सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गुणवत्ता व पारदर्शिता सुनिश्चित

सार्वजनिक वितरण प्रणाली में गुणवत्ता व पारदर्शिता सुनिश्चित

शिमला ————खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री श्री किशन कपूर ने कहा कि प्रदेश का प्रत्येक नागरिक उपभोक्ता है, और राज्य की समूची आबादी को सरकार द्वारा उचित मूल्यों की दूकानों के माध्यम से सस्ता राशन उपलब्ध करवाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राशन वितरण में पारदर्शिता व गुणवत्ता सुनिश्चित बनाना संबन्धित विभाग व निगम की जिम्मेवारी है और राज्य सरकार के निर्णयों व नीतियों को व्यवहारिक रूप देने के लिये कर्मियों को इमानदारी व प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है और सरकार के निर्णय फील्ड में नज़र आने चाहिए।

श्री कपूर आज यहां खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग को 100 दिनों के लिये दिये गए लक्ष्यों तथा विभागीय कार्यप्रणाली पर बहुउद्देशीय एजेन्डा पर प्रथम समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पूर्व में जो कमियां रही हैं, उनमें सुधारों के लिये प्रयास किये जाएंगे।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में देश में अच्छा प्रदर्शन कर रहे राज्यों से भी बेहतर हमें करना है और इसके लिये कर्मचारियों को फील्ड में उतरना होगा। उन्होंने माप व तोल की कार्यप्रणाली हेतु तैयार किए गए माड्यूल को भी तुरंत लागू करने के निर्देश दिये।

उन्होंने कहा कि मानदण्डों पर आपूर्ति खरी न उतरने पर इसे तुरन्त वापिस किया जाए और आपूर्ति आदेश मांग से अधिक नहीं होना चाहिए और आटा मिलों के पास विभागीय आदेश के कारण अनावश्यक आटा भण्डारण नहीं होना चाहिए। उन्होंने विभाग को आपूर्ति निगम के भी सभी भण्डारणों का समय-समय पर निरीक्षण करने को कहा। उन्होंने कहा कि सरकार घटिया आपूर्ति करने वाली मिलों को ब्लैकलिस्ट करेगी। उन्होंने इस संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।

मंत्री ने ऊना जिले के टाहलीवाल में मैसर्ज कौशल रोलर फलोर मिल द्वारा लगभग 7000 क्विंटल गेहूं के कोटे को अनाधिकृत रूप से गायब करने के मामले को गंभीरता से लिया तथा निर्देश दिए कि दोषी मिलर के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। हालांकि इस मामले में पहले ही एफ आई आर दर्ज की जा चुकी है।

मंत्री ने कहा कि सरकार उपभोक्ताओं को राज्य में प्रचलित दालें ही उपलब्ध करवाएगी। उन्होंने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग तथा सिविल सप्लाईज निगम की सयुंक्त बैठक बुलाई जाएगी और राशन की आपूर्ति व वितरण तथा भण्डारण से संबंधित विभिन्न समस्याओं पर चर्चा की जाएगी।

पत्थर के बट्टों का चलन गैर कानूनी

मंत्री ने कहा कि राज्य में संचालित सभी थोक, परचून, निर्माणकर्ता सहित सभी व्यापारिक केन्द्रों में किसी एक में भी पत्थर के बट्टों (माप-तोल) का प्रयोग नज़र नहीं आना चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्थर के बट्टे का उपयोग गैर कानूनी है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाइ की जाएगी।

उन्होंने माप व तोल विभाग को समयवबद्ध सभी दुकानों के निरीक्षण कर इस संबंध में शीघ्र रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार, एलपीजी सिलिण्डरों के भार में कमी की शिकायतें हैं। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को छोटे से छोटे कस्बे में पहुंच कर इस प्रकार की गड़बड़ी पर पूर्णतः अंकुश लगाने को कहा।

उन्होंने कहा कि दोषियों को भारी-भरकम जुर्माना किया जाना चाहिए और साथ ही सजा के प्रावधान लिये चालान फाईल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पैट्रोल पम्पों में भी गड़बड़ी की शिकायतें अक्सर आती हैं। उन्होंने कहा कि सभी पैट्रोल पंप राजमार्गों अथवा राज्यमार्गों पर स्थापित किये गए हैं और विभाग मोबाईल वाहन के माध्यम से नित्य प्रति अधिक से अधिक पैट्रोल पंपों का भी निरीक्षण करें।

