सामाजिक व धार्मिक आयोजन के पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा

सामाजिक व धार्मिक आयोजन के पूर्व अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा

भोपाल ( विजय सिंह )- हाथरस हादसे के बाद मध्य प्रदेश में ऐसी हृदयविदारक दुर्घटनाओं को रोकने व्यापक दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।
सचिव मध्यप्रदेश शासन गृह विभाग मंत्रालय बल्लभ भवन भोपाल द्वारा पत्र दिनांक 04 जुलाई 2024 के माध्यम से विभिन्न सामाजिक व धार्मिक आयोजनों के दौरान प्रबंधन एवं समुचित सुरक्षा व्यवस्था की कार्यवाही हेतु दिशा-निर्देश जारी किया गया है। उक्त पत्र के अनुपालन में विभिन्न सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में कार्यक्रम के दौरान अव्यवस्था, भगदड़ तथा अन्य दुर्घटनाओं की स्थिति निर्मित न हो अतः कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी स्वरोचिष सोमवंशी द्वारा भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 (1) के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश प्रसारित किया गया है।
जारी आदेशानुसार आयोजक द्वारा सामाजिक व धार्मिक आयोजनों में संभावित भगदड़ को रोकने की समुचित व्यवस्था, आगमन और निर्गम के रास्तों का सुव्यवस्थित बैरिकेटिंग एवं सुचारू रूप से भीड़ पर समुचित नियंत्रण की व्यवस्था किया जाना अनिवार्य होगा। विपरीत दिशा में लोगों के अचानक प्रवाह को रोकने एवं विपरीत दिशाओं में जाती अत्यधिक भीड़ के बीच टकराव रोकने की भी समुचित व्यवस्था करना अनिवार्य होगा। कार्यक्रम स्थल के सभी सकरे प्रवेश एवं निर्गम द्वारों को चिन्हित कर इनसे प्रवेश एवं निर्गम करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या नियत की जाकर पुलिस प्रशासन/स्थानीय निकाय को अवगत कराना अनिवार्य होगा।
श्रृद्धालुओं के आने-जाने के लिए पृथक-पृथक मार्ग निर्धारित किए जाए और यथासंभव महिला-पुरुष के लिए पृथक-पृथक व्यवस्था की जाए। यदि प्रवेश एवं निर्गम हेतु एक ही द्वार हो, तो कार्यक्रम हेतु अस्थाई द्वार बनाना अथवा किसी अन्य व्यवस्था द्वारा खतरे को कम करने का कार्य पूर्व से निर्धारित किया जाना अनिवार्य होगा। आपात स्थिति में भगदड़ रोकने हेतु आपातकालीन द्वार एवं प्रेशर रिलीज प्वाईन्ट पूर्व से ही चिन्हित कर, उसे आपात स्थिति के दौरान खोलने हेतु प्रक्रिया निर्धारित किया जाना आवश्यक होगा। लोगों की सुरक्षा के लिए सी.सी.टी.व्ही कैमरे, लाउडस्पीकर की व्यवस्था, वॉच टावर की व्यवस्था किया जाना आवश्यक होगा।
यातायात प्लान एवं जगह-जगह पर पर्याप्त पार्किंग की व्यवस्था किया जाना अनिवार्य होगा। यदि आयोजन स्थल के पास नदी, नाला आदि हो तो वहाँ सेवादार अथवा पुलिस बल की तैनाती के साथ नाव तथा गोताखोर की व्यवस्था रखी जाये और यदि उसे पार करने के लिए स्थाई पुल न हो तो अस्थाई पुल का निर्माण कराया जाना आवश्यक होगा। उपहार/भोजन/प्रसाद/कंबल आदि के मुफ्त वितरण के दौरान भगदड़ रोकने की व्यवस्था की जाना एवं अधिक भीड़ होने पर सामग्री के वितरण पर प्रतिबंध लगाना अनिवार्य होगा।
कार्यक्रम स्थल पर अग्निशमन यंत्रों को आयोजकों द्वारा लगाया जाना अनिवार्य होगा। आयोजन के दौरान अग्निशमन वाहनों, एम्बुलेंस आदि आपातकालीन वाहनों को व्यवस्थित रूप से रखने हेतु स्थल निर्धारित किया जाना अनिवार्य होगा। कार्यक्रम स्थल पर समुचित बिजली, शुद्ध पेय जल एवं सुलभ शौचालय आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। विद्युत एवं पानी की व्यवस्था का अचानक तथा लंबे समय तक ठप्प होने की स्थिति में वैकल्पिक साधनों की व्यवस्था यथा जनरेटर, पानी के टेंकर आदि की व्यवस्था किया जाना अनिवार्य होगा। आयोजनों के होने से पूर्व आयोजकों द्वारा प्रति 500 व्यक्तियों की भीड़ पर समुचित सेवादारों का प्रबंध किया जाना आवश्यक होगा, इन सेवादारों को पुलिस प्रशासन भी अपने बल से भीड़ नियंत्रण एवं भगदड़ रोकथाम हेतु प्रभावी रूप से नियंत्रण की कार्यवाही करेगी।

कतिपय अफवाह जैसे सांप, बम आदि की अफवाह भी भगदड़ मचा सकती है। अतः इसे नियंत्रित करने हेतु आयोजकों द्वारा लाउडस्पीकर एवं ध्वनियंत्रों के माध्यम से एनाउन्स कराया जाना अनिवार्य होगा। आयोजन स्थल पर चिकित्सा सुविधा व्यवस्था रखी जाए साथ ही चिकित्सक, पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी लगाई जाए तथा मौके पर एम्बुलेंस दवाईयों के साथ रखना अनिवार्य होगा।
उक्तानुसार सम्पूर्ण व्यवस्था आयोजकों द्वारा कराना अनिवार्य होगा। किसी भी सामाजिक व धार्मिक आयोजन के पूर्व आयोजक को संबंधित क्षेत्र के उपखण्ड दण्डाधिकारी से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। उपखण्ड दण्डाधिकारी आयोजन स्थल पर जाकर उपरोक्तानुसार आवश्यक व्यवस्था का निरीक्षण करने के उपरांत ही अनुमति प्रदान करेंगे।
संबंधित थाना प्रभारी/राजस्व अधिकारी/नगरीय व ग्रामीण निकायों के सक्षम अधिकारी को अपने-अपने कार्यालयों के सूचना पटल पर यह आदेश प्रदर्शित कर सामान्य जन एवं संबंधितों को आदेश की जानकारी प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। उपरोक्त आदेश का उल्लंघन करने पर विधि अनुसार दण्डात्मक कार्यवाही किया जावेगा।

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