जिले की लगभग 70 प्रतिशत भूमि में सिंचाई संभव हो सकेगी।

मोहनपुरा सिंचाई परियोजना

नेवज नदी पर बनने वाली मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के पूरी होने पर खरीफ फसलों के 34 हजार 500 हेक्टेयर और रबी फसलों के एक लाख दो हजार हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। साथ ही भूमिगत जल-स्तर में सुधार होगा और लोगों को पेयजल के लिये पानी मिल सकेगा।

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