उन्होंने पैट्रोल पंपों पर लोगों की सुविधा के लिये शौचालयों की व्यवस्था को सुदृढ़ करने हेतु तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य के जनजातीय व दूर-दराज के क्षेत्रों में एलपीजी की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मिट्टी के तेल के कोटे को बढ़ाने के लिये वह केन्द्रीय मंत्री से बात करेंगे।

मंत्री ने की उपभोक्ता मोबाईल एप्प की शुरूआत

खाद्य, नागरिक आपूर्ति मंत्री ने इस अवसर पर प्रदेश में पहली बार उपभोक्ता मोबाईल एप्प की भी शुरूआत की। ई-पीडीएस की स्थिति जानने के लिये तैयार की गई इस एप्प को किसी भी एण्डरॉयड मोबाईल से डाउनलोड किया जा सकता है। एप्प के माध्यम से उपभोक्ता अपने राशन कार्ड का पूरा विवरण देख सकता है, और टॉल-फ्री नम्बर पर अपनी शिकायत कर सकता है, प्राप्त किये जाने वाले राशन की मात्रा व इसकी कीमत की जानकारी प्राप्त कर सकता है। एप्प के माध्यम से उपभोक्ता राशन संबंधी फीडबैक भी दे सकता है। मंत्री ने लोगों से इस बहु-आयामी एप्प का उपयोग करने की अपील की है और इसमें किसी भी प्रकार के सुधार के लिये सुझाव भी मांगे हैं।

गेहॅूं के बजाए आटा उपलब्ध करवाने पर विचार

श्री कपूर ने कहा कि सरकार का उद्देश्य उपभोक्ताओं को सस्ता राशन उपलब्ध करवाना है और गेहॅूं के विकल्प के बजाए सभी उपभोक्ताओं को आटा उपलब्ध करवाने पर विचार किया जा रहा है।

उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार में जहां केवल बुजुर्ग ही हैं, वे 6 किलो गेहूं को पीसने के लिये कहां लेकर जाएंगे। इसके अलावा, गेहॅूं के विकल्प से मासिक कोटे का सही निर्धारण भी नहीं हो पा रहा है।

मंत्री को अवगत करवाया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत राज्य के लिये निर्धारित 36.25 लाख उपभोक्ताओं के लक्ष्य के मुकावले अभी तक लगभग 28 लाख उपभोक्ताओं को ही इस योजना के तहत लाया गया है।

उन्होंने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिये हर संभव प्रयास करने को कहा। उन्होंने कहा कि खण्ड विकास अधिकारियों, पंचायती राज संस्थानों को शामिल करके और परिवारों को इस योजना के तहत लाने की संभावनाओं का पता लगाया जाना चाहिए।

विभाग के टॉल-फ्री नम्बर 1967 पर कर सकते हैं शिकायत

मंत्री ने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग में उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये टॉल-फ्री नंबर 1967 स्थापित किया गया है और सस्ते राशन अथवा उपभोक्ताओं से जुड़ी अन्य शिकायतें इस नम्बर पर की जा सकती हैं। उन्होंने विभाग को इस नम्बर का प्रसार आम जनमानस तक करने को कहा।

राज्य में मजबूत होगी ई-सार्वजनिक वितरण प्रणाली

खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रधान सचिव श्री ओंकार शर्मा ने कहा कि विभाग ई-सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने पर कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि 80 प्रतिशत से अधिक राशन कार्ड आधार से जोड़े जा चुके हैं और मार्च माह तक 90 फीसदी लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि राशन की आपूर्ति करने वाले ट्रकों को जीपीएस प्रणाली से जोड़ने के प्रयास किए जाएंगे ताकि आपूर्ति के समय इनकी ट्रैकिंग की जा सके। इसी प्रकार, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कैशलेस बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं और इस तरह से शत-प्रतिशत पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। डिप्पो होल्डर भी मनमानी नहीं कर सकेंगे।

विभागीय निदेशक श्री मदन चौहान ने धन्यवाद किया और आश्वासन दिया कि विभाग सरकार के निर्णयों व नीतियों को अक्षरशः कार्यान्वित करेगा और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी व उपभोक्ताओं के लिये संतोषजनक बनाया जाएगा।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त निदेशक श्री के.के. शर्मा ने कार्यवाही का संचालन किया। प्रदेश के सभी जिलों के खाद्य, नागरिक आपूर्ति नियंत्रक व खाद्य नागरिक आपूर्ति अधिकारी व विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में उपस्थित थे।

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