- May 5, 2016
सात बड़ी कम्पनियों के साथ समझौता
छत्तीसगढ —————— मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, कोयले के मूल्य संवर्धन और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सात बड़ी कम्पनियों के साथ समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौता ज्ञापनों के अनुरूप निवेश कम्पनियों द्वारा छत्तीसगढ़ में लगाए जाने वाले उद्योगों लगभग 236 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश होगा और लगभग दो हजार स्थानीय युवाओं को रोजगार के नये अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘मेक-इन-इंडिया’ अभियान को सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयास लगातार जारी हैं। इसके फलस्वरूप राज्य में नवीन पूंजी निवेश का एक उत्साहजनक वातावरण बना है। डॉ. सिंह ने कहा कि आज किए गए एम.ओ.यू. प्रधानमंत्री के मेक-इन-इंडिया अभियान को सफल बनाने की दिशा में उत्प्रेरक साबित होंगे।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस अवसर पर उनके निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में जिन कम्पनियों ने राज्य सरकार के साथ एम.ओ.यू. किया, उनमें से खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में मेसर्स एस्क्वायरफूड्स एंड बेवरेजेस कम्पनी द्वारा 25 करोड़ रूपए का पूंजी निवेश किया जाएगा। यह कम्पनी मसाला प्रसंस्करण की यूनिट लगाएगी। कम्पनी की यूनिट द्वारा कच्चा माल खरीद कर उसकी साफ-सफाई कर मिलिंग, रोस्टिंग और पैकेजिंग की जाएगी और भण्डारण भी किया जाएगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में मेसर्स एसडीएसएल इलेक्ट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स लिगेरो इलेक्ट्रानिक्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स बीसन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा राज्य सरकार के साथ एम.ओ.यू.पर हस्ताक्षर किए गए। इन तीनों कम्पनियों द्वारा नया रायपुर के इलेक्ट्रॉनिक मैन्यू फैक्चरिंग क्लस्टर (ई.एम.सी.) में एल.ई.डी. निर्माण के लिए 56 करोड़ रूपए का निवेश किया जाएगा। उनकी परियोजनाओं में राज्य के उच्च पेशेवरों और प्रशिक्षित कुशल युवाओं को रोजगार मिलेगा।
एक अन्य एमओयू मेसर्स छत्तीसगढ़ कोल एंडपावर (नाकोड़ा ग्रुप द्वारा संचालित) के साथ 4 एमटीपीए कोलवाशरी प्लांट के लिए हुआ। इस परियोजना की स्थापना कोरबा में की जाएगी और इसमें लगभग 60 करोड़ रूपए का पंूजी निवेश प्रस्तावित है। इसके लिए छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सी.एस.आई.डी.सी.) द्वारा भूमि आवंटन की कार्रवाई प्रचलन में है।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में इस अवसर पर मेसर्स ए.पी.एल. अपोलो ट्यूब्स प्राइवेट लिमिटेड (सुदेश ग्रुप की सहायक इकाई) के साथ भी एम.ओ.यू. हुआ। यह एम.ओ.यू. ई.आर.डब्ल्यू गैलवेनाई गैल्वेनाईज्ड एवं प्रिगैल्वेनाईज्ड स्टील ट्यूब्स एंड हॉलोसेक्शन के लिए किया गया। इसके माध्यम से राज्य में निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। एपीएल अपोलो ट्यूब्सप्रा. लि. द्वारा रायपुर में इस परियोजना में रुपये लगभग 75 करोड़ का पूंजी निवेश किया जाएगा।
कार्यक्रम में मेसर्स तिरुमला बालाजी स्मेल्टर्स प्रा. लि. (रुंगटा इण्डस्ट्रीज की सहायक कंपनी) ने भी राज्य शासन के साथ एम.ओ.यू. किया। यह कम्पनी रेल्वे इंजीनियरिंग प्रोडक्ट का उद्योग लगाएगी। इसके द्वारा रेल्वे ट्रैकइन्सर्ट एवं इलास्टिक रेलक्लिप का निर्माण किया जायेगा। इस परियोजना में लगभग रुपये 20 करोड़ का पूंजी निवेश होगा।
कार्यक्रम में प्रदेश सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री अमर अग्रवाल, मुख्य सचिव श्री विवेक ढांड, ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री बैजेन्द्र कुमार, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री अमन कुमार सिंह, सचिव वाणिज्य एवं उद्योग श्री सुबोध कुमार सिंह, सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं जनसम्पर्क श्री संतोष मिश्रा, मुख्यमंत्री के संयुक्त सचिव श्री रजत कुमार, संचालक उद्योग श्री कार्तिकेय गोयल तथा प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम (सीएसआईडीसी) श्री सुनील मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
समस्त समझौता ज्ञापनों पर छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से सचिव वाणिज्य एवं उद्योग विभाग श्री सुबोध कुमार सिंह ने हस्ताक्षर किए। वहीं एसडीएसएल की ओर से श्री सुमित धानुका, प्रबंध संचालक, लिगेरो की ओर से श्री महेंद्र अग्रवाल, संचालक, बीसन्स कम्पनी की ओर से श्री प्रशांत मंधान, भागीदार, एस्क्वायरफूड्स एंड बेवरेजेस की ओर से श्री आकाश अग्रवाल, तिरुमलाबालाजी स्मेल्टर्स की ओर से श्री मनीष रुंगटा, प्रबंध संचालक, छत्तीसगढ़ कोल एंड पावर की ओर से श्री वीरेंद्र गोयल, संचालक और एपीएल अपोलो ट्यूब्स की ओर से श्री राहुल गुप्ता, संचालक नें एमओयू पर हस्ताक्षर किये।
नॉन कोर सेक्टर हमारी प्राथमिकता ——- कार्यक्रम में डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के वाणिज्य और उद्योग विभाग ने व्यापार व्यवसाय और उद्योग लगाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर काफी काम किया है और जिसमें हमारी गिनती देश के अग्रणी प्रदेशों मे होने लगी है। छत्तीसगढ़ में कोर सेक्टर के अन्तर्गत खनिज, इस्पात, एल्यूमिनियम और सीमेंट उद्योग में अधिकाधिक निवेश हुआ है। अब राज्य सरकार की प्राथमिकता नॉन कोर सेक्टर जैसे खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर ऊर्जा, इंजीनियरिंग आदि के क्षेत्र में निवेशकों को आमंत्रित करने की है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष 2015-16 में छत्तीसगढ़ सरकार ने विभिन्न कम्पनियों के साथ कोर सेक्टर और नॉन सेक्टर को मिलाकर लगभग 54 हजार करोड़ रूपए के पूंजी निवेश समझौतों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें से अधिकांश परियोजनाओं पर काम शुरू हो गया है। नया रायपुर में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (ई.एम.सी.) की स्वीकृति मिलने के बाद राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के क्षेत्र में पूंजी निवेश में काफी उछाल आया है और इस सेक्टर में लगभग 1500 करोड़ रूपए का निवेश मिलने तथा पांच हजार युवाओं के लिए रोजगार के नये अवसर विकसित होने की संभावना है। इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर (ई.एम.सी.) में विभिन्न कम्पनियों द्वारा अपनी यूनिट लगाने के लिए लगभग दो तिहाई स्थानों की बुगिंक कर ली है।